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मनुष्य को शुभ कार्य करके इस देह का सदुपयोग करना चाहिए। जो मनुष्य प्रत्येक दिन सत्कार्य करते हैं, वास्तव में उनका ही जीवन सफल होता है l आपको बोध होना चाहिए कि वह प्रेम स्वरूप परमात्मा हमारे भीतर विराजमान है। आप अपना मन और विचार सब के लिए निर्मल रखे .किसी से राग द्वेष कुछ ना करे और हर व्यक्ति मे ठाकुर जी का वन्दन करे l स्वयं के हृदय मे जब तक करुणा, परोपकार भावना, सत्यता, सरलता नही आएगी तब तक भगवान की कृपा और भक्ति प्राप्त नही होती l*
जब तक भीतर से परमात्मा के लिऐ तीव्र जिज्ञासा और तड़प नही होगी तब तक ईश्वर की ना अनुभूति होगी ना प्राप्ति होगी l प्रभु के निकट आना हो तो उसे ईश्वर पर भरोसा रखने की जरूरत है और फिर भगवान आपका भरोसा कभी भी टूटने नही देंगे। अतः सत्कर्म करते रहे। एक छोटा सा नित्य किया गया सत्कर्म आपको परमात्मा के चरणों तक पहुंचा सकता है l भगवान् कहते हैं कि तुम्हारा चिन्तन अगर सच्चा हो गया, तो यकीन मानिए बाँके बिहारी और राधा रानी आपके साथ हर पल होंगे।🙏🏼जय जय श्री राधे*🙏🏻