Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

रहस्यमयी है यह जगह, यहां हो जाते हैं गायब…..

शंग्रीला घाटी ठीक वरमुडा त्रिभुज की तरह ही है।

यदि इस पृथ्वी पर आध्यात्मिक नियंत्रण केंद्र है तो वह संग्रीला घाटी ही है। संग्रीला घाटी तिब्बत और अरुणाचल की सीमा पर स्थित है। पृथ्वी के वायु मंडल में बहुत से ऐसे स्थान हैं जहां वायु शून्य रहती है।

ठीक उसी तरह धरती पर भी ऐसे अनेक स्थान है जो कि भू-हीनता के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। भू हीनता और वायु शून्यता वाले स्थान वायुमंडल के चौथे आयाम से प्रभावित होते हैं।

ये वो स्थान होते हैं जहां कोई वस्तु या व्यक्ति चला जाय तो इस तीन आयाम वाले स्थूल जगत में उसका अस्तित्व लुप्त हो जाता है। यानी वह वस्तु इस दुनिया से गायब हो जाती है।

शंग्रीला घाटी भी भू हीनता और चौथे आयाम से प्रभावित होने के कारण रहस्यमयी बनी हुई है। इस घाटी को बिना किसी तकनीकी की सहायता से देखना असंभव है। मान्यता है कि इस घाटी का संबंध अंतरिक्ष के किसी लोक से है।

शंग्रीला घाटी के बारे में एक प्राचीन किताब ‘काल विज्ञान’ में उल्लेख मिलता है। तिब्बती भाषा में लिखी यह किताब तवांग मठ के पुस्तकालय में आज भी है। पुस्तक में वर्णित है कि इस तीन आयाम वाली दुनिया की हर चीज़ देश, काल और निमित्त से बंधी हुई है।

लेकिन शंग्रीला घाटी में काल नगण्य है। वहां प्राण, मन और विचार की शक्ति एक विशेष सीमा तक बढ़ जाती है। शारीरिक क्षमता और मानसिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

यहां आयु भी बहुत अति धीमी गति से बढ़ती है। मान लिया जाए कि किसी व्यक्ति ने इस घाटी के क्षेत्र में 25 वर्ष की उम्र में प्रवेश किया है तो उसका शरीर लंबे समय तक युवा बना रहेगा। यह घाटी स्वर्ग तो नहीं लेकिन स्वर्ग जैसी ही है।

शंग्रीला घाटी ठीक वरमुडा त्रिभुज की तरह ही है। यह वह स्थान है जो समुद्र में जहां पानी का जहाज या उसके ऊपर आकाश में हवाई जहाज पहुंच जाए तो वह वह गायब हो जाता है।

धरती की ऐसी जगह जहाँ महामुनि तपस्या में आज भी लीन है……

शंग्रीला घाटी के बारे में हम सबने कही न कही सुना ही होगा। कुछ लोगो के अनुसार यही सिद्धाश्रम है तो कुछ लोग मानते है की धरती पर दूसरे आयाम की एक कड़ी है संग्रीला घाटी। हमने कई बार सुना है की हिमालय में आज भी एक ऐसी जगह है जो आमजन से बिलकुल परे है और सामान्य इंसान वहां तक पहुँच नहीं सकता सिर्फ 3 तत्वो से युक्त शरीर या कोई योगी और सिद्ध ही वह तक पहुँच सकता है।

सच बहुत कम लोग जानते है मगर जिन लोगो ने काल विज्ञान पुस्तक में इसका अनुभव किया है उनके अनुसार शंग्रीला घाटी धरती पर वह स्वर्ग है जहा पर उम्र थम जाती है। दूसरे आयाम के साथ ही ये सिद्धाश्रम है जहा पर उच्च श्रेणी के सभी संत आज भी तपस्या रत है।”

शंग्रीला घाटी के बारे में हम बात करते है तो हमारे मन में ये सवाल होता है कि आखिर धरती पर दूसरे आयाम जैसा कुछ कैसे है जो सामान्य दृस्टि से ओझल है। संग्रीला घाटी का रहस्य हमारे धरती पर ही स्थित है भारत और तिब्बत के मध्य एक गुप्त स्थान है जहाँ पर आज भी सभी दिव्य जड़ी बूटिया विद्यमान है।

प्राचीन काल में जब लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे तब श्री हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लायी गई थी वो भी शंग्रीला घाटी का ही एक भाग था इस हिसाब से अनुमान लगा सकते है की ये हिमालय का ही एक भाग है जो वर्तमान में तिब्बत और भारत की सीमा पर है। सबसे बड़ी बात चीन भी शायद इस बात से अनभिज्ञ नहीं है इसीलिए वो इस पर कब्ज़ा ज़माने के लिए जब-तब भारत पर दबाव बनाता रहा है।

वैज्ञानिकी रहस्य ……..
जिस प्रकार वायु मंडल में बहुत से स्थान हैं जहाँ वायु शून्यता रहती है,उसी प्रकार इस धरती पर अनेक ऐसे स्थान है जो भू हीनता के प्रभाव क्षेत्र में आते हैं। भू हीनता और वायु शून्यता वाले स्थान चौथे आयाम से प्रभावित होते हैं। ऐसे स्थान देश और काल से परे होते हैं। यदि उनमें कोई वस्तु या व्यक्ति अनजाने में चला जाय तो इस तीन आयाम वाले स्थूल जगत में उसका अस्तित्व लुप्त हो जाता है। वह वस्तु इस दुनिया से गायब हो जाती है।

ऐसी ही तिब्बत और अरुणांचल की सीमा स्थित शंग्रीला घाटी है। लेकिन भू हीनता और चौथे आयाम से प्रभावित होने के कारण वह घाटी अभी तक रहस्यमयी बनी हुई है। वह इन चर्म चक्षुओं से दिखाई नहीं देती है। ऐसा माना जाता है कि इस घाटी का सम्बन्ध अंतरिक्ष के किसी लोक से है।

इस विषय से सम्बंधित एक प्राचीन पुस्तक है-काल विज्ञान। तिब्बती भाषा में लिखी यह पुस्तक तवांग मठ के पुस्तकालय में विद्यमान है। काल विज्ञान के अनुसार इस तीन आयाम वाली दुनियां की हर चीज़ देश,काल और निमित्त से बंधी हुई है। लेकिन संग्रीला घाटी में काल नगण्य है। वहां प्राण,मन और विचार की शक्ति एक विशेष सीमा तक बढ़ जाती है। शारीरिक क्षमता और मानसिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

   

Recommended Articles

Leave A Comment