📿☘️💗सत्संग प्रवाह …………
एक बार एक राजा नगर भ्रमण को गया तो रास्ते में क्या देखता है कि …….एक छोटा बच्चा माटी के खिलौनो को कान में कुछ कहता फिर तोड कर माटी में मिला रहा है
राजा को बडा अचरज हुआ तो उसने बच्चे से पुछा कि तुम ये सब क्या कर रहे हो???
तो बच्चे ने जवाब दिया कि मैं इन से पुछता हुं कि कभी राम नाम जपा और माटी को माटी में मिला रहा हूँ
तो राजा ने सोचा इतना छोटा सा बच्चा इतनी ज्ञान की बात …….
राजा ने बच्चे से पुछा कि तुम मेरे साथ मेरे राजमहल में रहोगे?????
तो बच्चे ने कहा कि जरुर रहूंगा पर मेरी चार शर्त है
1 जब मैं सोऊं तब तुम्हें जागना पडेगा
2 मैं भोजन खाऊगा तुम्हें भूखा रहना पडेगा
3 मैं कपड़े पहनुंगा मगर तुम्हें नग्न रहना पडेगा
4 और जब मैं कभी मुसीबत में होऊ तो तुम्हें अपने सारे काम छोड़ कर मेरे पास आना पड़ेगा
अगर आपको ये शर्तें मन्जुर हैं तो मैं आपके राजमहल में चलने को तैयार हुं
राजा ने कहा कि ये तो असम्भव है
तो बच्चे ने कहा राजन तो मैं उस परमात्मा का आसरा छोड़ कर आपके आसरे क्यूँ रहुँ
जो खुद नग्न रह कर मुझे पहनाता है
खुद भूखा रह कर मुझे खिलाता है
खुद जागता है और मैं निश्चिंत सोता हूँ
और जब मैं किसी मुश्किल में होता हूँ तो वो बिना बुलाए मेरे लिए अपने सारे काम छोड़ कर दौडा आता है ……..
कहने का भाव केवल इतना ही है कि हम लोग सब कुछ जानते समझते हुए भी बेकार के विषय विकारो में उलझ कर परमात्मा को भुलाए बैठे हैं
जो हमारी पल पल सम्भाल कर रहे हैं उस सतगुरु प्यारे के नाम को भूलाए बैठे हैं
जदो यम ने सिर ते आन खलोंणा कोई ना बडणा तेरा संगी साथी
तू मल मल हथ पछतौणा
जप नाम हर पल उस सच्चे सतगुराँ दा
जिनाँ तेरे अन्त वेले तेरे कोल आन खलोंणा
हरि हरि बोल 🙏🌹🙏