HIGH BP उच्च रक्तचाप
जो सम्भव हो परहेज के साथ नियमित्त करें
आजकल की सामान्य बीमारी जो हर इंसान ग्रसित है
उच्च रक्तचाप
मेरी दिल की तम्मना है हर इंसान का स्वस्थ स्वास्थ्य के हेतु समृद्धि का नाश न हो इसलिये इन ज्ञान को अपनाकर अपना व औरो का स्वस्थ व समृद्धि बचाये। ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जो भाई बहन इन सामाजिक मीडिया से दूर हैं उन्हें आप व्यक्तिगत रूप से ज्ञान दें।
हृदय को रक्त लेते समय निम्न और देते समय उच्च रक्त दबाब कहलाता है आप अपनी नाडी को पकड़े अगर 1 मिंट में 70 से 75 बार धड़कता है तो समान्य है अगर 80 है तो उच्च रक्तचाप की तैयारी है । यंत्र धोखा दे सकती है आपकी नाड़ी नही अतः आप सब से बिनती है कि नाड़ी पकड़ना जरूर सीखे । हम खाना, पढ़ना,लिखना,चलना सिख सकते हैं तो इसे जरूर सीखे।
उच्च रक्तचाप हृदय,गुर्दे व रक्त संचार की गड़बड़ी के कारण होता है।जब यह रोग आता है तो अपने साथ कई रोग को लाता है।जो क्रोध,भय,दुख ,तनाव व अन्य भावनाओं के प्रति सवेंदनशील होते हैं उन्हें यह रोग होता है।कम परिश्रम करना भी इस रोग को आमंत्रित करना है। इस के आने पर सर दर्द,चक्कर आना,आलस्य होना, जी घबराना,काम मे मन न लगना, पाचन क्षमता कम होना,आंखों के सामने अंधेरा छाना, नींद न आना व अन्य लक्षण है।
हाई ब्लडप्रेशर उपचार
आपके शरीर मे रक्त का गाढ़ा होना उच्च रक्तचाप के मुख्य कारणों में से एक है। रक्त गाढ़ा होने से प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे नसों और धमनियों पर दबाव पड़ता है। लहसुन में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेनट्स , जैसे कि सेलेनियम, विटामिन सी और एलीसीन होते है, जो कि रक्त को पतला करने में काफी प्रभावशाली होते हैं। इसीलिए सुबह सुबह कच्चे लहसुन के दो तीन कली के टुकड़े चबाने से काफी फायदा पहुँचता है।
अपने खान पान में इन बातों का रखें ध्यान-
नमक का कम इस्तेमाल करें क्योंकि नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है।
उच्च रक्त चाप में मरीजों को सुबह शाम एक टुकड़ा अदरक, काली मिर्च के साथ चूसना चाहिए ।
एक चम्मच आंवले का रस और एक ही चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में बहुत लाभ होता है।
हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभकारी है, इसे खाली पेट चबा-चबाकर खाना चाहिए ।
करेला और सहजन की फ़ली का नित्य सेवन उच्च रक्त चाप में हितकारी हैं।
पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पीने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।
रोज नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट जरूर चलें, इससे ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।
इस रोग के निदान में महत्वपूर्ण है कि हमे अपने रक्त की अम्लता को कम करना है।
रक्त की अम्लता को हमेशा दूर रखना है तो आयुर्वेद व राजीव भाई के बताए पानी के सूत्रों का पालन निसंकोच उम्र भर करें (निरोगी रहने का मूल मंत्र है) रोग आ गया है तो इन घरेलू उपाय को आजमाये
इस रोग का उत्तम घरेलू इलाज
1.नमक,चीनी,रिफाइन्ड व मैदा का प्रयोग न करे
2 कच्चे लहसुन की 2 कली पीसकर प्रातः काल चाटना चाहिये
3 शहद नीबू का रस मिला कर चाटना चाहिये सुबह शाम
4 कोमल निम के पत्ते चबाने व रस पीना चाहिये
5 मौसमी का रस के साथ उपवास करना चाहिए
6 नियमित पपीता व ताजे फल खाने चाहिये बिना रस बाले
7 सफेद प्याज के रस को शहद के साथ
8 दालचीनी शहद के साथ
9 पुदीना ,सेंधा नमक , काली मिर्च, किशमिश की चटनी
10 देशी गाय का मूत्र का सेवन प्रातः काल
11 उबले आलू सेंधा नमक के साथ
12 चुकन्दर, गाजर,संतरा,पपीता का सामान मात्रा का जूस पिये
13 तरबूज का रस सेंधा नमक के साथ
14 नियमित रात को त्रिफला (1:2:3) गर्म पानी के साथ भोजन के बाद
15 सौफ जीरा अजवाइन मिश्री की सामान मात्रा का चूर्ण 1 चम्मच सुबह शाम सादे पानी के साथ
16 आँवले का रस या मुरब्बा या कैंडी किसी भी रूप में आंवले का नियमित सेवन
17 मूली, गाजर का नियमित सेवन
18 गर्म पानी मे नीबू व शहद मिलाकर सुबह पिने से
19 सर्पगंधा बुटी की जड़ के चूर्ण को सादे पानी मे दिन में 3 बार ले
20 अर्जुन की छाल का काढ़ा या चाय पिय
21 मुलेठी , अर्जुन छाल , गोरखमुंडी की सामान मात्रा का चूर्ण की चाय बनाकर पिये
22 बेल पत्र 5 6 को चबा चबा कर खाएं
23 मेथी का पानी सुबह सुबह पिये दाने को चबा चबा कर खाएं
24 लौकी तुलसी पुदीना धनिया का जूस पिये
*उच्च रक्तचाप *का सफल इलाज
लक्षण- रक्तचाप सामान्य से अधिक हो जाता है। साथ ही सिर-दर्द, चक्कर आना, भय, बेचैनी, अनिद्रा, हृदय में दर्द आदि लक्षण रहते हैं।
किसी भी होमियोपैथिक स्टोर से निम्न दवाई लाकर प्रयोग करें ।अर्जुना Q-5 बूंद, ग्लोनाइन Q-5 बूंद, क्रैटेगस ऑक्जा Q-5 बूंद, रोवोल्फिया सर्पेन्टिना Q-5 बूंद, पेसिफ्लोरा इन्कार्नेटा Q-5 बूंद, एक्वा- 3 औंस। इन सबको मिला लें। यह तीन मात्रायें हैं। इस प्रकार प्रतिदिन तीन मात्रा देने से लाभ होता है।
एक अपील अनुरोध आग्रह विनती
स्वथ्य शरीर से धन कमाया जा सकता है लेकिन धन से स्वथ्य शरीर नहीँ
आप से बेहतर आप के शरीर को कोई नही जान सकता
85% रोगों का इलाज आप स्वम कर सकते हैं
आपको अपने भोजन को पहचानने की जरूरत है
साथ ही ये नियम का पालन करे
- खाना खाने के 90 मिनट बाद पानी पिये
- फ्रीज या बर्फ (ठंडा) का पानी न पिये
- पानी को हमेशा घुट घुट कर पिये ( गर्म दूध की तरह)
- सुबह उठते ही बिना कुल्ला किये गुनगुना पानी पिये
5.खाना खाने से 48 मिनट पहले पानी पिये - सुबह में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो जूस पिये
- दोपहर में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो मठ्ठा पिये
- रात्रि में खाना खाने के तुरंत बाद पीना हो तो दूध पिये
- उरद की दाल के साथ दही न खाए (उरद की दाल का दही बडा )
10.हमेशा दक्षिण या पूर्व में सर करके सोये - खाना हमेशा जमीन पर सुखासन में बैठ कर खाये
- अलमुनियम के बर्तन का बना खाना न खाए(प्रेशर कुकर का )
13.कभी भी मूत्र मल जम्हाई प्यास छिक नींद इस तरह के 13 वेग को न रोकें - दूध को खड़े हो कर पानी को बैठ कर पिये
- मैदा चीनी रिफाइंड तेल और सफेद नमक का प्रयोग न करे ( इसकी जगह पर गुड , काला या सेंधा नमक का प्रयोग करे)
आप से विनती है कि आप ऊपर के पांच नियम का पालन जरूर करेंगे क्योंकि स्वथ्य शरीर बहुत ही ज्यादा कीमती है
स्वथ्य शरीर से पैसा और खुशियाँ पाया जा सकता है लेकिन पैसा और समय से स्वस्थ शरीर नहीं
अब आप को स्वयं चिकसक बनने की जरूरत है
आप अपने शरीर को जितना जानते हैं उतना डॉक्टर नही
आप अपने सगे संबंधियों व जाने अनजाने दोस्तों अर्थात हर इंसान तक इस संदेश को पहुँचाये।