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🏵️वंशलोचन
🌼रंग : वंशलोचन का रंग सफेद नीलापन लिए हुए होता है।
स्वाद : इसका स्वाद फीका होता है।

🥀स्वरूप : वंशलोचन बड़े और मोटे बांस के गांठों में पाया जाता है। बांस के पक जाने के बाद तब यह नारियल के दूध के समान गांठ पर जम जाता है। जब इन बांसों को काटकर सूखा लेते हैं। तब यह रस भी सूख जाता है और उसके बाद बांसों को फाड़कर वंशलोचन को निकाल लेते हैं।

🍁स्वभाव : यह शीतल होती है।

🌺हानिकारक : वंशलोचन का अधिक मात्रा में प्रयोग फेफड़ों के लिए हानिकारक होता है।

दोषों को दूर करने वाला : उन्नाव, मस्तगी, केसर इसके गुणों को बचाकर इसके दोषों को दूर करता है।

🥀तुलना : कुल्फा के बीज, काशनी और सफेद चन्दन से इसकी तुलना की जा सकती है।

🍁मात्रा : इसे 6 ग्राम तक खुराक के रूप में ले सकते हैं।

⚘फायदे: यह स्वादिष्ट और ठंडा होता है, प्यास को रोकता है। यह खांसी, बलगम, बुखार, पित्त, खून की खराबी और सफेद दाग को दूर करता है। यह फोड़ा-फुन्सियों और पीलिया रोगों को दूर करता है। यह हृदय और आमाशय को बलवान बनाता है। प्यास को रोकता है तथा पित्त से होने वाले खूनी दस्तों को दूर करता है। यह उन्माद (पागलपन) और गर्मी के बुखार में लाभ देता है। 10 ग्राम वंशलोचन, 10 ग्राम भूनी हुई फिटकरी और 10 ग्राम पिसी हुई मिश्री का चूर्ण बनाकर खांसी के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। यह छोटे-छोटे बच्चों की खांसी जो कफ को थूक नहीं सकते हैं तथा खांसते-खांसते बेहोश हो जाते हैं। उनके लिए यह चूर्ण बहुत ही लाभकारी होता है। इसे बच्चों को आयु के अनुसार आधा ग्राम तक दे सकते हैं।

🍁🍃🍂विभिन्न रोगों मे सहायक :

🌷1. दमा : 20-20 ग्राम वंशलोचन और पीपल को पीसकर 2 ग्राम की मात्रा में शहद में मिलाकर सुबह-शाम देने से दमा का रोग दूर हो जाता है।

2🥀. दांत निकलना : दांत निकलते समय बच्चे को वंशलोचन और शहद मिलाकर चटाने से दांत सुन्दर निकलते हैं और दांतों का दर्द भी खत्म हो जाता है।

🌹3. खांसी :
वंशलोचन एक ऐसा द्रव्य है जो अनेक योगों में प्रयुक्त होता है। बहुत सी प्रसिद्ध औषधियां इसके योग से बनती हैं। खांसी और सांस के रोग में इससे ज्यादा लाभ उठाया जा सकता है। खांसी अगर सूखी हो तो आधा ग्राम वंशलोचन शहद के साथ मिलाकर चाटने से दूर हो जाती है। सांस के रोग में भी वंशलोचन बहुत लाभकारी होता है। आधे ग्राम तक वंशलोचन के चूर्ण में 1 चुटकी पीपल का चूर्ण मिलाकर शहद के साथ देने से पूरा लाभ मिलता है।
1 से ढाई ग्राम वंशलोचन के चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर खाने से सूखी खांसी ठीक हो जाती है।

🍃4. गर्भ की रक्षा : आधा ग्राम वंशलोचन पानी या दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से गर्भपात नहीं होगा और गर्भशक्तिशाली बनता है। इससे गर्भवती स्त्री और बच्चे का स्वास्थ्य ठीक रहता है।

💐5. मुंह के छाले :
मुंह के छाले में वंशलोचन के साथ शहद मिलाकर लगाने से मुंह के छालों में आराम रहता है।
हल्दी व वंशलोचन को एक साथ पीसकर मुंह के छाले पर लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं।

6🌼. हाथ-पैरों की जलन : 1 ग्राम वंशलोचन को शहद के साथ सुबह-शाम चाटने से हाथ-पैरों की जलन शान्त हो जाती है।

🌻7. बालरोग : 120 मिलीग्राम पिसा हुआ वंशलोचन शहद में मिलाकर सुबह रोगी को चटाने से खांसी ठीक हो जाती है।

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