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निम्न तीनो उपाय हर व्यक्ति को करना चाहिये इससे प्रतिकूल ग्रहों का प्रभाव आपके अनुकूल होने की संभावना होती है :-


(1). सर्वप्रथम स्नान करने के पश्चात भगवान श्री गणेश की चित्र के सामने ।।ऊँ गं गणपतये नम:।। (ओम गंग गणपतये नमह) मंत्र की एक माला नित्य जप करें।

(2). प्रात: स्नान करने के बाद सरस्वाती माता की चित्र के सामने ।। ऊँ ऐं सरस्वत्यै नम: ।। मंत्र की नित्य एक माला जप करें।

(3). सुबह का खाना खाने से पहले थाली में से तीन रोटी निकाल दें और खाना खाने के बाद उस रोटी को किसी गाय, कुत्ता एवं कौआ को दे दें।
ग्रहों का उपाय :-

(1). सूर्य ग्रह का उपाय :-

प्रात: स्नान करने के बाद सूर्य मंत्र ।। ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:।। जपते हुए सूर्य को तांबे की गड़वी से लाल सिंदूर, अक्षत एवं लाल फूल डालकर नित्य जल दें। आदित्य हृदय स्त्रोत का नित्य पाठ करें। रविवार को गुड़ गाय को खिलायें। कहीं शुभ कार्य से बाहर जाते समय गुड़ खाकर जल पीकर बाहर जायें कार्य नहीं रूकेगा।

(2). चन्द्र ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद चन्द्र मंत्र ।। ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम: ।। का नित्य या हर सोमवार को एक माला जप करें। सोमवार को स्नान करने के बाद जप करें उसके बाद सोमवार को दूध, चावल, चीनी एवं सफेद कपड़ा का दान करें।

(3). मंगल ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद मंगल मंत्र ।। ऊँ क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: ।। का नित्य या हर मंगलवार को एक माला जप करें। हनुमान जी की मूर्ति के सामने हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक एवं बजरंग बाण का नित्य पाठ करें। मंगलवार को सिंदूरी बजरंगबली के ऊपर चमेली का तेल, लाल सिंदूर, लाल चोला, एवं लाल लड्डू चढ़ायें। लाल रंग की गाय को मीठी रोटी दें। मंगलवार को धूली मसूर दाल दान दें।

(4). बुध ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद बुध मंत्र ।। ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: ।। का नित्य या हर बुधवार को एक माला जप करें। बुधवार को हरा साबुत मूंग दान दें। गाय को हरा चारा दें। गौशाला में हरा चारा दान दें। गरीब कन्याओं को हरा वस्त्र दान दें।

(5). गुरू ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद गुरू मंत्र ।। ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरूवे नम: ।। का नित्य या हर गुरूवार को एक माला जप करें। गुरूवार को चने की दाल दान दें। केसर का नित्य तिलक करें। गाय को चने की दाल गुड़ खिलायें।

(6). शुक्र ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद शुक्र मंत्र ।। ऊँ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: ।। का नित्य या हर शुक्रवार को एक माला जप करें। शुक्रवार को दूध, चावल, चीनी एवं सफेद कपड़ा दान दें। माता वैभव लक्ष्मी का 21 शुक्रवार व्रत करें।

(7). शनि ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद शनि मंत्र ।। ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:।। का नित्य या हर शनिवार को एक माला जप करें। शनि मंत्र जपते हुए पीपल में नित्य जल दें, रविवार को पीपल में जल नहीं दें। शनि स्त्रोत का नित्य पाठ करें। शनिवार को काला उड़द (साबूत माह), काला तिल, काला वस्त्र।, काला छाता, काला कंबल आदि दान दें। सरसों तेल का छाया पात्र दान दें।

(8). राहु ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद राहु मंत्र ।। ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।। का नित्य या हर शनिवार को एक माला जप करें। शनि मंत्र जपते हुए पीपल में नित्य जल दें, रविवार को पीपल में जल नहीं दें। शनिवार को काला उड़द (साबूत माह), काला तिल, काला वस्त्र, काला छाता, काला कंबल आदि दान दें। शनिवार को मूली दान दें।

(9). केतु ग्रह का उपाय :-
प्रात: स्नान करने के बाद केतु मंत्र ।। ऊँ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम:।। का नित्य या हर बुधवार को एक माला जप करें। बुधवार को सतअनाजा दान दें। खाना खाने से पहले थाली में से एक रोटी निकाल दें, खाना खाने के बाद उस रोटी को कुत्ते को दे दें।

(10). आपके लिए कालसर्प योग का विशेष उपाय :-
।। ऊँ नम: शिवाय ।। बोलते हुए शिवलिंग पर नित्य जल दें। प्रत्येरक वर्ष नाग पंचमी को एक जोड़ा नाग नागिन पंचामृत से धोकर शिवलिंग पर चढ़ायें और एक जोड़ा जल पवाह करें। सर्प गायत्री मंत्र ।। ऊँ नवकुल नागाय विदमहे विषदन्ताय धीमही, तन्नो सर्प: प्रचोदयात।। को कालसर्प योग यंत्र के सामने श्रद्धावश पाठ एक माला अवश्य पाठ करें। कोई जरूरी नहीं है कि आप त्रयम्बकेश्वर में ही पाठ करायें। आप स्व‍यं कर पाठ कर सकते हैं। सबसे अच्छा है आप एक माला शुक्र आधारित सम्पुट युक्त महामृत्युन्जय मंत्र की एक माला पारद शिवलिंग एवं महामृत्युंजय यंत्र के सामने अवश्य करें।

महामृत्युंजय मंत्र इस प्रकार है:-

।। ऊँ हौं जूं स: ऊँ भूभुर्व: स्व :।
ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम पुष्टिवर्धनम।
ऊर्वारूकमिव बन्धनात मृर्त्योमुक्षीय मामृतात।
स्व: भुव: भू: ऊँ स: जूं हौं ऊँ ।।

(11). पित्तृ ऋण दोष का उपाय :-
हर अमावस्या को कुल खानदान के एक-एक व्यंक्ति से या परिवार में जो भी सदस्य उपस्थित हो उससे बराबर मात्रा में धन लेकर धर्म स्थान की गोलक में दान दें। हर अमावस्या को पीपल का ।। ऊँ नम: भगवते वासुदेवाय।। या ।। ऊँ विष्णवे नम: ।। मंत्र जपते हुए 108 बार परिक्रमा करें।

(12). श्रीयंत्र सामने जपने योग्य अलौकिक मंत्र :-
।। श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्म्ये नम: ।।

(13). सर्वसिद्धिदात्री माँ बगलामुखी का अचूक तांत्रिक प्रभाव वाला मंत्र :-
।। ऊँ ह्लीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं, स्तम्भ‍य जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा।।

(14). विद्या की देवी माता सरस्‍वती का बीज मंत्र :-
।। ऊँ ऐं सरस्‍वत्‍यै नम : ।।

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