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• मुलेठी ( mulethi )मुख, गले, पेट रोग, अल्सर, कफ, के रोगों में बहुत उपयोगी है।

*• यह कफ को सरलता से निकलने में मदद करती है।
*• यह दमा में उपयोगी है।*
• मुलेठी चबाने से मुंह में लार का स्राव बढ़ता है। यह आवाज़ को मधुर बनाती है।
• यह श्वसन तंत्र संबंधी विकारों, कफ रोगों, गले की खराश, गला बैठ जाना आदि में लाभप्रद है।
• यह गले में जलन और सूजन को कम करती है।
• यह पेट में एसिड का स्तर कम करती है।
• यह जलन और अपच से राहत देती है तथा अल्सर से रक्षा करती है।
• पेट के घाव, अल्सर, पेट की जलन, अम्लपित्त में मुलेठी बहुत लाभप्रद है। मुलेठी में मौजूद ग्लाइकोसाइड्स पेट के घाव को भर देती है।
• अम्लपित्त में इसका सेवन तुरंत ही एसिड को कम करता है।
• यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है।
• मुलेठी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है।
• यह शरीर की इम्युनिटी बढाती है।
• मुलेठी में फाईटोएस्ट्रोजन phytoestrogens होते हैं जिनका हल्का estrogenic प्रभाव है।
यह वीर्य को शुद्ध करती है। यह खून को पतला करती है।

मुलेठी के औषधीय इस्तेमाल

कफ: अधिक कफ होने पर, 3 ग्राम मुलेठी चूर्ण को शहद के साथ लें।
मुलेठी 10 ग्राम + काली मिर्च 10 ग्राम + लौंग 5 ग्राम + हरीतकी 5 ग्राम + मिश्री 20 ग्राम, को मिलकर पीस लें और शहद के साथ 1 चम्मच की मात्रा में शहद के साथ चाट कर लेने से पुरानी खांसी, जुखाम, गले की खराश, सूजन आदि दूर होते हैं।

खांसी: मुलेठी चूर्ण 2 ग्राम + आंवला चूर्ण 2 ग्राम को मिला लें। इस चूर्ण को शहद के साथ चाट कर लेने से खांसी दूर होती है।
खांसी के साथ खून आने पर, मुलठी का चूर्ण 1 टीस्पून की मात्रा में शहद या पानी के साथ लेना चाहिए।

गले के रोग: गले की सूजन, जुखाम, सांस नली में सूजन, मुंह में छाले, गला बैठना आदि में इसका टुकड़ा मुंह में रख कर चूसना चाहिए।

जुखाम: जुखाम के लिए, मुलेठी 3 ग्राम + दालचीनी 1 ग्राम + छोटी इलाइची 2-3, कूट कर 1 कप पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, छान कर, मिश्री मिला कर दो बार, सुबह-शाम 2 चम्मच की मात्रा में लेना चाहिए।

हिक्का: हिचकी आने पर मुलेठी का एक टुकडा चूसें। नस्य लेने से भी लाभ होता है।

पेट रोग: पेट और आँतों में ऐठन होने पर मुलेठी का चूर्ण शहद के साथ दिन में 2-3 बार लेना चाहिए।

अल्सर में मुलेठी को 4 ग्राम को मात्रा में दूध के साथ लिया जाता है। या इसका क्वाथ दिन 2-3 बार शहद में मिलकर लेना चाहिए।

पेशाब रोग: पेशाब की जलन में, 2-4 ग्राम मुलेठी के चूर्ण को दूध के साथ लेना चाहिए

रक्त प्रदर: रक्त प्रदर में, मुलेठी 3 ग्राम + मिश्री, को चावल के पानी के साथ लेना चाहिए।

धातु की कमी: धातु क्षय, में 3 ग्राम मुलेठी चूर्ण को 3 ग्राम घी और 2 ग्राम शहद के साथ मिला कर लें।

वीर्य बढाने, स्तम्भन शक्ति को मज़बूत करने के लिए, मुलेठी चूर्ण 2-4 ग्राम की मात्रा में शहद और दूध के साथ, कुछ दिन तक सेवन करें

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