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गुनगुने पानी में डालें ‘काली मिर्च का पाउडर’ और पी जाएं, होंगे ये 5 लाभ

  1. अगर आप शरीर की कैलोरी बर्न करना व वजन कम करना चाहते हैं, तो काली मिर्च का पाउडर बनाकर गुनगुना पानी के साथ पिए। इससे शरीर में बढ़ा हुआ फैट कम होने में मदद मिलती है। 
  2. अगर आपको जुकाम हो गया है, तो आप काली मिर्च का पाउडर बनाकर गर्म दूध में मिलाएं और पिए। कुछ दिन ऐसा करने से आपको छींक आना और जुकाम से राहत मिलेगी। 
  3. जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है, उन्हें एक कप पानी में नींबू का रस, काली मिर्च का पाउडर और नमक डालकर पीना चाहिए। इससे गैस व कब्ज की समस्या से कुछ ही दिनों में राहत मिलेगा। 
  4. अगर आपको स्टेमिना कम महसूस होता है और इसे बढ़ाना चाहते हैं, तो गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च का सेवन करें। इससे शरीरिक क्षमता बढ़ती है। 
  5. अगर आपको डिहाइड्रेशन की समस्या रहती है, तो भी आप काली मिर्च को गुनगुने पानी के साथ पिएं। ऐसा करने से आपको समस्या से राहत मिलेगी।

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[एक्सरसाइज के दौरान भूलकर भी इन 5 बातों को इग्‍नोर न करें

  1. वार्मअप :- एक्सरसाइज शुरु करने के पहले वार्मअप अनिवार्य है, ताकि आपका शरीर एक्सरसाइज के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके। अगर आप वार्मअप को अनदेखा करते हैं, तो यह आपके शरीर के लिए हानिकरक हो सकता है।
  2. फॉर्म :- आप एक्सरसाइज के जिस फॉर्म यानि प्रकार को कर रहे हैं, उसे नियम अनुसार वैसे ही करें, जैसा बताया गया है। अपने हिसाब से किसी तरह का फेरबदल बिल्कुल न करें, अन्यथा आपके शरीर को यह भारी पड़ सकता है।
  3. शुरूआती लोगों के लिए :- एक्सरसाइज करने के शुरुआती दिनों में अति करने से बचें और ट्रेनर के अनुसार ही एक्सरसाइज करें। सप्ताह में जितना व्यायाम कहा जाए उससे ज्यादा करना शरीर को तकलीफ दे सकता है।
  4. डायट :- एक्सरसाइज के साथ-साथ डायट का भी विशेष ध्यान रखें और तेजी से पचाने वाली प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का विकल्प चुनें। यह शरीर में अमीनो एसिड प्रदान की पूर्ति के साथ ही मांसपेशियों के निर्माण में सहायता करते हैं।
  5. उम्र :- एक्सरसाइज करना वैसे तो सभी उम्र वालों के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन एक्सरसाइज का चुनाव अपनी उम्र के अनुसार करें और शुरु करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपको सेहत संबंधी समस्याएं हैं तो इसका विशेष ध्यान रखें और एक्सपर्ट से चर्चा कर लें।

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समोसा खाना बिल्कुल बन्द करें ।

समोसा धीमा जहर है

हार्टब्लॉकेज,शुगर, हाई बीपी, गैस, कब्ज,अपच,आदि अनेक व्याधियों का जनक केवल समोसा है।

नईदिल्ली,के एम्स हॉस्पिटल में डॉक्टरों की एक टीम ने लोगों की आम खानपान की आदतों पर रिसर्च में इस निष्कर्ष पर पहुंचे आम खान-पान में जनता की सहज पहुंच में आने वाला समोसा सबसे घातक खाद्य पदार्थ है, जो मनुष्य के शरीर में धीमे जहर का काम कर रहा है।
समोसा बनाने में प्रयुक्त मटेरियल ही इसको जानलेवा बना रहा रहा है।

           चिकित्सा जगत में *सफेद जहर*  कहे जाने वाले तीन पदार्थ *1* - *मैदा* , *2* - *नमक* , *3* - *आलू* , इन तीनों का मिश्रण ही इसे बीमारियों का जनक बना रहा उक्त तीनों वस्तुओं के अलावा कई बार उबाले गए तेल में धीमी आंच पर तलने से समोसा एक सम्पूर्ण धीमे जहर के रूप में परिवर्तित हो जाता है।

लेकिन

समस्या यह है कि थोड़ी भूख लगने पर हम समोसा खाकर भूख शांत कर लेते हैं।
इसका समाधान यह है कि समोसा के स्थान पर ,आप भजिया जो भाजी और चने के आटे (बेसन) से बना होता है, जो पाचक होता है, भाजीबड़ा,(टिकिया),,यह भी भाजी और बेसन से बनी होती है,, इसके अलावा मूंग दाल से बनी मगोड़ी, आदि को समोसा के विकल्प के रूप में चुन सकते हैं । लेकिन समोसा खाने की आदत आज और अभी से त्याग दें ।

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[: आपके बच्चे का दिमाग होगा तेज, रोज खिलाएं ये चीज

बच्चों को सलाद में चुकंदर खिलाना चाहिए. चुकंदर के रस को कनपट्टी पर मालिश करें और इसका गुनगना रस पिलाएं. ऐसा करने से बच्चों का दिमाग तेज होता है.

चुकंदर पूरे भारत में पाया जाता है. बैंगनी लाल रंग का चुकंदर जमीन के नीचे उगता है. इसे सलाद की तरह खाया जाता है. इसके डंठल और पत्ते भी बैंगनी लाल रंग के होते हैं. शास्त्रों में चुकंदर शनि ग्रह का माना जाता है. चुकंदर खाने से शनि बलवान होता है वहीं चुकंदर का दान करने से शनि के कष्ट कम होते हैं.
बच्चों के दिमाग को तेज करता है चुकंदर-
बच्चों को सलाद में चुकंदर खिलाना चाहिए. चुकंदर के रस से कनपट्टी पर मालिश करें और इसका गुनगना रस पिलाएं. ऐसा करने से बच्चों का दिमाग तेज होता है.  

चुकंदर-
बाल शनि के कारक होते है. शनि कमजोर हो तो बाल घने नहीं होते हैं. बल्कि झड़ने लगते हैं सिर के घने बालों को उगाने के लिए चुकंदर का प्रयोग करें. इसके अलावा चुकंदर के पत्तों का रस दिन में 3-4 बार गंजे स्थान पर मालिश करने से तो उड़े हुए बाल फिर से उगने लगेंगे. रोज चुकंदर और आंवले का ताजा रस मिलाकर सिर की मालिश करने पर भी फायदा मिलता है.  
चुकंदर खून की कमी को दूर करता है-
शरीर में अगर खून की कमी हो, हीमोग्लोबिन कम होता है तो ऐसे लोगों को चुकंदर का सलाद खाने की सलाह दी जाती है. चुकंदर लिवर को शोधित करता है जिस से खून बनने बनने की प्रक्रिया तेज होती है चुकंदर के सलाद को नींबू और गर्म मसाला छिड़ककर खाना चाहिए.

अगर आप भी अपनी बीमारी की दवा ऑनलाइन खोजते हैं तो सावधान हो जाइए!
बच्चों के दांत दर्द की रामबाण औषधि है चुकंदर-
दांत दर्द हो या मसूड़ों में सूजन हो चुकंदर को कूटकर उसका रस निकालें. चुकंदर के रस को मुंह में रखकर दांतों के चारों ओर घुमाएं और कुल्ला करें. कीड़े वाले दांतों का दर्द दूर होता है और सूजन भी तुरंत कम होती है. अगर सिर में माइग्रेन का दर्द हो तो चुकंदर का रस निकालकर हल्का गर्म करके नाक में अंदर टपका दें. ऐसा करने से तुरंत लाभ होता है.  
दिल को रखे निरोग-
चुकंदर से डायबिटीज और एनीमिया में ही फायदे नहीं मिलते, बल्कि यह दिल को स्वस्थ रखने में भी ये मदद करता है. चुकंदर के जूस से दिल के रोगियों की व्यायाम करने की क्षमता बढ़ने में मदद मिल सकती है.
[तुलसी एक गुण अनेक
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तुलसी के बारे में घर-घर में सभी जानते हैं। हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया हैैं। कहा जाता हैं कि जहां तुसली फलती हैं, उस घर में रहने वालों को कोई संकट नहीं आते। स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में तुलसी के अनेक गुण के बारे में बताया गया हैं। यह बात कम लोग जानते हैं कि तुलसी परिवार में आने वाले संकट के बारे में सुखकर पहले संकेत दे देती हैं। पेटलावद के ज्योतिषी आनंद त्रिवेदी बता रहे हैं कि तुलसी एक, लेकिन गुण अनेक किय तरह से हैं।

प्रकृति की अपनी एक अलग खासियत है। इसने अपनी हर एक रचना को बड़ी ही खूबी और विशिष्ट नेमत बख्शी है। इंसान तो वैसे भी प्रकृति की उम्दा रचनाओं में से एक है जो समझदारी और सूझबूझ से काम लेता है। इसके अलावा जानवरों की खूबी ये है कि वे आने वाले खतरे, मसलन भूकंपए सुनामी, पारलौकिक ताकतों आदि को पहले ही भांप सकने में सक्षम होते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग यह बात जानते हैं कि पौधों के भीतर भी ऐसी ही अलग विशेषता है, जिसे अगर समझ लिया जाए तो घर के सदस्यों पर आने वाले कष्टों को पहले ही टाला जा सकता है।

क्यों मुरझाता है तुलसी का पौधा
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शायद कभी किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि चाहे तुलसी के पौधे पर कितना ही पानी क्यों ना डाला जाए उसकी कितनी ही देखभाल क्यों ना की जाएए वह अचानक मुरझाने या सूखने क्यों लगता है।

क्या बताना चाहता है👇
आपको यकीन नहीं होगा लेकिन तुलसी का मुरझाया हुआ पौधा आपको यह बताने की कोशिश कर रहा होता है कि जल्द ही परिवार पर किसी विपत्ति का साया मंडरा सकता है। कहने का अर्थ यह है कि अगर परिवार के किसी भी सदस्य पर कोई मुश्किल आने वाली है तो उसकी सबसे पहली नजर घर में मौजूद तुलसी के पौधे पर पड़ती है।

हिन्दू शास्त्र
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शास्त्रों में यह बात भली प्रकार से उल्लेख है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है।

बुध ग्रह
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जहां दरिद्रता, अशांति व कलह का वातावरण होता है वहां कभी भी लक्ष्मी का वास नहीं होता। ज्योतिष के अनुसार ऐसा बुध ग्रह की वजह से होता है क्योंकि बुध का रंग हरा होता है और वह पेड़-पौधों का भी कारक माना जाता है।

लाल किताब
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ज्योतिष शास्त्र से संबंधित लाल किताब के अनुसार बुध को एक ऐसा ग्रह माना गया है जो अन्य ग्रहों के अच्छे-बुरे प्रभाव को व्यक्ति तक पहुंचाता है। अगर कोई ग्रह अशुभ-फल देने वाला है तो उसका असर बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं पर भी होगा और अगर कोई अच्छा फल मिलने वाला है तो उसका असर भी बुध ग्रह से जुड़ी चीजों पर दिखाई देगा।

अच्छा और बुरा प्रभाव
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अच्छे प्रभाव में पेड़-पौधे बढऩेे लगते हैं और बुरे प्रभाव में मुरझाकर अपनी दुर्दशा बयां कर देते हैं।

विभिन्न प्रकार की तुलसी
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शास्त्रानुसार तुलसी के विभिन्न प्रकार के पौधों का जिक्र मिलता है, जिनमें श्रीकृष्ण तुलसी, लक्ष्मी तुलसी, राम तुलसी, भू तुलसी, नील तुलसी, श्वेत तुलसी, रक्त तुलसी, वन तुलसी, ज्ञान तुलसी मुख्य रूप से हैं। इन सभी के गुण अलग-अलग और विशिष्ट हैं। तुलसी मानव शरीर में कान, वायु, कफ, ज्वर, खांसी और दिल की बीमारियों के लिए खासी उपयोगी है।

वास्तुशास्त्र में तुलसी
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वास्तुशास्त्र में भी तुलसी को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। वास्तु के अनुसार तुलसी को किसी भी प्रकार के दोष से मुक्त रखने के लिए उसे दक्षिण-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम के किसी भी स्थान तक लगा सकते हैं। अगर तुलसी के गमले को रसोई के पास रखा जाए तो किसी भी प्रकार की कलह से मुक्ति पाई जा सकती है। जिद्दी पुत्र का हठ दूर करने के लिए पूर्व दिशा में लगी खिड़की के सामने रखें।

संतान में सुधार
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नियंत्रण या मर्यादा से बाहर निकल चुकी संतान को पूर्व दिशा से रखी गई तुलसी के तीन पत्तों को किसी ना किसी रूप में खिलाने पर वह आपकी आज्ञा का पालन करने लगती है।

कारोबार में वृद्धि
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कारोबार की चिंता सताने लगी है, घर में आय के साधन कम होते जा रहे हैं तो दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखी तुलसी पर हर शुक्रवार कच्चा दूध और मिठाई का भोग लगाने के बाद उसे किसी सुहागिन स्त्री को दे दें। इससे व्यवसाय में सफलता मिलती है।

नौकरी पेशा
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अगर आप नौकरी पेशा हैं और ऑफि स में आपका कोई सीनियर परेशान कर रहा है तो ऑफि स की खाली जमीन पर या किसी गमले में सोमवार के दिन तुलसी के सोलह बीज किसी सफेद कपड़े में बांध कर ऑफि स जाते ही दबा दीजिए। इससे ऑफिस में आपका सम्मान बढ़ेगा।

शालिग्राम का अभिषेक
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घर की महिलाएं रोजाना पंचामृत बनाकर शालिग्राम का अभिषेक करती हैं तो घर में कभी भी वास्तुदोष की हालत नहीं आएगी।

शारीरिक फायदे
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ज्योतिष के अलावा शारीरिक तौर पर भी तुलसी के बड़े लाभ देखे गए हैं। सुबह के समय खाली पेट ग्रहण करने से डायबिटीज, रक्त की परेशानी, वात, पित्त आदि जैसे रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है। प्रतिदिन अगर तुलसी के सामने कुछ समय के लिए बैठा जाए तो अस्थमा आदि जैसे श्वास के रोगों से जल्दी छुटकारा मिलता है।

वैद्य का दर्जा
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शास्त्रों में तुलसी को एक वैद्य का दर्जा भी दिया गया है, जिसका घर में रहना अत्यंत लाभकारी है। मनुष्य को अपने जीवन के प्रत्येक चरण में तुलसी की आवश्यकता पड़ती है। साथ ही आधुनिक रसायन शास्त्र भी यह बात स्वीकारता है कि तुलसी का सेवन, इसका स्पर्श, दीर्घायु और स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।

ध्यान रखें तुलसी की ये 10 बात
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पुरानी परंपरा है कि घर में तुलसी जरूर होना
चाहिए। शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और
देवी का स्वरूप बताया गया है। यदि आपके घर में भी
तुलसी हो तो यहां बताई जा रही 10 बातें हमेशा
ध्यान रखनी चाहिए। यदि ये बातें ध्यान रखी
जाती हैं तो सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा
हमारे घर पर बनी रहती है। घर में सकारात्मक और
सुखद वातावरण रहता है। पैसों की कमी नहीं आती
है और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ भी
मिलता है। यहां जानिए शास्त्रों के अनुसार बताई
गई तुलसी की खास बातें…

1🌱तुलसी के पत्ते चबाना नहीं चाहिए
तुलसी का सेवन करते समय ध्यान रखें कि इन पत्तों
को चबाए नहीं, बल्कि निगल लेना चाहिए। इस तरह
तुलसी का सेवन करने से कई रोगों में लाभ मिलता है।
तुलसी के पत्तों में पारा धातु के तत्व होते हैं। पत्तों
को चबाते समय ये तत्व हमारे दांतों पर लग जाते हैं
जो कि दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है। इसीलिए
तुलसी के पत्तों को बिना चबाए ही निगलना
चाहिए।

2🌱शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए। इस संबंध में एक कथा बताई गई है। कथा के अनुसार, पुराने समय दैत्यों के राजा
शंखचूड़ की पत्नी का नाम तुलसी था। तुलसी के पतिव्रत धर्म की शक्ति के कारण सभी देवता भी शंखचूड़ को हराने में असमर्थ थे। तब भगवान विष्णु ने
छल से तुलसी का पतिव्रत भंग कर दिया। इसके बादशिवजी ने शंखचूड़ का वध कर दिया।
जब ये बात तुलसी को पता चली तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दिया। विष्णुजी ने तुलसी का श्राप स्वीकार कर लिया और कहा कि तुम धरती पर गंडकी नदी तथा तुलसी के पौधे के रूप में हमेशा रहोगी। इसके बाद से ही अधिकांश पूजन कर्म में तुलसी का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है, लेकिन शंखचूड़ की पत्नी होने के कारण तुलसी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती है।

3🌱कब नहीं तोड़ना चाहिए तुलसी के पत्ते तुलसी के पत्ते कुछ खास दिनों में नहीं तोड़ना चाहिए। ये दिन हैं एकादशी, रविवार और सूर्य या चंद्र ग्रहण समय। इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। बिना वजह तुलसी केपत्ते कभी नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने पर दोष लगता है। अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है।

4🌱रोज करें तुलसी का पूजन हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए। साथ ही, तुलसी के संबंध में यहां बताई गई सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। हर शाम तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

5🌱तुलसी से दूर होते हैं वास्तु दोष
घर-आंगन में तुलसी होने से कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी इसका शुभ असर होता है।

6🌱तुलसी घर में हो तो नहीं लगती है बुरी नजर मान्यता है कि तुलसी से घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है। साथ ही, घर के आसपास की किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा पनप नहीं पाती
है। सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

7🌱तुलसी से वातावरण होता है पवित्र
तुलसी से घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और
हानिकारक सूक्ष्म कीटाणुओं से मुक्त रहता है। इसी
पवित्रता के कारण घर में लक्ष्मी का वास होता है
और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

8🌱तुलसी का सूखा पौधा नहीं रखना चाहिए घर में
यदि घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख जाता है
तो उसे किसी पवित्र नदी में, तालाब में या कुएं में
प्रवाहित कर देना चाहिए। तुलसी का सूखा पौधा
घर में रखना अशुभ माना जाता है। एक पौधा सूख
जाने के बाद तुरंत ही दूसरा पौधा लगा लेना
चाहिए। घर में हमेशा स्वस्थ तुलसी का पौधा ही
लगाना चाहिए।

9🌱तुलसी है औषधि भी
आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी के समान माना
जाता है। तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो बहुत-सी
बीमारियों को दूर करने में और उनकी रोकथाम करने
में सहायक होते हैं। तुलसी का पौधा घर में रहने से
उसकी महक हवा में मौजूद बीमारी फैलाने वाले कई
सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट करती है।

10🌱रोज तुलसी की एक पत्ती सेवन करने से मिलते हैं ये
फायदे
तुलसी की महक से सांस से संबंधित कई रोगों में लाभ
मिलता है। साथ ही, तुलसी का एक पत्ता रोज सेवन
करने से हम सामान्य बुखार से बचे रहते हैं। मौसम
परिवर्तन के समय होने वाली बीमारियों से बचाव
हो जाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक
क्षमता बढ़ती है, लेकिन हमें नियमित रूप से तुलसी
का सेवन करते रहना चाहिए।

एक और बात तुलसी कृष्ण को बेहद प्यारी हैं,इसलिये प्रतिदिन कान्हा के चरणों में तुलसीदल यानि तुलसी का पत्ता ज़रूर अर्पण करना चाहिये..

कृष्णसेवा के प्रत्येक भोग में तुलसी दल रखकर अर्पण करना चाहिये

“तुलसी कृष्ण प्रेयसी नमो: नमो:”
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🌻🌻चेहरे के दाग धब्बे हटाने का उपाय है
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🌻पहली प्रक्रिया – नींबू जूस और पानी

🌱☘सबसे पहले नींबू को निचोड़ लें और फिर उसे एक कटोरे में दाल दें। अब उसमे साफ़ पानी भी मिलाएं।
अब इस मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद इसमें रूई डुबोकर अपने चेहरे पर लगाएं।
फिर इसे 20 मिनट के लिए ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें। इसके बाद अपने चेहरे को पानी से धो लें। ध्यान रहे इसके बाद चेहरे को धोने के लिए साबुन का इस्तेमाल न करें।
इस मिश्रण का इस्तेमाल एक दिन छोड़कर इस्तेमाल करें।
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🌻दूसरी प्रक्रिया – नींबू जूस और दही

☘🌱सबसे पहले एक नींबू को एक कटोरे में डाल लें।अब एक चम्मच दही को उसमे अच्छे से मिला लें।अब इस पेस्ट को अपने पूरे चेहरे पर लगाएं और आधे घंटे के लिए इसे ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें। फिर अपने चेहरे को साफ़ पानी से धो दें। इस मिश्रण का इस्तेमाल हफ्ते में दो बार ज़रूर करें।

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🌹दमे को नियंत्रित करने व मिटाने के लिए

         क्या करें ✅

🌹१] दमे का दौरा पड़े तो जिस नथुने से श्वास चल रहा हो, तत्काल उसे बंद कर दूसरे नथुने से श्वास लें | इससे दमे का जोर कम होगा |

🌹२] पानी उबाल के पियें | हवा का आवागमन शुद्ध रखें | अनुकूलता के अनुसार हलका व्यायाम, योगासन, प्राणायाम नियमित करें |

🌹३] हरि ॐ शांति …. का जप इसमें लाभप्रद है |

🌹४] गोझरण व तुलसी अर्क, तुलसी-पत्ते, प्राणदा टेबलेट आदि का सेवन बेहद लाभदायी है |

     🔹क्या न करें ❎

🌹१] ज्यादा शीतल पदार्थ, खट्टी चीजें, मिठाई, तले हुए पदार्थ, दही-चावल आदि व कफवर्धक पदार्थो के सेवन से बचें |

🌹२] अधिक व्यायाम, थकानेवाले काम, रुक्ष अन्न, धूल के कण व धूआँयुक्त वातावरण, मल-मूत्र को रोकना आदि से बचें |

🌹३] पंखे की सीधी हवा में न सोयें | एयर-कंडिशनर, एयर कूलर भी दमा के वेग को बढ़ाते हैं |

🌹४] शराब, तम्बाकू, बीडी, सिगरेट का सेवन तथा परफ्यूम्स आदि का उपयोग न करें |

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:भूख नहीं लगती हो तो🌹

🌹भूख नहीं लगती है मजबूत बनना है तो-आंवले का रस, अदरक का रस, पुदीने का रस और शक्कर मिलाकर पी लो, टानिक बनती है। स्वास्थ्य बढ़िया रहता है।

   

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: हड्डियों से आती है कट-कट की आवाज? ये 3 चीजें खाएं मिलेगी राहत

1. मेथी दाने :- मेथी दाने का सेवन हड्डियों के लिए फायदेमंद होगा। इसके लिए रात को आधा चम्मच मेथी दाने पानी में भिगो दें, फिर सुबह मेथी दानों को चबा-चबा कर खाएं साथ ही इसके पानी को भी पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से हड्डियों से आवाज आना बंद होने में मदद मिलेगी। 

2. दूध पीएं :- हड्डियों से कट-कट की आवाज आने का मतलब ये भी हो सकता है कि उनमें लुब्रिकेंट की कमी हो गई हो। अक्सर उम्र बढ़ने के साथ-साथ यह समस्या बढ़ने लगती है। इसलिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम देना बहुत जरूरी है। कैल्शियम के अन्य स्त्रोत लेने के अलावा भरपूर दूध पिएं।

3. गुड़ और चना खाएं :- भूने चने के साथ गुड़ का भी सेवन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। भुने चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। दिन में एक बार गुड़ और भुने हुए चने जरूर खाएं। इससे हड्डियों की कमजोरी दूर हो जाएगी और कट-कट की आवाज आना भी बंद हो सकती है।
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👨🏻‍🦱👉🏿गला बैठना, स्वर भंग👈🏿👩🏻

🌹1⃣👉🏿 गरम पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ले करना चाहिए, यह सुबह तथा रात को सोते समय करना चाहिए। मुलहठी को मुँह में रखकर चूसना चाहिए, मुलहठी का सत्व थोड़ा—थोड़ा मुँह में रखकर चूसने से भी लाभ होता है।

🌹2⃣👉🏿 गला बैठ जाए, गले में ललाई या सूजन हो जाए तो ताजा पानी या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर नमक डालकर तीन—चार गरारे करने से लाभ होता है।

🌹3⃣👉🏿 अजवाइन और शक्कर उबालकर दो बार पीने से गला खुल जाता है।

🌹4⃣👉🏿 पानी में मुलहठी डालकर रात को सोते समय खायें और सो जाएं। प्रात: आवाज साफ हो जाएगी।

🌹5⃣👉🏿 कंठ सूखने पर छुआरे की गुठली मुँह में रखने से लाभ होता है।

🌹6⃣👉🏿 आलूबुखारा दिन में चार बार चूसने व खाने से गले की खुश्की मिट जाती है।

🌹7⃣👉🏿 हर तीन—तीन घण्टे में दो चम्मच सूखा साबुत धनिया चबा चबाकर रस चूसते रहें। हर प्रकार के गले दर्द के लिए लाभदायक है।

🌹8⃣👉🏿 मूली का रस और पानी समान मात्रा में मिलाकर नमक मिलाकर गरारे करने से गले के घाव ठीक हो जाते हैं।

🌹9⃣👉🏿 दालचीनी बारीक पीसकर अँगूठे से प्रात: काग पर लगायें और लार टपका दें। इससे काग वृद्धि ठीक हो जाएगी।

🌹🎉🌹🎉🌹🎉🌹🎉🌹🎉🌹🎉. अगर बिना वजह आपके पेट के किसी विशेष हिस्से में दर्द हो रहा है, तो यह किसी बीमारी की तरफ इशारा करता है। जानिए पेट के अलग-अलग हिस्सों में दर्द का आखि‍र क्या कारण है –

1 बाएं ओर – अगर आपको पेट में बाएं ओर दर्द महसूस हो रहा है, और यह कभी-कभार नहीं बल्कि अक्सर होता है, तो सतर्क हो जाइए। यह किडनी संबंधी परेशानी या फिर किडनी में पथरी बनने के कारण भी हो सकता है। इस स्थि‍ति में पानी ज्यादा से ज्यादा पिएं और डॉक्टर की सलाह लें।

2 दाहिनी ओर – पेट में दाहिने हाथ की ओर होने वाला दर्द जो अक्सर आपको परेशान करता है,सामान्य नहीं है। दाहिनी ओर होने वाला दर्द सेहत से जुड़ी अनेक समस्याओं की ओर इशारा करता है। यह खास तौर से अपेंडि‍साइटिस के कारण भी हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं में नीचे की ओर यह दर्द गर्भाशय की समस्या के कारण भी हो सकता है।

3 बीच में – पेट के बीचो-बीच होने वाला दर्द पेट में अल्सर होने की तरफ इशारा कर सकता है। इसके अलावा गैस व अम्लीयता के कारण भी इस तरह का दर्द पैदा होता है। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं और सलाह लें।

4 ऊपर की ओर – पेट में ऊपर की ओर और छाती से ठीक नीचे की ओर होने वाला दर्द, विशेष रूप से एसिडि‍टी के कारण हो सकता है। तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

5 नीचे की ओर – पेट में नीचे की तरफ उठने वाला दर्द मूत्राशय से जुड़ी समस्या की ओर इशारा करता है। इसके अलावा यह मूत्रनली में इंफेक्शन या सिस्ट के कारण भी हो सकता है। महिलाओं में मासिक दर्द के दौरान भी पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है।
[25/08, 23:29] Daddy: दांत का दर्द मिनटों में करें दूर

दांतो में दर्द की समस्या :  बढ़ती उम्र में दांत कमजोर होने लगते हैं और उनमें अक्सर दर्द रहता है लेकिन आजकल के नौजवानों और छोटे बच्चों के दांतों में भी दर्द रहने लगा है। ज्यादा मीठा खाने की वजह से यह समस्या हो जाती है। दांत दर्द होने पर कुछ घरेलू उपाय करके इससे राहत पाई जा सकती है।  आइए जानिए ऐसे ही दांतो के दर्द के नुस्खों के बारे में

दांत के दर्द का इलाज

लौंग दांत दर्द का सफल नुस्खा 

दांत में दर्द होने पर काफी परेशानी होती है। ऐसे में जिस दांत के बीच दर्द हो रहा हो वहां एक लौंग दबा कर रखें जिससे आराम मिलेगा। लौंग में एनेस्थेटिक और एनलगेसिक गुण होते हैं जो दर्द को तुरंत दूर करते हैं। 

नमक 

हल्के गुनगुने पानी में थोड़ा-सा नमक मिलाएं और इससे गरारे करें या मुंह में पानी रख कर सेंक दें। इससे दांतों में हुई इंफैक्शन दूर होगी और दर्द से राहत मिलेगी।

लहसुन

लहसुन की कलियों को चबाने से भी फायदा होता है। दांत दर्द होने पर दिन में दो बार 2-2 कलियां लहसुन की चबाएं।

प्याज

इसमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो दांतों के दर्द से राहत देते हैं। दर्द ज्यादा होने पर प्याज का रस निकाल कर दांतों पर लगाएं।

अमरूद की पत्तियां

अमरूद की पत्तियों को चबाने से भी दांत दर्द दूर होती है। इसके अलावा पत्तियों को उबालकर इस पानी को माउथवॉश की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

हींग करेगी आपके दांत दर्द का निवारण 

चुटकी भर हींग को दर्द वाली जगह पर लगा लें जिससे आराम मिलेगा। इसके अलावा हींग को पानी में घोल कर कुल्ला भी कर सकते हैं।

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