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साइनस

साइनस नाक का एक रोग है। आयुर्वेद में इसे प्रतिश्याय नाम से जाना जाता है। सर्दी के मौसम में नाक बंद होना, सिर में दर्द होना, आधे सिर में बहुत तेज दर्द होना, नाक से पानी गिरना इस रोग के लक्षण हैं। इसमें रोगी को हल्का बुखार, आंखों में पलकों के ऊपर या दोनों किनारों पर दर्द रहता है।

तनाव, निराशा के साथ ही चेहरे पर सूजन आ जाती है। इसके मरीज की नाक और गले में कफ जमता रहता है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति धूल और धुवां बर्दाश्त नहीं कर सकता। साइनस ही आगे चलकर अस्थमा, दमा जैसी गंभीर बीमारियों में भी बदल सकता है। इससे गंभीर संक्रमण हो सकता है।

क्या होता है साइनस रोग

साइनस में नाक तो अवरूद्ध होती ही है, साथ ही नाक में कफ आदि का बहाव अधिक मात्रा में होता है। भारतीय वैज्ञानिक सुश्रुत एवं चरक के अनुसार चिकित्सा न करने -से सभी तरह के साइनस रोग आगे जाकर ‘दुष्ट प्रतिश्याय’ में बदल जाते हैं और इससे अन्य रोग भी जन्म ले लेते हैं। जिस तरह मॉर्डन मेडिकल साइंस ने साइनुसाइटिस को क्रोनिक और एक्यूट दो तरह का माना है

आम धारणा यह है कि इस रोग में नाक के अंदर की हड्डी का बढ़ जाती है या तिरछा हो जाती है जिसके कारण श्वास लेने में रुकावट आती है। ऐसे मरीज को जब भी ठंडी हवा या धूल, धुवां उस हड्डी पर टकराता है तो व्यक्ति परेशान हो जाता है।

चिकित्सकों अनुसार साइनस मानव शरीर की खोपड़ी में हवा भरी हुई कैविटी होती हैं जो हमारे सिर को हल्कापन व श्वास वाली हवा लाने में मदद करती है। श्वास लेने में अंदर आने वाली हवा इस थैली से होकर फेफड़ों तक जाती है। इस थैली में हवा के साथ आई गंदगी यानी धूल और दूसरे तरह की गंदगियों को रोकती है और बाहर फेंक दी जाती है। साइनस का मार्ग जब रुक जाता है अर्थात बलगम निकलने का मार्ग रुकता है तो ‘साइनोसाइटिस’ नामक बीमारी हो सकती है।

वास्तव में साइनस के संक्रमण होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है। सूजन के कारण हवा की जगह साइनस में मवाद या बलगम आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद हो जाते हैं। इस वजह से माथे पर, गालों व ऊपर के जबाड़े में दर्द होने लगता है।

इसका उपाय:

इस रोग में सर्दी बनी रहती है और कुछ लोग इसे सामान्य सर्दी समझ कर इसका इलाज नहीं करवाते हैं। सर्दी तो सामान्यतः तीन-चार दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन इसके बाद भी इसका संक्रमण जारी रहता है। अगर वक्त रहते इसका इलाज न कराया जाए तो ऑपरेशन कराना जरूरी हो जाता है। लेकिन इसकी रोकथाम के लिए योग में क्रिया और प्राणायाम को सबसे कारगर माना गया है। नियमित क्रिया और प्राणायाम से बहुत से रोगियों को 99 प्रतिशत लाभ मिला है।

इस रोग में बहुत से लोग या सिकाई का प्रयोग करते हैं और कुछ लोग प्रतिदिन विशेष प्राकृतिक चिकित्सा अनुसरा नाक की सफाई करते हैं। योग से यह दोनों की कार्य संपन्न होते हैं। प्राणायाम जहां स्टीम का कार्य करता है वही जलनेती और सूत्रनेती से नाक की सफाई हो जाती है। प्रतिदिन अनुलोम विलोम के बाद पांच मिनट का ध्यान करें। जब तक यह करते रहेंगे साइनस से आप कभी भी परेशान नहीं होंगे।

शुद्ध भोजन से ज्यादा जरूरी है शुद्ध जल और सबसे ज्यादा जरूरी है शुद्ध वायु। साइनस एक गंभीर रोग है। यह नाक का इंफेक्शन है। इससे जहां नाक प्रभावित होती है वहीं, फेंफड़े, आंख, कान और मस्तिष्क भी प्रभावित होता है इस इंफेक्शन के फैलने से उक्त सभी अंग कमजोर होते
.एक चम्मच मेथी दाने को एक कप पानी में पांच मिनट तक उबालें। इसके बाद इस पानी को छान लें। चाय की तरह पानी को पिएं। फायदा होगा।

2.आधा कप पानी में कुछ बूंदे युकेलिप्स तेल की डालें। इस पानी को ढककर उबालें। फिर स्टीम लें। यह साइनस सिरदर्द से तुरंत राहत देने वाला नुस्खा है।

इसके अलावा सिकाई भी की जा सकती है. करना ये होगा कि गर्म पानी की बोतल गालों के ऊपर रखकर इसे प्रकिया को कुछ देर तक दोहराएं. ऐसा करने से आपको काफी राहत मिलगी.

जब साइनस की समस्या ज्यादा परेशान करने लगे तो सहजन की फली का सूप लहसुन, प्याज, काली मिर्च और अदरक डालकर बनाएं। इस सूप को गर्मा गर्म पीने से बहुत लाभ होता है।

एक कप पानी गुनगुना कर लें। इस पानी में अदरक को बारीक काटकर डाल लें। कुछ देर बाद छानकर धीरे-धीरे इस पानी को पी जाएं। राहत मिलेगी।

गाजर में प्राकृतिक रूप से ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो साइनस रोग में लाभकारी होता है. इसे आप चुकंदर, खारे पालक के रस के साथ भी ले सकते हैं और अकेले भी.

8.इसके लिए आप जीरा लेकर किसी कपडे़ में बांध लें. इसके बाद इसे नाक के करीब ले जाकर तेज-तेज सांस लें. ऐसा करने से आपको तुरंत राहत मिलेगी.

साइनस और नाक से जुड़ी सभी बीमारियों के लिए जैसे नाक की हड्डी बढना, नजला, सिरदर्द, छींकें इत्यादि के लिए बेहद ही सरल सा रामबाण उपाय है. आइये जाने

शुद्ध देशी गाय का घी
जो आपको बहुत महंगा मिलेगा इसकी 2-2 बूद गुनगुना करके रात्रि में सोने से पहले दोनो नासिकाओ में डाले और बहुत हल्का सा पिछे की ओर खींचे जैसे सास लेते हैं जब पहला नाक में डाले तो दूसरी नाक को बंद करके हल्का सा ऊपर खींचे। इसी तरह जब दूसरी नाक में डाले तो पहली, नाक बंद रखे और हल्का सा ऊपर खींचे। बिना तकिया लिए 15 मिनट तक लेटे रहे फिर तकिया लगाकर से जाये, बिना किसी से बात किये।

योग को अपनाएं

योग में हर बीमारी का इलाज होता है। साइनसाइटिस एक सांस से संबंधित बीमारी है। इसलिए इस रोग को ठीक करने के लिए कपालभाती प्राणायामकरना चाहिए। जो साइनसाइटिस की समस्या को को जड़ से ठीक कर देता है।

साइनस की बीमारी में अजवाइन एक कारगरघरेलू औषधि है

कैसे करें अजवाइन का प्रयोग

सबसे पहले आप अजवाइन की तीन बड़ी चम्मच लें और उसे एक तवे पर भूने।
अब किसी सूती कपड़े में इन भुने हुए अजवाइन के दानों को डालकर इसे बांध लें। और इसे थोड़ा सा ठंडा होने दें।साइनस की वजह से आपको चेहरे व जबड़े में जिस भी हिस्से में दर्द हो रहा हो उस जगह पर हल्का.हल्का इसे रखें। इस उपाय से साइनस के दर्द से बहुत ज्यादा आराम मिलता है।

मेथी की चाय

मेथी की चाय में मौजूद गुण साइनस की बीमारी की रोकथाम करते हैं। चाय आप जैसे बनाते हैं वैसे ही बनाएं बस उसमें मेथी के कुछ दानों को भी डाल लें। और इस चाय का नियमित सेवन करें। मेथी के दानों की चाय साइनस के दर्द में भी राहत देती है।

तुलसी का उपयोग

काली मिर्च के चूर्ण को तुलसी के पत्तों में डालकर इसे दिन में दो से तीन बार सेवन करें। इस उपाय से साइनस रोग मे राहत मिलती है।साइनस की बीमारी से परेशान लोगो को शहद को तुलसी के रस में डालकर इसका सेवन करना चाहिए। इससे सांस लेने में आ रही परेशानी दूर हो जाती है।

तुलसी का अन्य घरेलू नुस्खा

काली मिर्च के दस दाने
एक गिलास पानी
15 तुलसी के पत्ते
और अदरक

इन तीनों को अच्छी तरह से मिक्सर या सिलबट्टे पर पीस कर चूर्ण बना लें और इसको एक गिलास पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक यह आधा न रह जाए। इसके बाद इसे छानें और हर एक घंटे के बाद इसे पीते रहें। यह उपाय साइनस के रोग को ठीक करता है।

जीरे का काढ़ा

हर घर में जीरा मौजूद रहता है। जीरे में प्राकृतिक गुण होते हैं और यह भी साइनस का इलाज करता है।

कैसे बनाएं जीरे का काढ़ा

बहुत ही आसान तरीके से बना सकते हैं जीरे का काढ़ा। इसके लिए आपको थोड़ा अदरक
जीरे की एक छोटी चम्मच
तुलसी के पत्ते
और एक बड़ा गिलास पानी
सबसे पहले आप एक गिलास पानी काे उबालें और इसमें अदरक, तुलसी के पत्ते और जीरे को डाल दें। और फिर इसे छानकर गुनगुना करके इसका सेवन करें। यह उपाय आपको साइनस के दर्द में राहत देगा।

गरम पानी

साइनसाइटिस के रोगियों को चाहिए कि वे हमेशा गरम या गुनगुना पानी पीएं।

भाप ले

किसी बर्तन में पानी को गर्म करें और उसमें काली तुलसी के पत्तों को डालकर उसका भाप लें। इस घरेलू उपाय से साइनसाइटिस के दर्द और कफ से राहत मिलती है।
इन आसान घरेलू नुस्खों को अपनाकर आप साइनस रोग से राहत पा सकते हो। लेकिन इसके लिए इस बात का ध्यान जरूर रखें कि जो भी उपाय आप कर रहे हो वे नियमित रूप में हो। जिससे जल्दी से यह बीमारी ठीक हो सके।👏👏

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