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गर्मी में फ्रिज का ठंडा-ठंडा पानी पीने के नुकसान

पाचन में हस्तक्षेप: ठंडा पानी आपके भोजन की पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है क्योंकि ठंडा पानी पीने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और क्योंकि भोजन का पाचन ठीक से नहीं होता अत: भोजन के पोषक तत्व ख़त्म हो जाते हैं या शरीर द्वारा अवशोषित नहीं किये जाते। आप बेहतर पाचन के लिए घरेलू उपायों के बारे में जानना चाहेंगे।

पोषक तत्वों को नष्ट करना: आपके शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है तथा जब आप कोई ठंडी चीज़ पीते हैं तो उस वस्तु के तापमान को नियमित करने के लिए आपके शरीर को कुछ ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। अन्यथा इस उर्जा का उपयोग भोजन के पाचन तथा पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए होता है। यही कारण है कि ठंडा पानी पीने से आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

गला ख़राब होने का खतरा बढ़ जाता है: ठंडा पानी पीने से आपके श्वसन तंत्र में म्युकोसा बन सकता है जो श्वसन तंत्र की सुरक्षात्मक परत होती है। जब यह परत संकुलित हो जाती है तो आपका श्वसन तंत्र अनावृत हो जाता है तथा विभिन्न संक्रमणों की चपेट में आ जाता है और इसी कारण गला ख़राब होने का खतरा बढ़ जाता है। आप गले को ख़राब होने से बचाने के 6 तरीकों के बारे में पढ़ना चाहेंगे।

आपके हृदय की गति को कम करता है: बर्फ़ का पानी या ठंडा पानी पीने से आपके हृदय की गति कम हो जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। वेगस तंत्रिका 10 वीं कपाल तंत्रिका है तथा यह शरीर के स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करती है। वेगस तंत्रिका हृदय की गति को कम करने में मध्यस्थता करती है तथा ठंडा पानी इस तंत्रिका को उत्तेजित करता है जिसके कारण हृदय की गति कम हो जाती है।

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