कारण :
यदि सूखी खांसी और गीली खांसी का समय रहते उपचार नहीं किया जाता है तो वह पुरानी खांसी में परिवर्तित हो जाती है।
विभिन्न औषधियों से उपचार-
- तुलसी : तुलसी के रस में अदरक तथा पान का रस, कालीमिर्च, कालानमक और शहद को मिलाकर चाटने से तेज खांसी में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
- कालीतुलसी : काली तुलसी के पत्तों का रस 7 से 14 मिलीमीटर की मात्रा में 4 से 6 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पुरानी खांसी नष्ट हो जाती है।
- अगर : 1 ग्राम अगर का चूर्ण लेकर 6 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पुरानी खांसी नष्ट हो जाती है।
- कालीमिर्च :
कालीमिर्च और मिश्री को बराबर मात्रा में पीस लेते हैं। इसमें इतना घी मिलाते हैं कि गोली बन जाए। इस गोली को मुंह में रखकर चूसने से सभी प्रकार की खांसी ठीक हो जाती है।
1 ग्राम कालीमिर्च के बारीक चूर्ण को लगभग 10 ग्राम घी में डालकर, 4 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पुरानी खांसी में बहुत अधिक लाभ मिलता है। - अड़ूसा : अड़ूसा की चटनी का सेवन पुरानी खांसी में बहुत उपयोगी होता है।
- पीपल : पीपल के पत्तों को चिलम में भरकर धूम्रपान करने से पुरानी खांसी ठीक हो जाती है।
- आंवला : आंवला के बारीक चूर्ण में पिसी हुई मिश्री को मिलाकर पानी के साथ सेवन करने से पुरानी खांसी नष्ट हो जाती है।
- केला : केले का शर्बत 2-2 चम्मच 1-1 घंटे के अन्तर से पीने से पुरानी खांसी में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
- लाख : कपड़े में छना हुआ 2 चुटकी लाख का चूर्ण तथा सुपारी के बराबर मक्खन को पिघलाकर उसमे मिलाकर रोगी को देने से पुरानी खांसी (जिसमें खांसते-खांसते बेहोशी आ जाती हो और खाना पेट में न ठहरता हो) में आराम मिलता है।
- अर्जुन : अर्जुन औषधि का सेवन करने से छाती में जलन, पुरानी खांसी आदि रोग दूर हो जाते हैं।
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