सपरिवार बुढापे मे आराम से रहने हेतु कुछ सुझाव – SOME TIPS, FOR A BETTER & PEACEFUL OLD AGE :
- कम बोले..
बिना जरूरत तो बिलकुल नहीं। - मनचाही वस्तु ना मिलने पर क्रोध ना करे।
- अपनी धन संपत्ति का बार बार बखान ना करे ।
- बहु-बेटियो के कार्य में दखल ना दे।
- यह आशा न करें कि छोटे हर काम हमसे पूछकर करें।
- खाने पीने मे संतोषी रहे, जो मिल जाए प्रभु का प्रसाद समझ धन्यवाद करें।
7.अपनी इच्छा थोपने की कोशिश न करें। - बहू बेटियों तथा उनके बच्चों से स्नेह व प्रेम का का व्यवहार करें।
- बुढापे के कष्ट को कर्मफल समझ कर खुशी खुशी सहन करे।
- घर पर आए किसी भी व्यक्ति से आपने घर की कोई बुराई न करें।
11.बहु – बेटियों के कटुवचन सुनकर शांत हो जाएँ प्रत्युत्तर न दें।
- अपने स्वास्थ्य के अनुसार उनके कार्य मे सहयोग करें।
- प्रभु का स्मरण अवश्य करते रहें।
- ध्यान रहे कि प्रभु की कृपा से सब कुछ प्राप्त हुआ है, खाली हाथ आए थे औऱ खाली हाथ ही जाना है।
- आपने परिवार की समस्याएँ दूसरों के सामने न रखे।
16 .अपने बीते दिनों के गुणगान रात-दिन न करें।
- प्राकृतिक जीवनशैली अपनाएँ।
18 . ध्यान रहे इच्छामृत्यु सबको नहीं प्राप्त होती है और कलयुग में तो बिलकुल भी नहीं अतः खुशहाल जीवन जियें। - उम्र के हिसाब से पूछने के तरीके बदल जाते हैं, बच्चों के उम्रदराज होने पर बताने को पूछना ही समझें।
- खांसना बिमारी ही नहीं तहजीब भी होती है एक उम्र में अपनी उपस्थिति का अहसास दिलाने को।
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
आप का आज का दिन मंगलमयी हो – आप स्वस्थ रहे, सुखी रहे – इस कामना के साथ।