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अल्सरेटिव कोलाइटीस (आंतो की सुजन )कारण,लक्षण और घरेलु इलाज

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग में पेट की बड़ी आंतो के रोग के बारे में जाना जाता है अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग मलाशय की स्लेस्मा झील्ली के क्षतिग्र्स्त होने से अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग होता है स्लेस्मा झील्ली के क्षतिग्र्स्त होने से आंतो में सुजन ,तेज दर्द के साथ आंतो में घाव बन जाते है और इस घाव अथवा छालो से मवाद (पस )निकलने लगता है जब भी हम कुछ खाना खाते है उसके तुरन्त बाद शौच लगने लगती है मल त्याग करते समय मल से गन्दी बदबू का आना मवाद(पस) और ब्लड निकलने जैसी समस्या होने लगती है अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग में पेट में तेज मरोड़े आते है इस रोग के कारण बुखार ,दस्त ,डायरिया ,वजन के घटने अनिद्रा जैसे रोग भी होने लगते है इस रोग का समय पर इलाज करवाना जरुरी है नहीं तो ये समय के साथ बढ़ता जाता है आगे जाकर कैंसर का रूप भी ले सकता है |

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग का कारण –

ऐब्टामीवा नामक कीटाणु ,अथवा हानिकारक बैक्टीरिया के सक्रमण के कारण |
शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने से |
आनुवांशिक और पर्यावरणीय के कारणों से
दुषित भोजन का सेवन करने से |
नशीले प्रदार्थ अथवा बीडी, सिगरेट ,शराब का सेवन करने से
अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग के लक्षण –

तेज पेट दर्द के साथ पेट में मरोड़े आना
मलत्याग करते समय (पस )और ब्लड आना
कुल्लो और घुटने में तेज दर्द का होना
शरीर में ब्लड की कमी और एनीमिया
कब्ज अथवा भोजन के तुरंत बाद शौच लगना |
दिन में 4 -5 बार दस्त लगना |
बुखार आना और शरीर में पानी की कमी

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग का घरेलु इलाज –

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग में सिनुआर के ताजे पत्तो को अच्छे से पीसकर उसका रस निकाल ले इस रस को 10 -20 मिली लीटर लेने से आंतो की सुजन दूर होगी और इसके साथ
सिनुआर ,नीम ,करज और धतूरे के ताजा पत्तो को पीसकर इस मिश्रण को हल्का गरम करके पेट पर बाधेने से इस रोग में शीघ्र लाभ मिलता है |

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग में बरगद के पेड़ की 1 किलो जड लेकर जिसकी मोटाइ अगुली के समान हो उसके एक एक इंच के टुकड़े करके 5 लीटर पानी में डालकर अच्छे से उबाल दे जब पानी एक लीटर रह जाये तब इस पानी को ठंडा करके बोतल में डाल दे इस मिश्रण को 2 -2 चम्मच की मात्रा में सुबह और शाम पीने से कुछ ही समय में ये रोग दूर होगा |

बेल इस रोग में रामबाण की तरह काम करती है इस रोग में बेल पत्र के ताजे पत्तो को पीसकर उसके रस का सेवन सुबह और शाम करने से शीघ्र ही रोग दूर होता है इस रोग के बेहतर परिणाम के लिये आप बेल गिरी का हलवा अथवा पक्का हुवा गुदा बनाकर पहले बेलपत्र के रस का सेवन करे उसके बाद इसके हलवे को खाने से पेट की आंतो की सुजन दूर होगी और घाव भी जल्दी भरेगे |

एक 200 मिलीलीटर छाछ में एक कप पालक का रस एक कप पतागोबी का रस मिलाकर इस मिश्रण को अच्छे से मिक्स करके सुबह -शाम सेवन करने से अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग दूर होता है आप चाहे तो एक गिलास पानी में तीन चम्मच शहद और आधा नीबू का रस मिलाकर पिने से भी रोग दूर होता है
आप इस रोग में पत्तागोबी के पत्तो का रस निकालकर सुबह और शाम 1 गिलास दिन में दो बार इसके रस का सेवन करने से मात्र 30 दिन में ये रोग जड़ से खत्म होगा |
इसके रस से आंतो के घाव जल्दी भरते है और मवाद और (पस )निकलना भी बंद होता है |

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग में एलोवेरा का सेवन आंतो के घाव को भरने और पस निकलने से रोकने के लिये करे सुबह खाली पेट 1 गिलास गर्म पानी में 10 मिली लीटर एलोवेरा का रस लेकर सेवन करे और धीरे धीरे एक महीने तक इसकी मात्रा को बढाकर 30 मिली लीटर करने से ये रोग जड़ से खत्म होगा |

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग में गेहूं के ताजा जवारे को पीसकर इसके रस को छानकर सुबह खाली पेट 1 गिलास सेवन करने से 60 दिन में ये रोग शीघ्र ही दूर होगा इस का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबुत होता है और आंतो के घाव भरते है |

अनानास के रस का सेवन सुबह और शाम 1 गिलास पिने से आंतो की सुजन दूर होगी और दर्द भी दूर होगा इस रोग में जल्दी आराम मिलता है |

आप चाहे तो 1 गिलास छाछ को सुबह और शाम पिने से आंतो में जमा मैल भी साफ होगा और आंतो का दर्द और जलन भी दूर होगी |

अल्सरेटिव कोलाइटीस में निर्गुण्डी के ताजे पतों को पीसकर उसके 2 चम्मच रस में 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह और शाम लेने से रोग दूर होता है |इसके साथ जब भी पेट दर्द हो हिंग का लेप दर्द वाले स्थान पर करने से दर्द में राहत मिलती है |जितना हो सके रोजाना कपाल भाती करे |

आंतो की सुजन दूर करने के लिए 180 ग्राम गाजर का रस ,150 ग्राम चकुंदर का रस ,160 ग्राम खीरे का रस मिलाकर पीने से सुजन दूर होती है आप इस रोग में सेव का सेवन सुबह और शाम करने से सुजन दूर होगी |

अल्सरेटिव कोलाइटीस रोग में नागदन्ती की जड की छाल 3 -6 ग्राम दालचीनी के साथ सुबह और शाम लेने से आंतो का दर्द और जलन दूर होती

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