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शहद:- एक उपयोगी एवम आयुर्वेदिक औषधि !

शुद्ध शहद की पहचान और प्रयोग

बाजार में और आपके दरवाजे पे आपने शहद बेचते देखा होगा क्या आपको पता है कि शुद्ध शहद की क्या पहचान है मिलावट से बचने के लिए आप को पता होना चाहिए कि जो शहद आप खरीद रहे है वो नकली है या असली और आपको ये भी बतायेगे कि शुद्ध शहद के क्या उपयोग है –

शुद्ध शहद की पहचान-

1- शुद्ध शहद में खुशबू रहती है और वह सर्दी में जम जाता है तथा गरमी में पिघल जाता है-

2- शुद्ध शहद को कुत्ता कभी नहीं खाता-

3- कागज पर शहद डालने से नीचे निशान नहीं आता है-

4- शहद की कुछ बूंदे पानी में डालें यदि यह बूंदे पानी में बनी रहती है तो शहद असली है और शहद की बूंदे पानी में मिल जाती है तो शहद में मिलावट है-

5- रूई की बत्ती बनाकर शहद में भिगोकर जलाएं यदि बत्ती जलती रहे तो शहद शुद्ध है-

6- एक ज़िंदा मक्खी पकड़कर शहद में डालें उसके ऊपर शहद डालकर मक्खी को दबा दें शहद असली होने पर मक्खी शहद में से अपने आप ही निकल आयेगी और उड़ जायेगी चूँकि मक्खी के पंखों पर शहद नहीं चिपकता-

7- कपड़े पर शहद डालें और फिर पौंछे असली शहद कपडे़ पर नहीं लगता है-

अब आइये और जाने घर में शुद्ध शहद रखना क्यों जरुरी है-

अनेक रोगों में शहद का प्रयोग –

कुछ बच्चे रात में सोते समय बिस्तर में ही मूत्र (पेशाब) कर देते हैं। यह एक बीमारी होती है। सोने से पहले रात में शहद का सेवन कराते रहने से बच्चों का निद्रावस्था में मूत्र (पेशाब) निकल जाने का रोग दूर हो जाता है-

एक चम्मच शुद्ध शहद शीतल पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द को आराम मिलता है-एक चुटकी सौंठ को थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से काफी लाभ होता है। दो तुलसी की पत्तियां पीस लें। फिर इस चटनी को आधे चम्मच शहद के साथ सेवन करें-

रात्री को सोते समय एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पी लें। इसके इस्तेमाल से सुबह पेट साफ हो जाता है।

एक गिलास पानी में एक चम्मच नींबू का रस तथा आधा चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। इससे अजीर्ण का रोग नष्ट हो जाता है।या शहद में दो काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटना चाहिए या फिर अजवायन थोड़ा सा तथा सौंठ दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को शहद के साथ चाटें।शहद को जरा सा गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए-

शहद में सौंफ, धनिया तथा जीरा का चूर्ण बनाकर मिला लें और दिन में कई बार चाटें। इससे दस्त में लाभ मिलता है।अनार दाना चूर्ण शहद के साथ चाटने से दस्त बंद हो जाते हैं-

अजवायन का चूर्ण एक चुटकी को एक चम्मच शहद के साथ लेना चाहिए। दिन में तीन बार यह चूर्ण लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं-

धनिया तथा जीरा लेकर चूर्ण बना लें और शहद मिलाकर धीरे-धीरे चाटना चाहिए। इससे अम्लपित्त नष्ट होता है-

सौंफ, धनियां तथा अजवायन इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इस चूर्ण में से आधा चम्मच चूर्ण को शहद के साथ सुबह, दोपहर और शाम को इसका सेवन करना चाहिए। इससे कब्ज दूर होती है-

त्रिफला का चूर्ण शहद के साथ सेवन करें। इससे पीलिया का रोग नष्ट हो जाता है। गिलोय का रस 12 ग्राम शहद के साथ दिन में दो बार लें। नीम के पत्तों का रस आधा चम्मच शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए-

  • सिर पर शुद्ध शहद का लेप करना चाहिए। कुछ ही समय में सिर का दर्द खत्म हो जायेगा। आधा चम्मच शहद और एक चम्मच देशी घी मिलाकर सिर पर लगाना चाहिए। घी तथा शहद के सूखने के बाद दोबारा लेप करना चाहिए। यदि पित्त के कारण सिर में दर्द हो तो दोनों कनपटियों पर शहद लगायें। साथ ही थोड़ा शहद भी चाटना चाहिए
  1. शहद के साथ ब्राह्मी के पत्तों के सेवन से मिरगी केदौरे आना बंद होता हैं।
  2. प्रतिदिन तीन बार एक-एक चम्मच शहद एक गिलास पानी में मिलाकर पिलाने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
  3. शहद को घोडा बच के साथ मिलाकर दिन में दो बार सेवन से क्रोध शांत होने लग जाता है। शहद के साथ गिलोय का रस मिलाकर दिन में दो बार सेवन से पित्त द्वारा उत्पन्न क्रोध शांत होने लगता है।
  4. हृदय की घबराहट, कमजोरी जब महसूस हो तो गुनगुने पानी में शहद घोलकर दिन में दो-तीन बार नियमित सेवन करें।
  5. शहद हृदय शक्ति के लिए औषधियों में सर्वोत्तम हैं हृदय फेल होने से बचाता है। जब हृदय की धड़कन बढ़ जाये, दम घुटने लगे तो शहद सेवन करने से (दिल की कमजोरी, दिल का बैठना आदि ) हृदय सबल व मजबूत बनता है।
  6. काली मिट्टी में शहद डालकर फोड़े-फुंसिया पर लगाने से फायदा होता है।
  7. उच्चरक्तचाप कम करने के लियें शहद का प्रयोग लगभग एक सप्ताह तक करें।
  8. शहद को गुनगुने पानी से एक डेढ़ माह तक नियमित सेवनसे से हर प्रकार के चमड़ी रोग (दाद- खाज-खुजली चकते एवं कोढ़ के रोग भी ) ठीक हो जाते है।
  9. शहद में 1 /4 ग्राम शुद्ध गन्धक को मिलाकर खाने से खुजली पूरी तरह से ठीक हो जाती है।
  10. शहद में कलौंजी का चूर्ण मिलाकर चाटने से याददास्त तेज होती है।
  11. 30 ग्राम शहद के साथ 20 ग्राम घी मिलाकर भोजन के बाद नित्य सेवन से याददास्त तेज होती है। (सावधानी:मात्रा का विशेष ध्यान रखे, समान मात्रा में घी और शहद जहर होता है )
  12. शहद और पीपल चूर्ण छाछ के साथ पीने से छाती के दर्द में लाभ मिलता है।
  13. शहद के साथ लगभग 1 /4 भाग चांदी की भस्म सुबह और शाम को लेने से बुद्धि के विकास में वृद्धि होती है।
  14. शहद का सेवन खाने के बाद के पेट दर्द समाप्त होते है। पानी से शहद मिलाकर पीने से भी पेट दर्द में राहत आती है।
  15. शहद के साथ लगभग 1 /4 भाग जटामांसी का चूर्ण रोगी को सुबह और शाम देने से कम्पन के दोरों में (कंपकंपाना) लाभ मिलता हैं।
  16. जिस ओर सिर में दर्द हो रहा हो उसके दूसरी ओर के नाक के नथुने में एक बूंद शहद डालने से आधे सिर के दर्द में आराम मिलता है।
  17. रोजाना भोजन में शहद लेने से आधे सिर दर्द में आराम व उल्टी बंद हो जाती हैं।
  18. शहद या गुड़ के साथ पके हुए गूलर के फल खाने से नकसिरी बंद हो जाती है।
  19. नींबू का रस और शहद को सामान मात्रा में मिलाकर रात को सोने से पहले सेवन करे नींद खुले तब पुन: ले पानी के साथ शहद डालकर पीने से भी अच्छी नींद आ जाती है।
  20. शहद चाटने से या शहद को पानी में मिलकर दिन में दो बार पीने से पेट के कीड़े मर जाते है।
  21. शहद का रोज दूध में मिलाकर सेवन करने से कमजोरी दूर होकर सामान्य मोटापा बढ़ता हैं।
  22. शहद में लगभग 2 ग्राम पोस्ता पीसकर या शहद में लगभग 10 ग्राम बहेड़ा चूर्ण मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से अच्छी नींद आती है।
  23. चूना और शहद को अच्छी तरह से मिलाकर फोड़े पर लगाने से आराम आता है।
  24. शहद में 1 / 4 भाग केसर मिलाकर या शहद और त्रिफला सामान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम सेवन से शीतपित्त में लाभ मिलता है।
  25. शहद को मुंह में भरकर कुछ देर तक रखकर कुल्ला करें। इससे तेज प्यास शांत हो जाती है।
  26. अधिक तेज प्यास को शांत करने के लिए शहद को मुंह में 10 मिनट तक रखें और कुल्ला कर दें। पानी में शहद मिलाकर पीने से गले की जलन व प्यास मिटती है।
  27. मोच या चोट के स्थान पर शहद और चूना मिलाकर लेप करे और इसका असर स्वयं देखे ।
  28. शहद में चुटकी भर अफीम घिसकर चाटने से पेचिश का रोग दूर हो जाता है।
  29. एक कप शहद पानी में मिलाकर एक माह तक सेवन करने से शरीर का लकवा ठीक हो जाता है।
  30. शहद और दूध मिलाकर पीने से नपुंसकता (वीर्य) की कमी दूर होती है। और शरीर बलवान होता है।
  31. शहद में काला नमक और नींबू का रस मिलाकर सेवन करनेसे हिचकी में आराम आता है।या प्याज के रस में शहद मिलाकर या सिर्फ शहदको उंगली से चाटने से भी हिचकी बंद हो जाती है।
  32. गर्भावस्था में महिलाओं के लिए शहद आवश्यक टानिक है महिलाओं को चाहिए की ( गर्भधारण के शुरू से ही या अंतिम तीन महीनों में) दो चम्मच शहद का दूध के साथ नियमित सेवन करने से रक्त की कमी दूर होकर शारीरिक शक्ति बढ़ती है और बच्चा ह्रष्ट पुष्ट बुद्धिमान और सुन्दर होता है।
  33. निमोनिया रोगी के शरीर की पाचन-क्रिया ध्वस्त हो जाती है इसके लिए सीने तथा पसलियों पर शुद्ध शहद की मालिश करें और थोड़ा सा शहद गुनगुने पानी में मिलाकर निमोनिया रोगी को पिलाये।
  34. छोटी मक्खी का शहद, अदरक का रस, नींबू का रस और सफेद प्याज का रस इन सबको मिलाकर और छानकर एक बूंद हर शाम आंखों में डालते रहें इससे मोतियाबिंद दूर हो जाता है।और इसमे गुलाब जल डालकर रोजाना आँखों में डालने से आंखों की रोशनी तेज होकर चश्मा हट जाता है।
  35. शुद्ध शहद हफ्ते मे 1 से 2 बार डालने से आंखों की रोशनी कभी कम नही होती, बल्कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ तेज होती है । साथ ही चार पांच बादाम रात को भिगो दे सुबह उठते ही चार पांच काली मिर्च और मिश्री के साथ पीसकर चाटे या चबाकर और ऊपर से दूध पी लें ।
  36. शहद या एरण्ड तेल (कस्टर आयल) की 1 से 2 बूंद आंखोंमे डालने से आंख में गिरी हुई चीज बाहर आ जायेगी और आंखों की चुभन दूर हो जायेगी।
  37. स्त्री-संग सम्भोग से एक घण्टा पहले पुरुष की नाभि में शहद लगाये पुरुष का जल्दी स्खलन नही होता औरलिंग शिथिल नहीं पड़ता।
  38. शहद और अदरक का रस समान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम के सेवन से जुकाम ठीक हो जाता है और भूख भी बढ़ जाती है।
  39. एक गिलास गुनगुने दूध में 2 चम्मच शहद और आधे चम्मच मीठे सोडे को एक साथ मिलाकर दिन में दो बार पीने से जुकाम,फ्लू ठीक हो जाता है।यह मिश्रण पीते वक्त सुरक्षित कमरे में होना चाहिए जंहा बाहरी हवा न लगे क्योंकि इससे रोगी को बहुत पसीना आता है जिसमे हवा का लगना नुकसानदायक हो सकती है।
  40. शहद में सेंधानमक और हल्दी को एक कप पानी में डालकर उबाल लें। गुनगुना होने पर सोते समय पीने से जुकाम ठीक होता है।
  41. शहद में गुड़ मिलाकर या केवल शहद को चाटने से उल्टी बंद हो जाती है।
  42. शहद में लौंग चूर्ण मिलाकर चाटने से गर्भावस्था के समय आने वाली उल्टी से छुटकारा मिल जाता है।
  43. काली खांसी के लिए सबसे पहले कब्ज को दूर करे उसकेबाद सौंफ, धनियां तथा अजवायन को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इसका दिन में तीन बार सेवन करना चाहिए।इससे कब्ज दूर होती है। तथा शहद में लौंग के तेल की एकबूंद तथा अदरक के रस की दस बूंदे मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करे।
  44. पायरिया के लिए शहद की मसूढ़ों तथा दांतों पर मालिश करे या नींबू का रस, नीम का तेल तथा शहद मिलाकर या शहद में लहसुन, करेला, अदरक का रस मिलाकरमसूढ़ों कीमालिश करके गुनगुने पानी से कुल्ला करे। इससे पायरिया तथा मसूढ़ों के रोग खत्म हो जाते हैं।
  45. गले के बैठ जाने पर मुलहठी का चूर्ण शहद के साथ चाट़े या फूली हुई फिटकरी चूर्ण शहद में मिलाकर सेवन करें। इसमें पानी मिलाकर कुल्ला किया जा सकता है।
  46. बहेड़ा के चूर्ण को शहद के साथ सुबह और शाम सेवन करने से या गुनगुने पानी में शहद मिलाकर गरारे करने से भी आवाज खुल जाती है।
  47. शहद में हल्दी पाउडर, अजवायन और सौंठ को मिलाकर सेवन करें तथा सोने से पहले अजवायन का तेल छाती पर मलें।
  48. ताजे पानी से आंखों को सुबह नियमित धोए दो बूंदे नीम का रस तथा दुगना शहद मिलाकर आंखों में लगाए। गिलोय का रस तथा शहद को मिलाकर आँखों में लगायें या गिलोय का रस और आधी मात्रा में शहद मिलाकर और आंखों में नियमित लगायें। अथवा शहद, सफ़ेद प्याज का रस, अदरकका रस और निम्बू का रस को समान मात्रा में मिलाकर हर शाम आंखों में लगाकर सो जांए। आंखों की खुजली, दर्द, मोतियाबिंद आदि सभी रोगों के लिए यह उपयोगी है। शहद को आंखों में लगाने से रतौंधी रोग दूर होता है। आंखोंकी रोशनी भी बढ़ती है।
  49. तवे पर सुहागे को फुलाकर शहद के साथ छालों पर लगाना चाहिए। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
  50. शहद में छोटी इलायची चूर्ण मिलाकर मुंह के छालों पर लगायें।
  51. फिटकरी को पानी में घोल कर शहद के साथ मिलाकर कुल्ला करें। यह कुल्ला भोजन करने से पहले सुबह, दोपहर तथा शाम को करना चाहिए।
  52. त्रिफला चूर्ण शहद के साथ ले या केवल आंवले का चूर्ण शहद के साथ लेने से भी पेट की गर्मी शांत हो कर मुंह के छाले ठीक होने लगते हैं।
  53. आंख में जलन के लिए शहद के साथ निबौंली (नीम का फल)का गूदा मिलाकर आंखों में काजल की तरह लगना चाहिए।
  54. शुद्ध शहद को सलाई या अंगुली की सहायता से काजल कीतरह आंख में लगायें। या सिर पर शुद्ध शहद का लेप करें ।
  55. शहद में दुगनी मात्रा में देशी घी मिलाकर सिर पर लगाए। और सूखने से पहले दोबारा दर्द ठीक होने तक फिर से लगाये । साथ ही थोड़ा शहद चाटीए या भोजन के साथ शहदलेने से सिर का दर्द दूर हो जाता है।
  56. पेट की खराबी, सर्दी या गर्मीके कारण सिर दर्द हो तो नींबू के रस में शहद को मिलाकर माथे पर लेप करे ।अथवा शहद में थोडा चूना मिलाकर माथे के दर्द वाले भाग लगा देने से सिर का दर्द ठीक हो जाता है।
  57. सौंफ, धनियां तथा अजवायन बराबर मात्रा में लेकर तीनों के पिसे चूर्ण को शहद के साथ प्रतिदिन तीन बार सेवन करने से कब्ज दूर होती है। धनिये तथा जीरे का चूर्ण बना लें और शहद में मिलाकर चाटीए इससे अम्लपित्त समाप्त होता है। सौंठ, कालीमिर्च, पीपल, सेंधानमक इन सब का चूर्ण या दो कालीमिर्च तथा दो लौंगके चूर्ण को दिन में तीन बार शहद के साथ चाटने से भूख लगना प्रारम्भ हो जाता है।
  58. अजवायन का चूर्ण को शहद के साथ दिन में तीन बार लेने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
  59. पानी में नींबू का रस तथा शहद मिलाकर पीने से अजीर्ण समाप्त हो कर भूख खुल कर लगने लगती है।
    60💐💐 .गुनगुने पानी मे निम्बू का रस और शहद मिलाकर सुबह सुबह पीने से मोटापा कम होता है साथ ही इस योग सेवन से शरीर के विजातिय तत्व बाहर होता है आजकल के रसायनिक युक्त खाद्य पदार्थ सेवन के कारण हर इंसान को हप्ते में 2 3 दिन इस अद्भुत योग का सेवन करना ही चाहिये💐💐

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