Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

🙏🏻
हमेशा काम आने वाले नुस्खे
〰〰〰〰〰〰〰〰
हमारे जीवन में रोगों का जीवन में प्रभाव पड़ता ही रहता है -हम छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज स्वयं कर सकते हैंं। साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवस्य अपनाएंं कुछ प्रयोग नीचे दिए जा रहे हैंं जो आपको घर में ही उपलब्ध है अजमाए और लाभ लेंं।

दमे के लिये तुलसी और वासा
〰〰〰〰〰〰〰〰〰
दमे के रोगियों को तुलसी की १० पत्तियों के साथ वासा (अडूसा या वासक) का २५० मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। लगभग २१ दिनों तक सुबह यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता है।

मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
सेंधा नमक की लगभग एक सौ ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

खराश-सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल – दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।

फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।
सर्दी, बुखार, साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰
बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

घुटनों में दर्द के लिये अखरोट
〰〰〰〰〰〰〰〰〰
सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से

Recommended Articles

Leave A Comment