अपने नक्षत्र के अनुसार जानिए किस क्षेत्र में होंगे आप सफल...
1. अश्विनी नक्षत्र
अश्विनी नक्षत्र में जन्मे लोग अगर यातायात से जुड़ा कोई कार्य करेंगे तो उन्हें सफलता मिलेगी। इसके अलावा खेल, दवाइयां, कृषि, जिम, जौहरी, सुनार आदि से संबंधित क्षेत्र भी फायदा पहुंचाएंगे।
2. भरणी नक्षत्र
भरणी नक्षत्र में जन्मे जातकों को जन्म देने वाली दाई, गृह सेवक, शवगृह अधिकारी, दाह-संस्कार से संबंधित कार्य करने चाहिए। वे बच्चों का ध्यान रखने वाले या नर्सरी स्कूल के अध्यापक के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। तम्बाकू, कॉफी, चाय से जुड़े क्षेत्र भी लाभ पहुंचाएंगे।
3. कृत्तिका नक्षत्र
कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग ऐसे क्षेत्र में सफल हो सकते हैं, जो नुकीली चीज या तेज धार से जुड़े हों। आप चाकू, तलवार के निर्माण से जुड़ सकते हैं या फिर अच्छे लोहार या वकील भी साबित हो सकते हैं। अगर आप ऐसे किसी कार्य से जुड़ते हैं जिसके अनुसार नशे के आदी लोगों को सुधारा जाता है तो अवश्य सफलता मिलेगी।
4. रोहिणी नक्षत्र
रोहिणी नक्षत्र से संबंधित लोग खानपान के कार्य से जुड़ेंगे तो सफलता मिलेगी। खाना बनाना हो या फिर बांटना, ये कार्य आपके लिए उत्तम हैं। इसके अलावा कला का क्षेत्र भी आपके लिए है। आप अच्छे कलाकार, गायक, संगीतकार भी हो सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग रचनात्मक होते हैं।
5. मृगशिरा नक्षत्र
यात्रा से जुड़े कार्य में अगर आप संलग्न हैं तो आपको अवश्य ही सफलता मिलेगी। इसके अलावा शिक्षा, खगोलशास्त्र, पैसे का हिसाब-किताब रखना, ये सभी क्षेत्र भी आपको लाभ दिलवाएंगे। कपड़े के काम में लिप्त लोगों को भी लाभ मिलेगा।
6. आर्द्रा नक्षत्र
बिजली के उपकरण या बिजली से संबंधित कोई अन्य कार्य करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। कम्प्यूटर, तकनीक, गणित, वैज्ञानिक, गैमिंग आदि से संबंधित क्षेत्र आपके लिए हैं। इसके अलावा डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ का काम भी आपको सूट करेगा। अगर आप जासूस हैं या रहस्य सुलझाने जैसे कार्य कर रहे हैं तो भी आपको सफलता मिलेगी।
7. पुनर्वसु नक्षत्र
काल्पनिक कहानियां लिखने या खरीदने-बेचने से संबंधित कोई कार्य करना, ये आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे। यात्रा और रखरखाव से संबंधित कार्य भी आप कर सकते हैं। अगर आप होटल मैनेजमेंट में कार्यरत हैं या फिर दीक्षा देने का काम करते हैं तो आपको फायदा मिलेगा। इतिहासकार या भेड़-बकरियों को पालने वाले लोग भी सफलता प्राप्त करेंगे।
8. पुष्य नक्षत्र
दूध से संबंधित व्यापार करने वाले लोग सफलता प्राप्त करेंगे। कैटरिंग करने वाले और होटल चलाने वाले लोग भी अच्छे व्यवसाय में हैं। नेता, शासक, धार्मिक कार्य करने वाले लोग, शिक्षक और अध्यापक आदि लोग लाभ प्राप्त करते हैं।
9. आश्लेषा नक्षत्र
पेट्रोलियम, सिगरेट, कानूनी, दवाइयों से संबंधित इंडस्ट्री से जुड़े लोग अवश्य लाभ प्राप्त करेंगे। इस नक्षत्र में जन्मे लोग तांत्रिक, सांप का जहर, बिल्ली पालने वाले, सीक्रेट सर्विस करने वाले, मनोवैज्ञानिक होते हैं। ये पोंगे पंडित और आत्माओं को बुलाने वाले भी होते हैं।
10. मघा नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग शाही तो नहीं होते लेकिन उनका शाही घरानों से सीधा संपर्क रहता है। वे उनके मैनेजर भी हो सकते हैं और महत्वपूर्ण कर्मचारी भी। इसके अलावा सरकार के अधीन बड़े पदों में काम करने वाले, बड़े वकील, जज, नेता, वक्ता, ज्योतिष, पुरातत्व वैज्ञानिक भी इसी नक्षत्र में जन्म लेने वाले होते हैं।
11. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्मे लोग अगर महिलाओं से संबंधित सामान या बहुमूल्य रत्नों का व्यापार करते हैं तो उन्हें अवश्य ही सफलता मिलती है। ब्यूटीशियन, गायक, घर की साज-सज्जा या अन्य रचनात्मक क्षेत्र से जुड़े लोग अवश्य ही सफलता प्राप्त करते हैं। विवाह से संबंधित हर करियर भी आप ही के लिए हैं।
12. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
मनोरंजन, खेल और कला से संबंधित क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोग अवश्य ही सफलता प्राप्त करते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे धार्मिक संस्थानों के मुखिया या पुजारी, परोपकार करने वाले, दान-पुण्य के कार्य से जुड़े, शादी-विवाह से संबंधित सलाह देने वाले या अंतरराष्ट्रीय मसलों से संबंधित लोग भी सफलता प्राप्त करते हैं।
13. हस्त नक्षत्र
गहने बनाने वाले लोग, सेहत से संबंधित कार्य करने वाले, हास्य कलाकार, काल्पनिक कहानियां लिखने वाले, उपन्यासकार, रेडियो या टेलीविजन इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का संबंध अगर हस्त नक्षत्र से है तो उन्हें अवश्य ही सफलता मिलती है।
14. चित्रा नक्षत्र
अपना बिजनेस चलाने वाले, घर की साज-सज्जा, गहने बनाने, फैशन डिजाइनर, मॉडल्स, कॉस्मेटिक, वास्तु-फेंगशुई, ग्राफिक आर्टिस्ट, सर्जन, प्लास्टिक सर्जन, स्टेज आर्टिस्ट, गायक, इन क्षेत्रों में कार्यरत लोग सफलता प्राप्त अवश्य करते हैं।
15. स्वाति नक्षत्र
व्यवसाय चलाने वाले, गायक, वाद्य यंत्र बजाने वाले, अध्ययन कार्य में संलिप्त, स्वतंत्र कार्य करने वाले, सामाजिक सेवा में लिप्त लोग सफल होते हैं। इसके अलावा न्यूज रीडर, कम्प्यूटर्स और सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग सफलता पाते हैं।
16. विशाखा नक्षत्र
शराब, फैशन, कला और साथ ही बोलने संबंधित क्षेत्रों में कार्य करने वाले ओग सफलता हासिल करते हैं। इसके अलावा सफल राजनेता, खिलाड़ी, धार्मिक नेता, नर्तक, सैनिक, आलोचक, अपराधियों का संबंध भी इसी नक्षत्र से है।
17. अनुराधा नक्षत्र
सम्मोहन क्रिया में लिप्त, ज्योतिष शास्त्री, सिनेमा संबंधित क्षेत्र, फोटोग्राफर, फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर, औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित, वैज्ञानिक, गणितज्ञ, डेटा एक्सपर्ट, अंकशास्त्र विशेषज्ञ, खदानों में काम करने वाले, विदेश व्यापार से संबंधित लोग सफलता प्राप्त करते हैं।
18. ज्येष्ठा नक्षत्र
नीति निर्माण से संबंधित क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोग, सरकारी अधिकारी, रिपोर्टर्स, रेडियो जॉकी, न्यूज रीडर, टॉक शो होस्ट, वक्ता, काला जादू करने वाले, जासूस, माफिया, सर्जन, हस्त कारीगर, एथलीट्स आदि क्षेत्रों से संबंधित लोग सफलता प्राप्त करते हैं।
19. मूल नक्षत्र
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों के लिए दवाइयों से संबंधित क्षेत्र, न्याय, जासूसी, रक्षा, अध्ययन जैसे कार्य सफलता दिलवाएंगे। इसके अलावा वक्ता, सार्वजनिक नेता, सब्जियों के व्यापारी, अंगरक्षक, मल्लयुद्ध करने वाले, गणितज्ञ, सोने की खदान में काम करने वाले, घुड़सवार भी सफल होते हैं।
20. पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र
शिप संबंधी उद्योग में काम करने वाले प्रेरण, अध्यापक, भाषण देने वाले, फैशन एक्सपर्ट्स, कच्चे सामान का विक्रय करने वाले, बालों की सजावट देखने वाले, तरल पदार्थों का कार्य करने वाले लोग सफलता प्राप्त करते हैं।
21. उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
ज्योतिष, वकील, सरकारी अधिकारी, सेना में कार्यरत, अध्ययनकर्ता, सुरक्षा कार्य, व्यापारी, प्रबंधक, क्रिकेट खिलाड़ी, राजनेता और उत्तरदायित्व निभाने वाले कार्यों को करने वाले लोग सफल होते हैं।
22. श्रवण नक्षत्र
किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले अध्यापक, वक्ता, बौद्धिक, छात्र, भाषाविद, कहानीकार, हास्य अभिनेता, गायन से संबंधित क्षेत्र से जुड़े लोग, टेलीफोन ऑपरेटर्स, मनोवैज्ञानिक, यातायात से संबंधित क्षेत्र में कार्यरत लोग सफलतम होते हैं।
23. धनिष्ठा नक्षत्र
गायन, वादन, नृत्य, म्यूजिक बैंड इन सबसे संबंधित क्षेत्र के लोग सफलता पाते हैं। इसके अलावा मनोरंजन उद्योग, रचनात्मक क्षेत्र, कवि, ज्योतिष शास्त्री, प्रेत आत्माओं को बुलाने वाले लोग सफलता हासिल करते हैं।
24. शतभिषा नक्षत्र
ड्रग्स या दवाइयों से संबंधित क्षेत्र में काम करने वाले लोग सफलता प्राप्त करते हैं। सर्जन, मदिरा से जुड़े क्षेत्रों में कार्यरत लोग भी सफलता पाते हैं।
25. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र
मृत्यु से संबंधित किसी भी व्यवसाय से जुड़े लोग सफल होते हैं। कॉफिन बनाने वाले, कब्र खोदने वाले, अंतिम संस्कार से संबंधित सामान का व्यापार करने वाले सफलता पाते हैं। इसके साथ-साथ आतंकवादी, हथियार बनाने वाले, काला जादू करने वाले लोग भी सफलता पाते हैं।
26. उत्तराभाद्रपद नक्षत्र
योग और ध्यान से संबंधित क्षेत्रों में कार्यरत लोग सफलता प्राप्त करते हैं। तंत्र-मंत्र करने वाले और रूहानी ताकतों से संपर्क स्थापित करने वाले लोगों को सफलता अवश्य मिलती है। इसके अलावा दान-पुण्य करने वाले लोग भी सफल होते हैं।
27. रेवती नक्षत्र
सम्मोहन क्रिया करने वाले लोग, जादूगर, गायक, कलाकार, आर्टिस्ट, हास्य कलाकार, मनोरंजन करने वाले, कंस्ट्रक्शन बिजनेस से जुड़े लोग सफलता पाते हैं। धार्मिक संस्थानों में कार्यरत लोग भी सफल होते हैं।
संतानदोष : #जानिए
ज्योतिषीय #कारण और
उपाय/#निवारण—–
हर विवाहित स्त्री चाहती हैं कि उसका भी कोई
अपना हो जो उसे मां कहकर पुकारे। सामान्यत.
अधिकांश महिलाएं भाग्यशाली होती हैं जिन्हें यह
सुख प्राप्त हो जाता है।
फिर भी काफी महिलाएं ऐसी हैं जो मां बनने के सुख
से वंचित हैं। यदि पति-पत्नी दोनों ही स्वास्थ्य की
दृष्टि से उत्तम हैं फिर भी उनके यहां संतान उत्पन्न
नहीं हो रही है। ऐसे में संभव है कि ज्योतिष संबंधी
कोई अशुभ फल देने वाला ग्रह उन्हें इस सुख से वंचित
रखे हुए है। यदि पति स्वास्थ्य और ज्योतिष के दोषों
से दूर है तो स्त्री की कुंडली में संतान संबंधी कोई
रुकावट हो सकती है।
ज्योतिष के अनुसार संतान उत्पत्ति में रुकावट पैदा
करने वाले योग——
– जब पंचम भाव में का स्वामी सप्तम में तथा सप्तमेश
सभी क्रूर ग्रह से युक्त हो तो वह स्त्री मां नहीं बन
पाती।
– पंचम भाव यदि बुध से पीडि़त हो या स्त्री का
सप्तम भाव में शत्रु राशि या नीच का बुध हो तो
स्त्री संतान उत्पन्न नहीं कर पाती।
– पंचम भाव में राहु हो और उस पर शनि की दृष्टि हो
तो, सप्तम भाव पर मंगल और केतु की नजर हो, तथा
शुक्र अष्टमेश हो तो संतान पैदा करने में समस्या
उत्पन्न होती हैं।
– सप्तम भाव में सूर्य नीच का हो अथवा शनि नीच
का हो तो संतानोत्पत्ती में समस्या आती हैं। संतान
प्राप्ति हेतु क्या करें ज्योतिषीय उपाय—–
यदि किसी युवती की कुंडली यह ग्रह योग हैं तो इन
बुरे ग्रह योग से बचने के लिए उन्हें यह उपाय करने
चाहिए—-
पहला उपाए—–
संतान गोपाल मंत्र के सवा लाख जप शुभ मुहूर्त में शुरू
करें। साथ ही बालमुकुंद (लड्डूगोपाल जी) भगवान
की पूजन करें। उनको माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
गणपति का स्मरण करके शुद्ध घी का दीपक
प्रज्जवलित करके निम्न मंत्र का जप करें।
मंत्र—–
ऊं क्लीं देवकी सूत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे,
तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ऊं।।
दूसरा उपाए—–
सपत्नीक कदली (केले) वृक्ष के नीचे बालमुकुंद भगवान
की पूजन करें। कदली वृक्ष की पूजन करें, गुड़, चने का
भोग लगाएं। 21 गुरुवार करने से संतान की प्राप्ती
होती है।
तीसरा उपाए—-
11 प्रदोष का व्रत करें, प्रत्येक प्रदोष को भगवान
शंकर का रुद्राभिषेक करने से संतान की प्राप्त होती
है।
चौथा उपाए—-
गरीब बालक, बालिकाओं को गोद लें, उन्हें पढ़ाएं,
लिखाएं, वस्त्र, कापी, पुस्तक, खाने पीने का खर्चा
दो वर्ष तक उठाने से संतान की प्राप्त होती है।
पांचवां उपाए—-
आम, बील, आंवले, नीम, पीपल के पांच पौधे लगाने से
संतान की प्राप्ति होती है।
कुछ अन्य प्रभावी उपाय —
– हरिवंश पुराण का पाठ करें।
– गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें।
– पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपचार
करें।
– दूध का सेवन करें।
– सृजन के देवता भगवान शिव का प्रतिदिन विधि-
विधान से पूजन करें।
– किसी बड़े का अनादर करके उसकी बद्दुआ ना लें।
– पूर्णत: धार्मिक आचरण रखें।
– गरीबों और असहाय लोगों की मदद करें। उन्हें
खाना खिलाएं, दान करें।
– किसी अनाथालय में गुप्त दान दें।