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नमस्कार . . आज़ जानकारी वास्तु की .
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= मुख्य द्वार : घर के मुख्य द्वार पर मांगलिक चिन्हों जैसे – ऊँ, स्वास्तिक का प्रयोग करना चाहिए . घर में मुख्य द्वार जैसे अन्य द्वार नहीं बनाने चाहिए तथा मुख्य द्वार को फल, पत्र, लता आदि के चित्रों से अलंकृत करना चाहिए . . मुख्य द्वार पर कभी भी वीभत्स चित्र इत्यादि नहीं लगाने चाहिए . .
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= बैठक कक्ष या ड्राइंग रूम : इस कक्ष में फर्नीचर, शो केस तथा अन्य भारी वस्तुएं दक्षिण-पश्चिम या नैऋत्य में रखनी चाहिए . इस कक्ष में यदि कृत्रिम पानी का फव्वारा या अक्वेरियम रखना हो तो उसे उत्तर-पूर्व कोण में रखना चाहिए . . टीवी दक्षिण-पश्चिम या अग्नि कोण में रखा जा सकता है . . बैठक में ही मृत पूर्वजों के चित्र दक्षिण या पश्चिमी दीवार पर लगाना चाहिए . . इस कक्ष की दीवारों का हल्का नीला, आसमानी, पीला, क्रीम या हरे रंग का होना उत्तम होता है . .
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= शयन कक्ष : शयन कक्ष में कभी भी देवी-देवताओं या पूर्वजों के चित्र नहीं लगाने चाहिए . . इस कक्ष में पलंग दक्षिणी दीवारों से सटा होना चाहिए . सोते समय सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में होना चाहिए . शयन कक्ष में सोते समय पैर दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए . शयन कक्ष में दर्पण नहीं होना चाहिए, इससे परस्पर कलह होता है . . इस कक्ष की दीवारों का रंग हल्का होना चाहिए . .
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= रसोईघर : रसोई गृह में भोजन बनाते समय गृहिणी का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए . बरतन, मसाले, राशन इत्यादि पश्चिम दिशा में रखने चाहिए . .बिजली के उपकरण दक्षिण-पूर्व में रखने चाहिए . जूठे बरतन तथा चूल्हे की स्लैब अलग होनी चाहिए। रसोईघर में दवाइयां नहीं रखनी चाहिए . . रसोईघर में काले रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए . . यह हरा, पीला,क्रीम या गुलाबी रंग का हो सकता है . .
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= पूजाघर : घर में पूजा घर या पूजा का स्थान ईशान कोण में होना चाहिए . पूजा घर में मूर्तियां या फोटो इस तरह से रखनी चाहिए कि वे आमने-सामने न हों . . मूर्तियां बारह अंगुल से अधिक ऊंची नहीं रखना चाहिए . . पूजा गृह शयन कक्ष में नहीं होना चाहिए . यदि शयनकक्ष में पूजा का स्थान बनाना मजबूरी हो तो वहां पर्दे की व्यवस्था करनी चाहिए . . पूजा गृह हेतु सफेद, हल्का पीला अथवा हल्का गुलाबी रंग शुभ होता है . .
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= स्नानगृह तथा शौचालय : स्नानगृह की आंतरिक व्यवस्था में नल को पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाना चाहिए जिससे स्नान के समय मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो . स्नान घर में वॉश बेसिन ईशान या पूर्व में रखना चाहिए . . गीजर, स्विच बोर्ड आदि अग्नि कोण में होना चाहिए . . बाथटब इस प्रकार हो कि नहाते समय पैर दक्षिण दिशा में न हों . बाथरूम की दिवारों या टाइल्स का रंग हल्का नीला, आसमानी, सफेद या गुलाबी होना चाहिए . . शौचालय में व्यवस्था इस प्रकार हो कि शौच में बैठते समय मुख दक्षिण या पश्चिम में हो . .
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