यह जग तेरा है ना मेरा है यह जग ऐक मात्र जीवन का ऐक हसींन सपना सवेरा है कब आँख बन्द हो जाएँ …यही इस जीवन में इस जग में चार दिन का बसेरा है.. यह जिंदगी के मेले हर रोज कम नही होंगे काश् उस रोज हम नही होंगे….बन्द मुट्टी करके इस जग में आये है प्यार-स्नेह भलाई सत्कार्य की भावना को बन्द मुट्टी में लाये है मित्रो आप इसे ख़ुशी जीवन में बॉटते चले कब जीवन की ऐक रोज रात हो जाऐ..मै जिंदगी के ग़म को उड़ाता चला में हर फिक्र को धुंए में उड़ाता चला… ग़म और दुःख का साथ निभाता चला…बर्बादियों का हर रोज जश्न मनाता चला मै कदम-कदम पर जीवन में ख़ुशी से ख़ुशी से बॉटता ही चला…मेरे हमसफ़र मेरे दोस्त जीवन में काया और माया ही इस जग में बड़कर नही है,किसी के दुःख को बॉट देवे तो व्हह् जीवन की अमूल्य कमाई पूंजी होगी… ऐक अँधेरा लाख सितारे ,सबसे बड़ी सौगात है जीवन नादाँ है जो जीवन से हारे…
Զเधॆ Զเधॆ🙏🙏