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🌺पानी को साफ करने के प्राकृतिक तरीके

पानी सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आप भोजन के बिना एक माह से अधिक जीवित रह सकते हो, परन्तु जल के बिना आप एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकते । पानी ही जीवन है, लेकिन जितना जरुरी हमारे लिए ये पानी है उतना ही जरूरी इसका साफ और स्वच्छ होना भी है।

🌺आज पानी को साफ़ करने का बहुत ज़ोर शोर से प्रचार किया जा रहा हैं। फ़िल्टर जो पानी को साफ़ करने की लिए इस्तमाल हो रहें है उनमे से ज्यादातर फिल्टर्स दूषित किटाणुओ के साथ-साथ जरूरी मिनरल्स को भी ख़त्म कर देते है। पानी को साफ़ करने के नाम पर हम पानी से मिलने वाले मिनरल्स और ज़रूरी तत्वों को नष्ट कर देते हैं, और अपने शरीर को जिसमे 75 % पानी हैं उसके रोग प्रतिरोध प्रणाली को ध्वस्त कर रहे हैं।

🥀आज हम आपको बताने जा रहें है तुलसी का एक ऐसा प्रयोग जो दूषित कीटाणुओं के प्रभाव को ख़त्म कर पानी की गुणवत्ता और शक्ति को और भी बढ़ाएगा

🌷तुलसी प्राकृतिक वाटर प्यूरीफायर
तुलसी की पत्तियां में खाद्य वस्तुओं को विकृत होने से बचाने का अदभुत गुण है। सूर्यग्रहण आदि के समय जब खाने का निषेध रहता है तब खाद्य वस्तुओं में तुलसी की पत्तियां डालकर यह मान लिया जाता है की वस्तुएं विकृत नही हुई है। मृत व्यक्ति के पास भी तुलसी का पौधा रखने की परम्परा के पीछे भी यही रहस्य जान पड़ता है। जहां पर तुलसी का पौधा होता है उसके आस-पास छ: सो फुट की वायु इससे प्रभावित होती है और परिणामस्वरूप मलेरिया, प्लेग और क्षय के कीटाणु नष्ट हो जाते है। विभिन्न रोगों के कीटाणुओं का नाश करने में समर्थ तुलसी में जहां शरीर के भीतर रक्त आदि को शुद्ध करने और विभिन्न प्रकार के विषों को दूर करने की आश्चर्यजनक शक्ति है, वहां तुलसी की गंध में अपनी चारों दिशाओं की वायु को शुद्ध और स्वास्थ्यप्रद बनाने की अदभुत क्षमता है। वास्तव में यह एक दिव्य गुणमयी, चमत्कापूर्ण अमृत-बूटी है।

,🌾विधि
दूषित जल में तुलसी की हरी स्वच्छ पत्तियां (चार लीटर जल में 25-30 पत्तियां) डालने से थोड़ी देर में जल शुद्ध और पवित्र हो जाता है। ये प्रयोग आप साफ़ पानी में भी कीजिये। इस से पानी में अनोखी शक्ति भर जाती हैं और ये हमको साधारण ही नहीं बल्कि कैंसर तक के रोगो से लड़ने में मदद करता हैं।

🌼विशेष।
जहाँ पर पानी खारा हो वो लोग अगर फ़िल्टर लगवाते हैं तो उनको सीधे फ़िल्टर का पानी नहीं पीना चाहिए। पानी को फ़िल्टर कर के पहले मिटटी के घड़े या ताम्बे के बर्तन में रखे उसके बाद ही उसको इस्तेमाल करे।

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🌼विकल्प
जहाँ पर पानी को साफ़ करने का कोई साधन ना हो वहां पर पानी को उबाल कर पीना चाहिए और अगर आपके घर पर सीधा नहर का पानी आता हैं तो आपको किसी भी फ़िल्टर की ज़रूरत नहीं हैं। किसी बर्तन में कोयले को पीस कर रख लीजिये, अब इसमें पानी डालिये। कुछ देर में पानी अपने आप साफ़ हो जायेगा। अब इस साफ़ पानी को छान कर रख लीजिये। बड़े बड़े वाटर वर्क्स में इसी प्रकार से पानी को साफ़ करने की विधि अपनायी जाती हैं।

🍁अगर फिर भी पानी की वजह से कोई समस्या जैसे दूषित जल सेवन से बच्चों के पेट में कृमि हो जाए तो अजवायन चार भाग काला नमक एक भाग का चूर्ण बनाकर आधा ग्राम से डेढ़ ग्राम तक अवस्थानुसार गर्म जल के साथ सेवन करना चाहिए

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