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फिरोजा बहुत सारे लोगों ने सलमान खान की कलाई में इसे देखा होगा

ग्रहों के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए या फिर उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए ज्योतिष शास्त्र द्वारा विभिन्न प्रकार के रत्न प्रदान किए गए हैं। यह रत्न हमारे जीवन को सुधारने और यहां तक कि कई रोगों से लड़ने में भी सहायक सिद्ध होते हैं। फिरोजा भी ऐसे ही प्रभावशाली लेकिन कम मुल्यवान रत्नों में से एक है। फिरोजा नीला और हरा-नीला रंग का सेमीप्रीसियस स्‍टोन होता है। इस रत्‍न को ज्‍योतिषीय रेमिडी के तौर पर कई लोगों द्वारा इस्‍तेमाल किया जाता है।

  1. वे लोग जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर हो, उन्हें फिरोजा रत्न धारण करना चाहिए। यह बृहस्पति ग्रह को मजबूती प्रदान करता है। यह गुरू के अच्‍छे फल जैसे मान-सम्‍मान, धन, अच्‍छी सेहत और शिक्षा देने वाला रत्‍न है। धनु और मीन राशि (चंद्र राशि) वालों को जरूर पहनना चाहिए।
  2. जिनकी कुंडली में राहु या केतु का कोई भी दोष हो, उस दोष को शांत करने का रामबाण उपाय है फिरोजा रत्न।
  3. इसकी दूसरी खासियत यह है कि यह प्रेम संबंधों को सुधारने के काम आता है। यदि प्रेमी-प्रेमिका के बीच परेशानी चल रही हो या पति-पत्नी में कोई अनबन हो, तो फिरोजा रत्न के प्रयोग से दो अंगूठियां बनवाएं और शुभ मुहूर्त में एक-दूसरे को पहनाएं। यह रत्न धीरे-धीरे रिश्ते सुधार देता है।
    इसके अलावा यदि किसी मित्र के साथ या परिवार के किसी सदस्य के साथ मतभेद चल रहे हों तो उन्हें फिरोजा रत्न किसी भी रूप में बनवाकर भेंट कर दें। रिश्ते पहले की तरह अच्छे हो जाएंगे।
  4. फिरोजा की अगली खासियत यह है कि यह रत्न कई तरह के रोगों को काटने का काम करता है, विशेष रूप से दिल से जुड़ी बीमारियों को ठीक करने के लिए इस रत्न का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए और गुर्दे संबंधी रोगों से भी निजात दिलाता है यह रत्न। जिन्हें रक्तचाप (उच्च या कम) जैसी कोई भी दिक्कत रहती हो और उसका इलाज सफल नहीं हो रहा है, उन्हें भी कुंडली के विषलेषण के बाद फिरोजा रत्न धारण करना उपयुक्त रहता है।
  5. यह रत्न बुरी नजर से भी व्यक्ति की रक्षा करता है।
  6. फिरोजा रत्न को पहनने वाले के भीतर आत्म विश्वास बढ़ता है। यह रत्न उसके आसपास की बुरी ऊर्जा को दूर कर उसे सकारात्मक सोच प्रदान करता है। इतना ही नहीं, इस रत्न को पहनने वाले भूत-प्रेत जैसी बुरी शक्तियों से भी बचे रहते हैं।
  7. पढ़ने-लिखने के क्षेत्र से संबंधित लोग और वकीलों के लिए यह रत्‍न अच्‍छे फल देने वाला माना जाता है। लीवर, गुर्दे और मोटापे से संबंधि‍त रोगों से बचाव में फिरोजा बहुत फायदेमंद होता है। गुरू के अच्‍छे प्रभाव जैसे बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य, सामाजिक सम्‍मान का बढ़ना, सफलता, आराम और जीवन में सफलता प्राप्‍त होती है।

अभिमंत्रित कर इस रत्न को धारण करने वाले किसी भी व्यक्ति पर इस रत्न का कोई भी साईड इफैक्ट नहीं देखा गया है, इसलिए इसे कोई भी लग्न-राशी का व्यक्ति धारण कर सकता है। फिर भी यह रत्न उन लोगों के लिए धारण करना बेहद फायदेमंद है जिनका जन्म भारतीय जन्म मास
के अनुसार पौष महीने में हुआ हो। जिनका जन्म अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से दिसंबर के महीने में हुआ हो उनके लिए फिरोजा रत्न पहनना लाभकारी सिद्ध होगा। विशेष तौर पर वे लोग जिनका जन्म 21 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच हुआ हो, वे भी यह रत्न जरूर पहनें।

पहनने की विधि :
फिरोज़ा रत्न एक विशिष्ट दिन पर पहना जाना चाहिए ताकि पहनने वाले के लिए वह रत्न अनुकूल हो सके। स्नान करने के बाद ही अंगूठी को धारण करना चाहिए लेकिन इससे पहले अंगूठी को कच्चे दूध व गंगाजल के मिश्रण में डुबोए रखें ताकि वह शुद्ध हो जाए। इसके बाद पूजा-अर्चना करने

पर ही अंगूठी धारण करनी चाहिए। इस रत्न को आप चांदी या पंच धातु में बनवाकर धारण कर सकतें हैं।

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