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क्या आपके हाथ में विशेष मंगल रेखा है

जीवन रेखा के समानांतर जब भी कोई रेखा सिस्टर लाइन की तरह उसके पास से होकर जाती है वह रेखा Vishesh मंगल रेखा कहलाती है और यह हमेशा जीवन रेखा के गुणों को मजबूती देती है एक सुरक्षा कवच के समान जीवन में काम करती है किसी भी आने वाली परेशानी से बचने के लिए यह एक बहुत ही अच्छा सुरक्षा कवच होता है और इसका असर कुंडली में मंगल के माध्यम से भी देखा जा सकता है इसके अलावा जब भी किसी भी रेखा के समानांतर कोई रेखा होती है तो वह सुरक्षा कवच का काम करती है

जिस प्रकार से भाग्य रेखा के समानांतर अगर कोई रेखा होती है चाहे कितनी भी छोटी क्यों ना हो वह रेखा भाग्य रेखा में उस खास विशेष समय में जब वह रेखा बनी है उस समय एक सुरक्षा कवच की तरह जीवन में काम करती है और यह रेखा किसी ऐसे इंसान को दर्शाती है जो जीवन में सुरक्षा की तरह काम करता है उसका समय में

जिन लोगों के जीवन रेखा के समानांतर कोई रेखा होती है यह रेखा प्राण ऊर्जा की वृद्धि करती है जो शरीर में किसी भी प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है इसके अलावा यह मंगल के समान ज्यादा ऊर्जा होने के कारण कुछ विशेष परिस्थितियों में एक नुकसान का कारण भी बन सकती है उसमें से नुकसान उसी क्षेत्र में होगा जिस विशेष ग्रह में कमजोरी होगी जैसे कि अगर शुक्र पर्वत कमजोर है तो यह मंगल की ओर जा शुक्र पर्वत कमजोर होने के कारण इंसान में शुक्र से संबंधित विकास या परेशानियां दे सकती है जिसमें अवैध संबंध की तरफ भी इशारा होता है इसके अलावा अगर मंगल रेखा ज्यादा प्रभावशाली है तो इंसान को जीवन में जमीन जायदाद से संबंधित भी लाभ होता है अगर इस रेखा के साथ साथ शनि पर्वत अच्छा है कुंडली में शनि प्रभावी है तो जमीन जायदाद प्रॉपर्टी के मामले में और नौकरी के मामले में प्रमोशन आदि में लाभ मिलता है अगर सूर्य रेखा बहुत ही गहरी और प्रभावी है तो ऐसे व्यक्ति किसी न किसी कला के क्षेत्र में बहुत ही ज्यादा मेहनती होते हैं अगर बुध पर्वत पर सीधी समारा समानांतर रेखाएं हो तो वहां पर एक रिसर्च का योग बनता है और अगर जीवन रेखा से बुध की तरफ कोई सीधी स्पष्ट रेखा हो जो कि व्यवसाय बिजनेस से संबंधित आयोग बनाती है तो किसी न किसी व्यवसाय में विशेष सफलता का योग बनता है अगर मंगल रेखा मजबूत हो कुल मिलाकर इन सभी विषयों में मेरे कहने का मतलब है कि मंगल रेखा हमेशा एक अच्छा प्रभाव दिखाती है लेकिन इस रेखा से निकल कर कोई छोटी पतली रेखा अगर भाग्य रेखा को या फिर सूर्य रेखा को या किसी भी रेखा को जाकर प्रतिष्ठित करती है और उस के कारण वहां पर उस रेखा में कमजोरी आ जाती है तो इसका मतलब है कि इंसान में मंगल की ऊर्जा के कारण उस खास कट प्रति छेदन में होने के कारण नुकसान उठाना पड़ता है जीवन के उस समय मे
गुरु पर्वत पर त्रिभुज होना बहुत ही सोभाग्य की बात है।ऐसे में जातक सफलता प्राप्त करेगा,बुद्धिमान होगा,शासन करने वाला,महत्वकांशी,उपकार करने वाला,कूटनीतिज्ञ,प्रबंधक,यश प्रप्ति ,प्रगति करने वाला,उच्च पद प्राप्त करने वाला,चालाक, न्याधीश, नियमित जीवन चर्या वाला,ओर धर्मिक व सामाजिक होगा।

2 सूर्य पर्वत पर त्रिभुज होना भी सोभाग्य की बात है ऐसे जातक कलाकार होते है।चित्रकला में नाम रोशन करने वाले,उपकारी,उच्च पद को प्राप्त करने वाले,ज्ञानी होंगे लेकिन अभिमान बिल्कुल नही होगा,ऐसे इंसान जीवन मे बहुत यस प्राप्त करते है । लेकिन अगर त्रिबुज में दोष है जैसे कनिष्का से सुरु होकर सूर्य पर्वत को क्रॉस कर रहा है तो के सही नही है ऐसे में ये जातक को बदनामी दिलवायेगा ।असफलता मिलेगी।

  1. चंद्र पर्वत पर त्रिभुज होना भी सोभाग्य की बात मानी गयी है।ऐसे में जातक बड़ा कलाकार,राष्ट्रकवि,अनेक विदेश यात्राओं का योग,दार्शनिक, मिलनसार,गुप्त विद्या का जानकार,जादूगर,लेखक,संगीतज्ञ,अभिनेता,जीवन मे सफलता प्राप्त करने वाला। अगर त्रिभुज में दोष है तो कल्पना शक्ति अधिक होगी लेकिन कार्य शक्ति बिल्कुल नही,लेकिन ऐसे जातक को किसी स्त्री से धन प्राप्त होता है। 4 मंगल पर्वत पर त्रिभुज का निशान अच्छा माना गया है! ऐसे जातक योजना बना कर काम करने वाले।रण में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता,सेना पति, धर्य वान ,साहसी, संकट में रक्षा करने वाला,नेता,या उच्च कोटि का सृजन होता है। अगर त्रिभुज में दोष हो तो ऐसे जातक निर्दय ओर कायर होता है।

5 बुध पर्वत पर त्रिभुज होना अति सोभाग्य की बात है,ऐसे जातक कूटनीतिज्ञ ,सुखी,सफल,प्रतिभावान,लेखक,स्थिर भूस्वामी, वक्ता,मेहनती,विदेशो में व्यापार करने वाला,वैज्ञानिक,कलाकार, कमजोरी का फायदा उठाने वाला,विद्वान,धनी,यश प्राप्त करने वाला,ओर चक्रवर्ती सम्राट होता है।लेकिन आगेर त्रिभुज में दोष है तो जातक अस्थिर मानसिकता का व्यक्ति,मज़ाकिया, जुवारी,दिवाला निकलने वाला होता है।

6 सुक्र पर्वत पर त्रिभुज होने से ऐसे जातक जीवन मे बहुत सी स्त्रियो को भोगने वाला,सरल,मधुर,प्रेम का संतुलन बनाये रखने वाला,भौतिक, शान शोकत का मालिक ,उच्च स्तर का कलाकार,सौन्दर्य प्रेमी, चित्रकार,गणितज्ञ होता है। लेकिन अगर त्रिभुज में दोष है तो जातक पर स्त्रीगामी,दुष्चरित्र का इंसान होता है।

7 शनि पर्वत पर त्रिभुज होने का मतलब जातक गुप्त विद्याओ का जानकार है।ऐसे जातक त्राटक में माहिर होते है,तंत्र मंत्र के जानकार,साधक,ज्योतिषी,एकांत वाशी ,योगी,चित्रकार,धार्मिक, व्यक्तिगत स्वभिमान को अहमियत देने वाले होते है।

8 राहु पर्वत पर त्रिभुज होना बहुत ज्यादा भाग्य की बात होती है ऐसे जातक मुँह में सोने का चमच्च लेकर पैदा होते है,राजनीतिज्ञ,विद्वान,उपकारी, मन्त्री ,दृढ़ निश्चय रखने वाला, घम्बिर,यात्रा प्रेमी होता है। लेकिन अगर त्रिभुज में दोष है तो जातक को संघर्ष का सामना करना पड़ता है।

9 केतु पर्वत पर त्रिभुज होने का मतलब है बाल्य काल से से ही जातक धन में खेलेगा, राजनीति से ज़ुड़ा होगा,उच्च पद को प्राप्त करेगा । लेकिन अगर त्रिभुज में दोष है तो जातक बचपन से ही बीमार होगा।

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