जितना आचरण का महत्व है उससे कम उचारण का महत्व नहीं है। अगर कोई कहता है कि भगवान नाम उचारण से क्या। होगा तोह उसे इस नाम की शक्ति का अंदाजा नहीं है इसी नाम की शक्ति ने अजामिल को अन्त काल मे भगवान की प्राप्ति करवाई। इसी नाम की शक्ति ने गणिका वेश्या को मुक्ति दिलाई इसी नाम की शक्ति ने डाकू रत्नाकर को ऋषि वाल्मीकि बनाया। इसी नाम की शक्ति से ब्रह्मांड की रचना हुई। भगवान ने अपने से ज्यादा महत्व अपने नाम को ही दिया है। राम भगवान ने जब अवतार लिया था तोह कुछ ही लोगो को तारा पर राम नाम ने तोह आनंदी से असंख्य लोगो को तारा है आप भगवान का नाम सब समय रटते रहिये सांस सांस नाम रटीए एक सांस भी व्यर्थ न जाने दे और नाम महाराज पे पूरा भरोसा रखिये यह। निश्चित ही अन्त काल मे। भगवान से मिलन करवायेगा। विशवास करने वाले को निश्चित ही भगवान मिलेंगे
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