काम सूत्र की जरूरत क्यो हुई और पूरे विश्व मे सबसे ज्यादा भारत का विज्ञान(काम शास्त्र)क्यो प्रचलित हुआ??
काम सूत्र में ऋषि वात्स्यायन ने प्रमुखता से कहा है कि मर्यादा और संतुलन में हमे काम कला को जानना ही चाहिए,जब तक हम इस विद्या को न जाने हमें शादी नही करनी चाहिये।
आजकल सबसे ज्यादा रोगियों का फायदा सेक्स को लेकर दवा कम्पनी एवं डॉक्टर्स या बिना डिग्री वाले लोग उठाते है,जबकि 80% ये समस्या शरीर की नही होकर मन मे होती है,जैसे क्रिकेट तो सभी खेलते है उनका कोच भी कई बार 1 ही है लेकिन सचिन जैसे खिलाड़ी बनना शारीरिक और मानसिक प्रैक्टिस पर निर्भर करता है वैसे ही सेक्स में जो मदद करने वाली चीजें है वो है काम कला का ज्ञान एवं योग आसन एवं खानपान।बहुत कम मात्रा में अगर शारिरिक कमजोरी है तो उसकी औषधि अल्प समय तक सेवन करना पर्याप्त है।
इसके साथ ही अगर हम पूरे दिन या लगातार इसी बारे में सोचते रहेंगे तो यह बहुत गलत है शास्त्र के अनुसार जब आप दोनों की सहमति हो या संतान की चाह होने पर ही सम्बन्ध बनाये,अच्छी संतान के लिये पहले से ही बहुत उपाय करने पर श्रेष्ठ संतान प्राप्त होती है।
स्वप्नदोष- हस्तमैथुन -शीघ्रपतन-उत्तेजना की कमी आदि समस्याएं है लेकिन बहुत कम ही लोगो को इलाज की आवश्यकता होती है।
पृकृति में भी आप देखेंगे कोई भी जीव हमेशा मैथुन में संलग्न नही रहता है,सिर्फ जब संतान उतपन्न करने के अवसर पर ही वो साथ होते है।
इसलिए स्वस्थ्य रहिये और सिर्फ काम(सेक्स)के बारे में अधिक चिंता न कीजिये।