🔥 सर्दियों में इनसे मिले शरीर को गर्मी 🔥
🔥 ठंड के मौसम में सर्दी के असर से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन शरीर को चाहे कितने ही गर्म कपड़ों से ढक लिया जाए ठंड से लड़ने के लिए बॉडी में अंदरूनी गर्मी होनी चाहिए। शरीर में यदि अंदर से खुद को मौसम के हिसाब से ढालने की क्षमता हो तो ठंड कम लगेगी और कई बीमारियां भी नहीं होंगी। यही कारण है कि ठंड में खानपान पर विशेष रूप से ध्यान देने को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है। सर्दियों में यदि खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाए तो शरीर संतुलित रहता है और सर्दी कम लगती है।
🔶 1. बाजरा
कुछ अनाज शरीर को सबसे ज्यादा गर्मी देते है। बाजरा एक ऐसा ही अनाज है। सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी बनाकर खाएं। छोटे बच्चों को बाजरा की रोटी जरूर खाना चाहिए। इसमें कई स्वास्थ्यवर्धक गुण भी होते है। दूसरे अनाजों की अपेक्षा बाजरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। इसमें वह सभी गुण होते हैं, जिस से स्वास्थ्य ठीक रहता है। ग्रामीण इलाकों में बाजरा से बनी रोटी व टिक्की को सबसे ज्यादा जाड़ो में पसंद किया जाता है। बाजरा में शरीर के लिए आवश्यक तत्व जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैग्नीज, ट्रिप्टोफेन, फाइबर, विटामिन-बी, एंटीऑक्सीडेंट आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
🔶 2. बादाम
बादाम कई गुणों से भरपूर होते हैं। इसका नियमित सेवन अनेक बीमारियों से बचाव में मददगार है। अक्सर माना जाता है कि बादाम खाने से याददाश्त बढ़ती है, लेकिन यह ड्राय फ्रूट अन्य कई रोगों से हमारी रक्षा भी करता है। इसके सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है, जो सर्दियों में सबसे बड़ी दिक्कत होती है। बादाम में डायबिटीज को निंयत्रित करने का गुण होता है। इसमें विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होता है।
🔶 3. अदरक
क्या आप जानते हैं कि रोजाना के खाने में अदरक शामिल कर बहुत सी छोटी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। सर्दियों में इसका किसी भी तरह से सेवन करने पर बहुत लाभ मिलता हैै। इससे शरीर को गर्मी मिलती है और डाइजेशन भी सही रहता है।
🔶 4. शहद
शरीर को स्वस्थ, निरोग और उर्जावान बनाए रखने के लिए शहद को आयुर्वेद में अमृत भी कहा गया है। यूं तो सभी मौसमों में शहद का सेवन लाभकारी है, लेकिन सर्दियों में तो शहद का उपयोग विशेष लाभकारी होता है। इन दिनों में अपने भोजन में शहद को जरूर शामिल करें। इससे पाचन क्रिया में सुधार होगा और इम्यून सिस्टम पर भी असर पड़ेगा।
🔶 5. रसीले फल न खाएं
सर्दियों के दिनों में रसीले फलों का सेवन न करें। संतरा, रसभरी या मौसमी आपके शरीर को ठंडक देते है। जिससे आपको सर्दी या जुकाम जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
🔶 6. मूंगफली
100 ग्राम मूंगफली के भीतर ये तत्व मौजूद होते हैं : प्रोटीन- 25.3 ग्राम, नमी- 3 ग्राम, फैट्स- 40.1 ग्राम, मिनरल्स- 2.4 ग्राम, फाइबर- 3.1 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट- 26.1 ग्राम, ऊर्जा- 567 कैलोरी, कैल्शियम – 90 मिलीग्राम, फॉस्फोरस 350 मिलीग्राम, आयरन-2.5 मिलीग्राम, कैरोटीन- 37 मिलीग्राम, थाइमिन- 0.90 मिलीग्राम, फोलिक एसिड- 20मिलीग्राम। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनिरल्स आदि तत्व इसे बेहद फायदेमंद बनाते हैं। यकीनन इसके गुणों को जानने के बाद आप कम से कम इस सर्दियों में मूंगफली से टाइमपास करने का टाइम तो निकाल ही लेंगे।
🔶 7. सब्जियां
अपनी खुराक में हरी सब्जियों का सेवन करें। सब्जियां, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और गर्मी प्रदान करती है। सर्दियों के दिनों में मेथी, गाजर, चुकंदर, पालक, लहसुन बथुआ आदि का सेवन करें। इनसे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
🔶 8. तिल
सर्दियों के मौसम में तिल खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है। तिल के तेल की मालिश करने से ठंड से बचाव होता है। तिल और मिश्री का काढ़ा बनाकर खांसी में पीने से जमा हुआ कफ निकल जाता है। तिल में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जैसे, प्रोटीन, कैल्शियम, बी-कॉम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि। प्राचीन समय से खूबसूरती बनाए रखने के लिए तिल का उपयोग किया जाता रहा है।
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: पुरानी खाँसी – सबसे पहले यह जान लें कि खाँसी कोई रोग नहीं है , बल्कि कुदरत की तरफ से घंटी बजती है कि ‘ सावधान ! आपके अन्दर विकार का प्रकोप बढ़ रहा है ! ‘ तुरन्त उपले पर लहसुन तपाकर जला दें और उसकी भस्म शहद में मिलाकर चाट जाएँ । पुरानी – से – पुरानी खाँसी भी शान्त हो जाएगी ।
पुराना बुखार – आध – आध तोला लहसुन का रस दिन में तीन बार रोगी को पिलाएँ । वात , पित्त या कफ के सारे दोष दूर हो जाएँगे , क्योंकि लहसुन त्रिदोष – नाशक है और पसीने तथा मल – मूत्र के रास्ते शरीर का सारा कूड़ा – कर्कट निकाल देता है । शरीर का मन्दिर धुलकर स्वच्छ हो जाएगा तो विकार भी भाग खड़े होंगे ।
पेट में कीड़े –
मिट्टी – स्लेटी खानेवाले बच्चों और युवतियों के पेट में कीड़े पड़ ही जाते हैं । जो लोग खेत से तोड़े गए शाक सब्जियाँ अनधोए खा लेते हैं या फलों के द्वारा जिनके पेट में छोटे मोटे कृमि जाकर फैल – फूल जाते हैं उन्हें ( 1 ) लहसुन की चटनी बनवाकर भोजन के साथ खानी चाहिए । ( 2 ) लहसुन का रस गर्म पानी में मिलाकर एनीमा भी लेना चाहिए , बल्कि सुबह – शाम दो बार लेना चाहिए । ( 3 ) लहसुन , सोंठ , बच , पलास – बीज और अजवाइन पीसकर गर्म जल के साथ सेवन करने से भी पेट के कीड़े निकल जाते हैं ।
बिच्छू के दंश से उत्पन्न दर्द दो मिनट में छूमंतर
औंगा के पौधे की मूल ( जड़ ) लेकर ऊपर से ( जहां तक दर्द चढ़ गया हो वहाँ से ) नीचे की ओर ( जहाँ पर बिच्छू ने दंश प्रहार किया है वहाँ तक ) झाड़ा देने से दो मिनट में ही दर्द गायब हो जाता है