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भूला बिसरा स्वास्थ्यवर्धक फल…. शरीफा


 शरीफा को अँग्रेजी में कस्टर्ड एपल या शुगर एपल कहते हैं। घर के बागीचों में मिलने वाला यह पेड़ अब अपनी पहचान खोता जा रहा है। कुछ समय पहले तक शहर कस्बे में आसपास, मुहल्ले के बागीचे हो या गाँव घर की बाड़ियाँ किसी न किसी के यहाँ शरीफे का पेड़ लगा मिल जाता था। अब आसपास के घरों में क्या दूर तक कई मुहल्लों में नज़र नहीं आते। बचपन में शायद ही कभी शरीफा खरीद कर खाया होगा। मौसम आते ही आसपास इतने शरीफे मिल जाते थे कि खरीद कर खाने की ज़रूरत नहीं रह जाती थी। पर आज स्थितियाँ बहुत अलग हैं।
 शरीफे का ज्यादा उपयोग फल के रूप में होता है। इसका पका फल खाने में बहुत मीठा और अच्छा लगता है। पके शरीफे के गूदे (फ्रूट फ्लेश / पल्प) में हल्की सुगंध भी होती है। इसका शर्बत और खीर भी बनाई जाती है। पके फल के गूदे का इस्तेमाल आइसक्रीम में भी होता है। कुछ लोग इसके गूदे का जैम में भी इस्तेमाल करते हैं।
 कार्बोहाइड्रैट, विटामिन, और मिनेरल्स के स्रोत के रूप में देखा जाता है शरीफा। ये विटामिन सी, फाइबर और ऊर्जा के अच्छे स्रोतों में गिना जाता है। इसमें आइरन भी पाया जाता है। विटामिन बी समूह से इसमें थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियसिन की उपस्थिति और विटामिन ए की उपस्थिति दर्शाते हैं। मिनरल्स में इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, कॉपर, मैगनीज़, ज़िंक और क्रोमियम पाये जाते हैं। प्रोटीन अंश भी इसमें पाये जाते हैं।शरीफा एंटीओक्सीडेंट गुणों से भरपूर है जो कैंसररोधी होता है।इन सभी तत्वों की उपस्थिति इसे चिकित्सीय, औषधीय, एवं स्वास्थ्य वर्धक गुण प्रदान करती है।
 शरीफा एक अच्छा टॉनिक, मांसवर्धक, हड्डियों और दाँतों को सुरक्षा, मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने, हृदय रोगों से बचाव करने वाला है। ये दिमाग को तेज करने और तंत्रिका तंत्र को लाभ पहुँचाने में भी सहायक है।ये रोगप्रतिरोधक क्षमता, भूख बढ़ाने वाला, शोथरोधी, कैंसर-रोधी, मधुमेह – रोधी, एनीमिया-रोधी, रेचक, दृष्टि वर्धक, शामक (सेडेटिव), हृदय, लिवर और कोलन को सुरक्षा देने वाला, पाचन को मजबूत करने वाला, त्वचा पर आने वाली झुर्रियों पर नियंत्रण करने, शरीर में द्रव और अम्ल संतुलन बनाने और विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालने का गुण लिए है।
 ये एनीमिया, उल्टी, कब्ज़, खाँसी, मिचली, जलन, खराब ट्यूमर या कैंसर, अल्सर, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, तनाव, डिप्रेशन, आर्थेराइटिस, गठिया, अपच, जठरांत्रीय संक्रमण (गैस्ट्रोइंटेस्टीनल इन्फ़ैकशन), त्वचा के संक्रमण, दांतों और मसूढ़ों में दर्द, यूरिक एसिड, एस.जी.पी.टी., एस.जी.ओ.टी. और कोलेस्टेरोल के बढ़े हुए स्तर के इलाज में सहायक माना गया है।
 यह रक्त में शुगर के बढ़े हुए स्तर को कम करने में भी सहायक माना गया है जिसके लिए इसकी सीमित मात्रा में ही सेवन लाभकारी माना गया है।
शरीफा गर्भवती स्त्रियॉं के लिए भी लाभकारी माना गया है। यह गर्भस्थ शिशु के दिमाग, तंत्रिका तंत्र, और प्रतिरक्षा तंत्र के विकास में सहायक माना गया है। स्तनपान वाली माताओं में दूध की मात्रा बढ़ाने में भी सहायक समझा गया है।

¶¶ नोट:
किसी भी नए भोज्य पदार्थ को अपने भोजन में शामिल करने से पहले या भोज्य पदार्थ को नियमित भोजन (रूटीन डाइट) का हिस्सा बनाने से पहले अपने डाइटीशियन, और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

          ¶  शरीफा खाइए स्वस्थ रहिए जी ¶

सीताफल जहॉ भी दिख जाये खाना जरूर …. कारण आपको बता रहा हूँ

सीताफल एक ऐसा फल है जो सर्दी के मौसम में बाजारों में मिलता है । सीताफल को इंग्लिश में कस्टर्ड एप्पल कहते है और शरीफा नाम से भी ये फल जाना जाता है । सीताफल ये अनगिनत औषधियों में शामिल है ये फल पकी हुई अवस्था में बहार से सख्त और अंदर से नरम और बहुत ही मीठा होता है । इसका अंदर का क्रीम सफ़ेद रंग का और मलाईदार होता है । इसके बीज काले रंग के होते है । मार्किट में आजकल सीताफल की बासुंदी शेक और आइसक्रीम भी मिलते है । यह हमारे सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है । इसमें विटामिन होता है इसके अलावा इसमें नियासिन विटामिन ए राइबोफ्लेविन थियामिन ये तत्व होते है इसके इस्तेमाल से हमें आयरन कैल्शियम मॅग्नीज़ मैग्नेशियम पोटैशियम और फोस्फरस मिलते है । खास बात यह है कि सीता फल में आयरन अधिक मात्रा में होता है । इसके अन्दर मौजूद पोटैशियम और मैग्नेशियम ह्रदय के लिए बहोत ही अच्छा होता है मैग्नेशियम शरीर में पानी की कमी नहीं होने देता इसके फाइबर की प्रचुर मात्रा से ब्लड प्रेशर अच्छा रहता है । इससे कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है । इसमें विटामिन और आयरन खून की कमी को दूर करके हीमोग्लोबिन बढ़ता है ।

सीताफल का लाभ नम्बर एक :-
अगर आपको कब्ज की समस्या हो तो सीता फल से ये दूर हो सकती है । सीता फल में पर्याप्त मात्रा में कॉपर तथा फायबर होते होते हैं जो मल को नरम करके कब्ज की समस्या को मिटा सकते है । इसके उपयोग से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है ।

सीताफल का लाभ नम्बर दो :-
गर्भवती महिला के लिए सीता फल खाना लाभदायक होता है इससे कमजोरी दूर होती है, उल्टी व जी घबराना ठीक होता है । सुबह की थकान में आराम मिलता है, शिशु के जन्म के बाद सीताफल खाने से ब्रेस्ट दूध में वृद्धि होती है ।

सीताफल का लाभ नम्बर तीन :-
यदि आप कमजोर हो या आपको वजन बढ़ाना हो तो सीता फल का भरपूर उपयोग करना चाहिए। इसमें प्राकृतिक शक्कर अच्छी मात्रा में होती है। जो बिना किसी नुकसान के वजन बढ़ाकर व्यक्तित्व आकर्षक दे सकती है । इसके नियमित सेवन से पिचके हुए गाल और कूल्हे पुष्ट होकर सही आकार में आ जाते हैं और व्यक्तित्व में निखार आता है ।

सीताफल का लाभ नम्बर चार :-
सीता फल के पेड़ की छाल में पाए जाने वाले टैनिन के कारण इससे दांतों और मसूड़ों को लाभ मिलता है । सीता फल दांत और मसूड़ों के लिए फायदेमंद होता है । इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम दांत मजबूत बनाता है।। इसकी छाल को बारीक पीस कर मंजन करने से मसूड़ों और दांत के दर्द में लाभ होता है । यह मुंह की बदबू भी मिटाता है ।

सीताफल का लाभ नम्बर पाँच :-
सीता फल में पाए जाने वाले विटामिन ‘ए’, विटामिन ‘सी’, तथा राइबोफ्लेविन के कारण यह आँखों के लिए फायदेमंद होता है। यह नेत्र शक्ति को बढ़ाता है तथा आँखों के रोगों से भी बचाव करता है । जिन लोगों का काम ज्यादा लैपटोप प्रयोग वाला होता है उनके लिये इस फल का नियमित सेवन करना बहुत ही अच्छा लाभकारी रहता है ।

सीताफल का लाभ नम्बर छः :-
यह मानसिक शांति देता है तथा डिप्रेशन तनाव आदि को दूर करता है । कच्चे सीताफल के क्रीम खाने से दस्त व पेचिश में आराम आता है। कच्चे क्रीम को सूखा कर भी रख सकते है। जरुरत पड़ने पर इसे भिगो कर खाने पर यह दस्त मिटाने में उपयोगी होता है ।
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