Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

मित्रो आज बात करते है कर्म की कर्म की प्रधानता ऋषियों मुनियों ने दी है औऱ शास्त्रों मे भी वर्णित है की कर्म करना चाहिए सवाल ये है की सड़क पर पत्थर तोड़ते इन्सान जिसका पसीना एड़ी से लेकर चोटी तक एक होता है क्या वो कर्म हीन है जो दो time की रोटी भी ढंग से नही खा पाता तो खुद मित्रो सोचिए मतलब वो कौन सा कर्म है जिसके करने से निरोगता औऱ सम्पन्नता आती है तो दोस्तो उस कर्म की व्याख्या होनी चाहिए उस कर्म क़ो करना चाहिए मित्रो कुछ कर्म 100% सही लिख रहा उस पर गौर कीजिए
अगर लग्नेश कमजोर हो लग्नेश क़ो बलवान करने क़ा कर्म कीजिए अगर नही करोगे तो दुनिया असमय छोड़नी पड़ेगी अगर धनेश्वर कमजोर हो तो कितनी भी योग्यता हो लेकिन जीवन भर धन नही कमा पाओगे केवल हाय हाय रहेगी
अगर चौथेस पीड़ित हो तो मकान औऱ वाहन सुख की प्राप्ति मे समस्याए तो उसका कर्म कीजिए अगर पंचम पीड़ित पति पत्नी के तो पुत्र प्राप्ति नही होगी गर्भ मे ही नष्ट होगे तो उसके कर्म कीजिए मित्रो ऋषियों मुनियों ने स्त्रौत्रौ की रचना की थी उनका प्रयोग कीजिए कर्म वाकयी प्रधान है लेकिन अगर कर्म हीन बनोगे तो जो ग्रहो की रचना होगी वही मिलेगा कुछ कर्म हीन लोग कहते है की जो लिखा है किस्मत मे वो होगा सकल पदारथ है जग माही कर्म हीन नर पावत नाही इस बात क़ो तुलसी जी ने भी कहा मित्रो सारा दिन मेहनत करते हो पैसे के लिए तो पैसे ही तो मिलेगे जिसका जैसा धनेश्वर की स्तिथि होगी 24 घंटे मे दो घंटे आप स्तोत्र क़ा पाठ करे सुबह औऱ शाम या रात्रि समय जैसा आपके पास तो दावा है कुछ बरसो मे जीवन 100% बदल जाएगा केवल आपको स्त्रौत्रौ क़ो पूर्ण विश्वास औऱ श्रद्धा के साथ करना है कर्म योगी के लिए असम्भव कुछ भी नही है बस कर्म करने की आवश्कता है कुण्डली के भावो क़ा अध्धयन किसी अच्छे ज्ञानी से कराए जिसे ज्योतिष क़ा ज्ञान हो औऱ फिर उपाय रूपी पाठ करे जीवन क़ो सफल कीजिए एक पंथ दो काज एक तो ये जीवन सफल दूसरा आवागमन से मुक्ति

Recommended Articles

Leave A Comment