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👤गर्दन दर्द हर रोज़ होने वाली एक छोटी समस्या है👤 इसका कारण सिर्फ गलत दिशा में सोना भी हो सकता है । ज़्यादातर स्थितियों में गर्दन दर्द का कारण गले की मांस पेशियों का या लिगामंेट का लम्बे समय तक इस्तेमाल करना भी हो सकता है। इसके दूसरे कारण लिगामेंट में लगी चोट या मांस पेशियों का बहुत खिंचना या जोड़ों में सूजन भी हो सकते हैं। कभी बहुत समय पहले गिरने पर लगी चोट भी गर्दन दर्द का कारण हो सकती है, लेकिन ऐसा बहुत काम ही होता है ा ज़्यादातर परिस्थितियों में गलत पोस्चर से गर्दन दर्द होता है जैसे

पढ़ते समय, टी वी देखते समय ,फोन पर बात करते समय या काम करते समय अपनी गर्दन गलत दिशा में रखना।
ऐसी तकिया का इस्तेमाल करना जो कि बहुत ज़्यादा उंची या बहुत नीची हो। पेट के बल सोते समय अपनी गर्दन को गलत तरीके से मोड़ने से भी गर्दन में दर्द हो सकता है।
चिंता से भी गर्दन दर्द हो सकता है।
स्लाउचिंग पोज़िशन से बचें ा
गर्दन दर्द से समाधान के बहुत से तरीके हैं जैसे आइस पैक लगाना, मसाज करना ा लेकिन इस प्रकार के दर्द से बचने का सबसे आसान उपाय है बचाव करना इसलिए घर और आफिस में सही पोस्चर बनाये रखें ा

अपनी कुर्सी पर सीधा बैठ जायें और लोवर बैक को सपोर्ट दें। पैरों को ज़मीन पर रखें और कंधों को आराम दें। अधिक समय तक एक ही पोज़िशन में ना बैठें। गर्दन की मांस पेशियों को आराम देने के लिए छोटे ब्रेक लेते रहें।
कम्प्यूटर पर काम करने वाले अपना वर्क स्टेशन ठीक रखें
कम्प्यूटर को इस प्रकार रखें कि मानीटर का टाप आंखों की सीध में आये। ऐसे डाक्युमेंट होल्डर का इस्तेमाल करें जो आपको स्क्रीन की सीध में रखे।
टेलीफोन की जगह हैड या स्पीकर फोन का इस्तेमाल करें।
और फोन को कंधे पर रखकर बात करने की ज़हमत ना मोल लें।
अपनी कार की सीट को अपराइट पोज़िशन पर रखें।
स्टियरिंग व्हील तक पहुंचने में ज़्यादा तकलीफ ना उठाएं और अपने हाथों को आरामदायी पोज़िशन में रखें।
सही तकिये का इस्तेमाल करें।
ऐसी तकिया का इस्तेमाल करें जो ना बहुत अधिक सीधी ना ही बहुत अधिक फ्लैट हो ा सोते समय गर्दन टेढ़ी न रखें।
बेड पर पढ़ते समय पोस्चर सही रखें
किताब को किसी निश्चित जगह पर रख दें ,जिससे आपको किताब हाथ में पकड़कर गर्दन ना टेढ़ी करनी पड़े ा अपने हाथों को आराम देने के लिए वेजशेप की तकीये का इस्तेंमाल करे और गर्दन न्यूट्रल पोज़िशन में रखें।
प्रापर लिफ्टिंग तकनीक
गर्दन के दर्द से बचने के लिए कमर की जगह पैर के बल ज़्यादा काम करें।
ऐसे दर्द से बचने के लिए एक्सपर्टस अच्छे खानपान की भी सलाह देते हैं।
काम के समय तनाव , चिन्ता से दूर रहें और मांस पेशियों का व्यायाम करने से भी गर्दन के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
धूम्रपान करनेे से रक्त संचार की गति कम होने के साथ टिशु रिपेयर में भी समय लगता है।
कभी कभी गर्दन में किसी प्रकार के इन्फेक्शन या र्युमैटायड आर्थराइटिस से भी गर्दन दर्द हो सकता है । ऐसे में अच्छी थेरेपी के लिए डाक्टर से सम्पर्क करें।
ज़्यादातर लोगों में गर्दन दर्द गलत पोस्चर या हेक्टिक जीवन शैली को दर्शाता है इसलिए गर्दन दर्द से बचना ही इस समस्या का समाधान है।

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