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बवासीर:
मूली कच्ची खाएं तथा इसके पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं। कच्ची मूली खाने से बवासीर से गिरने वाला रक्त (खून) बंद हो जाता है। बवासीर खूनी हो या बादी 1 कप मूली का रस लें। इसमें एक चम्मच देशी घी मिला लें। इसे रोजाना दिन में 2 बार सुबह-शाम पीने से लाभ होता है।
कोमल मूली के 40-60 मिलीलीटर बने काढ़े (क्वाथ) में 1-2 ग्राम पीपर का चूर्ण मिलाकर पीने से बवासीर में आराम आता है।
एक सफेद मूली को काटकर नमक लगाकर रात को ओस में रख दें। इसे सुबह खाली पेट खाएं। मलत्याग के बाद गुदा भी मूली के पानी से धोएं या 125 मिलीलीटर मूली के रस में 100 ग्राम देशी घी की जलेबी एक घंटा भीगने दें। उसके तुरन्त बाद जलेबी खाकर पानी पी लें। इस प्रकार निरन्तर एक सप्ताह यह प्रयोग करने से जीवन भर के लिए प्रत्येक प्रकार की बवासीर ठीक हो जाएगी।
मूली के टुकड़े को घी में तलकर चीनी के साथ खाएं या मूली काटकर उस पर चीनी डालकर रोजाना 2 महीने तक खाने से भी बवासीर में लाभ आयूर्वेद ग्रुप
सूखी मूली की पोटली गर्म करके बवासीर के मस्सों पर सिंकाई करने से आराम आता है।
सूरन के चूर्ण को घी में भूनकर, मूली के रस में घोंटकर 1-1 ग्राम की गोलियां बना लें। फिर रोजाना सुबह-शाम 1-1 गोली ताजे पानी के साथ लेने से हर प्रकार की बवासीर नष्ट होती है।
रसौत और कलमी शोरा दोनों को बराबर लेकर, मूली के रस में घोटकर चने के बराबर गोलियां बना लें। रोजाना सुबह-शाम 1 से 4 गोली बासी पानी के साथ खाने से दोनों प्रकार की बवासीर नष्ट हो जाती है।
10-10 ग्राम नीम की निंबौली, कलमी शोरा, रसावत और हरड़ को लेकर बारीक पीस लें, फिर इसे मूली के रस में मिलाकर जंगली बेर के बराबर आकार की गोलियां बना लें। रोजाना सुबह-शाम 1-1 गोली ताजे पानी या मट्ठा के साथ खाने से खूनी बवासीर से खून आना पहले ही दिन बंद हो जाता है और बादी बवासीर 1 महीने के प्रयोग से पूरी तरह नष्ट हो जाती है।
मूली की जड़ को चाकू या छुरी से गोल-गोल चकतियां बनाकर घी में तलकर मिश्री के साथ खाने से बवासीर में बहुत लाभ होता है।
मूली के रस में नीम की निंबौली की गिरी पीसकर कपूर मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लेप करने से मस्से सूख जाते हैं।
एक अच्छी मोटी मूली लेकर ऊपर की ओर से काटकर चाकू या छुरी से उसे खोखली करके उसमें 20 ग्राम `रसवत´ भरकर मूली के कटे हुए भाग का मुंह बंदकर कपड़े और मिट्टी से अच्छी तरह बंद कर दें। इसे कण्डों की आग में रखकर राख बना लें। दूसरे दिन रसवत निकालकर मूली के रस में खरल (कूट) कर झड़बेरी के बराबर गोलियां बना लें। 1-1 गोली सुबह-शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से खूनी बवासीर कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है।
मूली के पत्तों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें, फिर इसमें इसी के समान मात्रा में चीनी, मिश्री या खांड मिलाकर रोजाना बासी मुंह 10 ग्राम की मात्रा में खाने से बवासीर में आराम हो जाता है।
मूली की सब्जी बनाकर खाने से बवासीर और पेट दर्द में आराम मिलता है।
बवासीर में सूखी मूली का 20-50 मिलीलीटर सूप, पानी अथवा बकरी के मांस के सूप में मिलाकर पीने से बवासीर के रोग में आराम आता है।
125 मिलीलीटर मूली के रस में 100 ग्राम जलेबी को मिलाकर एक घंटे तक रखें। एक घंटे बाद जलेबी को खाकर रस को पी लें। इसको पीने से 1 सप्ताह में ही बवासीर का रोग ठीक हो जाता है।
मूली के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसे देशी घी में तलकर रोजाना सुबह-शाम खाने से दोनों प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती हैं।
सूखे हुए मूली के पत्तों का चूर्ण बनाकर उसमें मिश्री मिलाकर प्रतिदिन खाने से बवासीर ठीक होता है।
मूली का रस निकालकर इसके 20 मिलीलीटर रस में 5 ग्राम घी मिलाकर रोजाना सुबह-शाम पीने से खून का निकलना बंद हो जाता है।

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