Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

संकल्प हाथ में पानी लेकर क्यों करते हैं ?
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कई बार आपने देखा होगा कई लोग संकल्प लेते समय, कोई कसम उठाते समय हाथ में पानी लेते हैं। कई बार सच उगलवाने के लिए हाथ में गंगाजल का पात्र भी थमा दिया जाता है। पूजापाठ, कर्म कांड में तो सारे संकल्प ही हाथ में जल लेकर किए जाते हैं। आखिर पानी में ऐसा क्या होता है कि उसे उठाए बगैर सारे संकल्प अधूरे माने जाते हैं? आखिर क्यों गंगा जल उठाकर कसमें खिलवाई जाती हैं? पानी में ऐसा क्या है जिससे उसका इस सब में इतना महत्व है? ऐसे कई सवाल आपके दिमाग में भी कौंधते होंगे।

वास्तव में पानी को सारे ही धर्मों में सबसे पवित्र माना गया है। जल को सभी धर्मों ने देवता माना है। वेदों में जल के देवता वरूण को ही ब्रह्म माना गया है। जल से ही सारी सृष्टि का जन्म हुआ है। इस कारण जल को सबसे ज्यादा पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। हमारे दिमाग में करीब 75 प्रतिशत पानी ही है, यह इस बात का प्रतीक है कि हम जब भी कोई कार्य करेंगे हमारी बुद्धि को जागृत और स्थिर रखकर ही करेंगे। हमारे शरीर में लगभग 70 प्रतिशत तरल पदार्थ होते हैं। पानी को हाथ में उठाने का अर्थ है एक तरह से स्वयं की कसम उठाना, या स्वयं को साक्षी मानकर कोई संकल्प लेना।.
जल को इस कारण भी उठाया जाता है क्योंकि इस पूरी सृष्टि के पंचमहाभूतों अग्रि, पृथ्वी, आकाश, वायु और जल में भगवान गणपति जल तत्व के अधिपति हैं, उन्हें आगे रखकर संकल्प लेना यानी संकल्प में सभी शुभ हो ऐसी प्रार्थना भी शामिल होती है। इस कारण जल को हाथ में रखकर संकल्प लिया जाता है।

Recommended Articles

Leave A Comment