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दाम्पत्य जीवन में कलह के कुछ मुख्य कारण इस प्रकार हैं।
1- लड़के या लड़की की पत्री में सप्तम भाव में शनि का होना या गोचर करना।
2- किसी पाप ग्रह की सप्तम या अष्टम भाव पर दृष्टि होना या राहु, केतु अथवा सूर्य का वहां बैठना
3- पति-पत्नी की एक सी दशा या शनि की साढ़े साती का चलना भी कलह एवं तलाक का एक कारण होता है।
4- शुक्र की गुरु में दशा का चलना या गुरु में शुक्र की दशा का चलना भी एक कारण है। कलह को दूर करने के कुछ उपायों का वर्णन यहां किया जा रहा है।
5- अगर कलह का कारण शनि ग्रह से संबंधित है तो शनि ग्रह की शांति कर सकते हैं, शनि यंत्र पर जप कर सकते हैं और शनि की वस्तुओं का दान भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सात मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं। यह उपाय शनिवार को सायंकाल के समय करना ठीक होता है ।
6- अगर गृह कलह राहु से संबंधित हो तो राहु यंत्र पर राहु के मंत्र का जप करें एवं 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करें। यह सभी प्रकार के कलहों व बाधाओं से मुक्त करता है और राहु के दुष्प्रभाव का निवारण करता है। इसके लिए राहु का दान भी कर सकते हैं।
7- अगर गृह क्लेश का कारण केतु ग्रह हो तो उसकी वस्तुओं का दान एवं उसके मंत्र का जप करें। केतु यंत्र पर पूजा करें। गणेश मंत्र का जप करें। 9 मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
अगर गृहस्थ जीवन में कलह किसी पराई स्त्री की वजह से हो तो ये उपाय करें।
Aquamarine Gem Stone धारण करें। नीलम और हीरा भी धारण कर सकते हैं। वशीकरण यंत्र पर जप करके भी कलह को समाप्त कर सकते हैं। गौरी शंकर रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं और शीघ्र प्रभाव के लिए मातंगी यंत्र भी अपने घर में पूजा के स्थान पर स्थापित कर सकते हैं।

  • कई बार देखने में आता है कि न तो ग्रहों की परेशानी है, न ही पत्री में दशा एवं गोचर की स्थिति खराब है। फिर भी गृह कलह है जिसके कारण बात तलाक तक पहुंच जाती है। ऐसे में यह धारणा होती है कि किसी ने कुछ जादू टोना अर्थात तांत्रिक प्रयोग तो नहीं किया। अगर ऐसा लगे तो ये उपाय करें:
  • घर में पूजा स्थान में बाधामुक्ति यंत्र स्थापित करें।
  • शुक्ल पक्ष में सोमवार को उत्तर दिशा में मुख करके पति और पत्नी गौरीशंकर रुद्राक्ष धारण करें।
  • पत्नी Aquamarine धारण करें और पति नीलम और हीरा धारण करें।
  • शयन कक्ष में शुक्र यंत्र की स्थापना करें।
    नोट-:पत्रिका के अनुसार ही रत्न धारण करे ज्योतिषी सलाह से
    विवाह बाधा के उपाय
  • बाधा मुक्ति यंत्र की स्थापना एवं रोज सुबह पूजा करें।
  • शनि ग्रह के कारण विवाह में बाधा आ रही हो तो लड़के या लड़की को सातमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
  • शनि ग्रह की वस्तुएं दान करनी चाहिए।
  • शनि यंत्र पर शनिवार से शुरू करके रोज शनि के मंत्र का जप करना चाहिए।
    सूर्य के कारण विवाह में बाधा आती हो तो:
  • सूर्य यंत्र को अपने घर में स्थापित करके सूर्य मंत्र का जप करें। यह रविवार से शुरू करके रोज करें।
  • सूर्य की वस्तुओं का दान करें। तांबे के एक लोटे में गेहूं भरकर रविवार की सुबह 6 से 8 बजे के बीच दान करें।
  • रविवार को 1 मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
    राहु ग्रह के कारण विवाह बाधाः
    अगर विवाह में बाधा राहु ग्रह के कारण आ रही हो तो ये उपाय करेंः
  • आठमुखी रुद्राक्ष धारण करें।
  • राहु यंत्र को अपने पूजा स्थान पर स्थापित करें।
  • रविवार को जौ लेकर रविवार के दिन दान करें।
  • किसी गरीब को पानमसाला दान करें।
  • गुरुद्वारे में या किसी भी धर्मस्थल पर जूते चप्पल की सेवा करें।
    अशुभ ग्रहों का उपाय कर लेना अनिवार्य होता है। खास कर पुरुषों को तो केतु के उपाय करने ही चाहिए, क्योंकि विवाह के बाद पुरुष के ग्रहों का संपूर्ण प्रभाव स्त्री पर पड़ता है।
    लड़की की शादी में रुकावट आने पर
  • गुरुवार को विष्णु-लक्ष्मी जी के मंदिर में जा कर विष्णु जी को कलगी (जो सेहरे के ऊपर लगी होती है) चढ़ाएं। साथ में बेसन के पांच लड्डू चढ़ाएं। शादी जल्दी हो जाएगी।
  • किसी भी कारण से, योग्य वर नहीं मिल पा रहा हो, तो कन्या किसी भी गुरुवार को प्रातः नहा-धो कर पीले रंग के वस्त्र पहने। फिर बेसन के लड्डू स्वयं बनाए। लड्डुओं का आकार कुछ भी हो, परंतु उनकी गिनती 108 होनी चाहिए। फिर पीले रंग के प्लास्टिक की टोकरी में, पीले रंग का कपड़ा बिछा कर उन 108 लड्डुओं को उसमें रख दे तथा अपनी श्रद्धानुसार कुछ दक्षिणा रख दे। पास के किसी शिव मंदिर में जा कर, विवाह हेतु गुरु ग्रह की शांति और अनुकूलता के लिए संकल्प करके, सारा सामान किसी ब्राह्मण को दे दे। शिव-पार्वती से प्रार्थना कर अपने घर आ जाए।
    सावधानी: बेसन का चूरा, जिससे लड्डू बनाए गए हों, पूरा काम में आ जाए, घर में नहीं रहे और न ही कोई लड्डू घर में काम में लिया जाए। सभी काम अमृत, शुभ के चौघड़िये में, भद्रारहित होने पर करें।
    यदि कन्या का विवाह न हो रहा हो और माता-पिता बहुत परेशान हो सारे प्रयास विफल हो रहे हो तो उसे किसी शुभ मुहूर्त में निम्न मंत्रों में से किसी एक का जप करना चाहिए।
    कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।
    नंदगोपसुतं देवं पतिं मे कुरु ते नमः।।
    ऊँ देवेंद्राणि नमस्तुभ्य देवेंद्रप्रिय भामिनी
    विवाह भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे।।
    लड़के की शादी के लिए
    गुरुवार को पीले रंग की चुन्नी, पीला गोटा लगा कर, विष्णु-लक्ष्मी जी को चढ़ाएं। साथ में बेसन के पांच लड्डू चढ़ाएं तो शादी में आने वाली रुकावट दूर हो जाएगी।
    ग्रहों के उपाय निम्नलिखित हैं
    सूर्य के लिए गेहूं और तांबे का बर्तन दान करें।
    चंद्र के लिए चावल, दूध एवं चांदी की वस्तु का दान करें।
    मंगल के लिए साबुत मसूर या मसूर की दाल दान करें।
    बुध के लिए साबुत मूंग का दान करें।
    गुरु के लिए चने की दाल एवं सोने की वस्तु दान करें।
    शुक्र के लिए दही, घी, कपूर और मोती में से किसी एक वस्तु का दान करें।
    शनि के लिए काले साबुत उड़द एवं लोहे की वस्तु का दान करें।
    राहु के लिए सरसों एवं नीलम का दान करें।
    केतु के लिए तिल का दान करें।
    किसी भी स्त्री या पुरुष के विवाह में बाधा आ रही हो, या वैवाहिक जीवन में तनाव हो, तो गणेश जी के मंदिर में हार-फूल चढ़ाए और हल्दी का तिलक लगाए।
    ऊँ गणेशाय नमः का मंत्र बोलते हुए गणेश जी पर 108 फूल एक-एक करके चढ़ाए तथा आरती करे। ऐसा 40 दिन तक नियमित करे। गुरुवार का उपवास करे। गुरुवार व्रत कथा गुरुवार को करे। प्रति गुरुवार को हल्दी की गांठ बिस्तर के नीचे ले कर सोए। लड़का या लड़की देखते समय हल्दी का टीका खुद लगाए। गणेश जी को गुड़ का भोग लगाए उसके बाद ही सामने जाए। मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होंगी।
    मंगल दोष या किसी अन्य कारण से विवाह में विलंब होने पर:
    यदि किसी व्यक्ति के विवाह में अत्यधिक विलंब हो रहा हो तथा प्रयत्न करने पर भी बात नहीं बन पा रही हो, तो निम्न प्रयोग करे। सबसे पहले किसी ऐसे पेड़ का पता करे, जिस पर पर्याप्त मात्रा में चींटियों (मकड़ों) का राज्य हो। फिर मंगलवार को एक थाली में आटा, बूरा (देशी खांड) और देशी घी मिला कर मिश्रण तैयार करे तथा एक गोले को नुकीले सिरे से इस प्रकार काटे कि एक गोल ढक्कन जैसा हिस्सा बाहर आ जाए। आटे-बूरे-घी के मिश्रण को छेद द्वारा गोले में भर ले। जब गोला ऊपर तक भर जाए, तो उस पर ढक्कन लगा दे तथा गोले को पोलिथिन के थैले में रख ले। यदि कुछ मिश्रण बच गया हो, तो उसे भी गोले के साथ थैले में डाल ले। रात को सोते समय इस थैले को सिर की तरफ रख कर सो जाए तथा बुधवार की सुबह उठ कर इसे लेकर चींटियों वाले पेड़ के पास जाए। गोले को निकाल कर पेड़ की किसी शाखा, या खोल में रख दे तथा मिश्रण को गोले के ऊपर डाल दे। थैले को कहीं भी फेंक दे। वापस बिना मुड़े अपने घर आ जाए। विवाह संबंधी स्थिति में सुधार होगा। आवश्यक हो, तो इस प्रयोग को 2-3 बार किया जा सकता है।
    सावधानी: बुधवार को उठने के बाद प्रयोग कर के वापस घर आने तक मौन रहना जरूरी है।
    कुंडली में विवाह प्रतिबंधक योग, विष कन्या योग आदि हों, तो प्रयोग के साथ वाणेशी मंत्र का जप करें, या कराएं। किसी भी ज्योतिषी से विवाह प्रति¬बंधक व विष कन्या योगों की जानकारी ली जा सकती है।
    ससुराल में सुखी रहने के लिएः
    साबुत हल्दी की 7 गांठें, पीतल । का एक टुकड़ा, थोड़ा सा गुड़ अगर कन्या अपने हाथ से ससुराल की तरफ फेंक दे, तो वह ससुराल में सुरक्षित और सुखी रहेगी।
    सास-बहू के बीच क्लेश दूर करने का सरल उपाय:
    यदि परिवार में सास-बहू के मध्य हमेशा झगड़ा होता रहता हो जिसके कारण परिवार में कलह की स्थिति बनी रहती हो तो निम्न मंत्र का 21 दिनों तक प्रति दिन 11 माला जप करने से कलह से मुक्ति मिलती है।
    मंत्र: ऊँ शांति
    वैवाहिक सुख के लिए: कन्या का जब विवाह हो चुका हो और वह विदा हो रही हो, तो एक लोटे में हल्दी और एक पीला सिक्का डाल कर, लड़की के सिर के ऊपर से 7 बार घुमा कर, उसके आगे फेंक दें। वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।
    वर-वधू में प्यार के लिए:
    साबुत काले माह में हरी मेहंदी मिला कर, जिस दिशा में वर-वधू का घर हो, उस तरफ फेंकें, तो वर-वधू में प्यार बढ़ेगा और क्लेश समाप्त होगा। यह क्रिया शादी के समय भी कर सकते हैं।
    पति की अप्रसन्नता को दूर करने का उपाय:
    यदि पति हमेशा अप्रसन्न रहता हो, पत्नी की बातों पर ध्यान न देता हो, हमेशा खोया-खोया सा रहता हो जिसके कारण वैवाहिक जीवन में कलह उत्पन्न हो रही हो तथा सारे प्रयत्न निष्फल हो रहे हांे तो पत्नी पति की अनुकूलता के लिए श्रद्धा विश्वास पूर्वक भगवान शंकर एवं माता पार्वती का ध्यान करके सोमवार से निम्न मंत्र का एक माला जप करे।
    मंत्र: ऊँ क्लीं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पतिवेदनम्।
    उर्वारुकमिव बन्धनादितो मुक्षीय मामृतात् क्ली ऊँ
    यदि पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर हमेशा झगड़ा होता रहता हो तथा इस कारण से पारिवारिक कलह बनी रहती हो तो निम्न उपाय करने से लाभ होगा।
    शुद्ध स्फटिक से बने शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा करवाकर अपने घर में स्थापित करें। 41 दिन तक नित्य शिवलिंग पर गंगा जल एवं बेल पत्र चढ़ाएं। उसके पश्चात् निम्न मंत्र का नित्य 5 माला जप करें।
    ऊँ नमः शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु कुरु स्वाहा।
    पति-पत्नी के बीच लड़ाई- झगड़ा हो तो रात को सोते समय पति अपने सिरहाने सिंदूर तथा पत्नी कपूर रखे। सुबह उठ कर पत्नी कपूर को जला दे तथा पति सिंदूर को घर में कहीं भी गिरा दे, तो घर में लड़ाई-झगड़े खत्म हो जाएंगे तथा सुख-शांति बनी रहेगी।
    परिवार में सुख के लिए:
    परिवार में सुख-शांति तथा समृद्धि के लिए प्रति दिन प्रथम रोटी के चार बराबर भाग करें। एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को दें तथा चैथा भाग चैराहे पर रखें।
    हर प्रकार की सुख-शांति के लिए:
    अशोक वृक्ष के सात पत्ते मंदिर में रख कर पूजा करें। जब वे मुरझाने लगें, तो नए पत्ते रख दें और पुराने को पीपल के नीचे रख आएं। इससे घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
    गृह शांति के लिए:
    एक पतंग पर अपने कष्ट तथा परेशानियां लिखें। उसे हवा में उड़ा कर छोड़ दें। ऐसा 7 दिन लगातार करें। सभी कष्ट तथा परेशानियां दूर हो जाएंगी तथा घर में सुख-शांति आएगी।
    घर में अशांति रहने पर:
    यदि आपके लाख उपाय करने पर भी अकारण ही अशांति बनी रहती हो, तो गाय के गोबर का एक छोटा दीपक बनाएं। उसमें तेल और रूई की बत्ती डाल कर थोड़ा गुड़ डाल दें तथा उस दीपक को जला कर दरवाजे के बीच रख दें। परेशानियां कम होने लगेंगी। इसे आवश्यकतानुसार 2-3 बार, थोड़े समय के अंतराल से, कर लेना चाहिए। इसके लिए शनिवार विशेष उपयुक्त दिन है तथा तिल का तेल श्रेष्ठ है।
    घरेलू झगड़ा होने पर:
    घर में प्रायः क्लेश रहता हो, या छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होना हो तो घर में गेहूं केवल सोमवार या शनिवार को ही पिसवाएं। पिसवाने से पहले उसमें 100 ग्राम काले चने डाल दें। इस प्रकार का आटा खाने से धीरे-धीरे लड़ाई-झगड़े तथा घर में क्लेश खत्म हो जाएंगे।
    मानसिक शांति एवं कार्य की सफलता हेतु:
    कुंडली में चंद्रमा पाप पीड़ित या अशुभ होने पर पारिवा¬रिक अशांति, धन की कमी तथा कार्य संचालन में परेशानी देता है। इससे बचाव के लिए रविवार की रात को सोते समय, चांदी या स्टील के गिलास में थोड़ा कच्चा दूध डाल कर उसे सिरहाने रख कर सो जाएं। सोमवार की सुबह इस दूध को कीकर (बबूल) के पेड़ पर चढ़ा आएं।
    सावधानी: गिलास को किसी बर्तन से न ढकें।
    बाहरी बाधा के कारण परेशानी रहने पर: यदि बाहरी बाधा के कारण घर अथवा व्यवसाय में परेशानी महसूस होती हो, तो अपने निवास/व्यवसाय स्थान के पास जो भी वृक्ष हो, उसकी जड़ में शाम को दूध डालकर वहां अगरबत्ती जलाने से लाभ होता है। इसके लिए सामवार उपयुक्त दिन है।
    सर्व आपदा दुख निवारण हेतु:
    किसी प्रकार की विपत्ति आने का भय हो अथवा आपदाग्रस्त हो, मनोबल कमजोर हो गया हो, जीवन में बार-बार अशुभ घटनाओं के कारण मन दुखी रहता हो तो श्रद्धा विश्वासपूर्वक निम्न मंत्र का मानसिक जप अथवा लाल चंदन की माला से पांच माला नित्य जप करने से शीघ्र लाभ होता है।
    करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राणिभिहन्तु चापदः।
    आर्थिक परेशानी निवारण का अचूक उपाय:
    यदि आर्थिक समस्या के कारण परिवार में कलह रहती हो, आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई हो कि कुछ भी उपाय न सूझ रहा हो तो कनकधारा यंत्र को अपने घर में अथवा व्यवसाय स्थल पर षोड्शोपचार विधि से पूजन एवं प्राण प्रतिष्ठत करके स्थापित करें। 21 दिन तक नित्य यंत्र के सम्मुख बैठकर श्रद्धा विश्वासपूर्वक कनकधारा स्तोत्र के 11 पाठ करें।
    मां लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक परेशानी से छुटकारा अवश्य मिलेगा।
    मुकदमा, कोर्ट-कचहरी के मामलों के निवारण हेतु उपाय:
    यदि कोर्ट-कचहरी संबंधी मामलों के कारण जीवन में संघर्ष तथा तनाव बना रहता हो, कार्य में मन न लगता हो, शत्रुओं के झूठे षड्यंत्र के कारण विपत्ति में फंसे हांे तो भौतिक प्रयासों के साथ-साथ आध्यात्मिक उपाय करने से आई हुई विपत्ति टल जाती है जिससे जीवन में पुनः सुख शांति लौटती है।
    शुक्ल पक्ष में किसी शुभ मुहूर्त या मंगलवार को तांबे या सोने से बने बगलामुखी यंत्र को पूर्ण विधि विधान के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा करके घर में स्थापित करें। उसके बाद बगलामुखी मंत्र का 36 हजार की संख्या में जप और उसका दशांश हवन करें। साधना काल में पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करें। जप के लिए हल्दी की माला, पीले वस्त्र, पीला आसन तथा एक समय का भोजन भी पीले रंग का होना चाहिए। इस प्रकार की विधि से पवित्र अवस्था में जप करने से मां बगलामुखी की कृपादृष्टि शीघ्र प्राप्त होती है। साधना काल में त्रुटि होने पर इसका उलटा प्रभाव भी हो सकता है। इसलिए इस साधना को किसी अनुभवी, सिद्ध गुरु के सान्निध्य में संपन्न करें या किसी सुयोग्य कर्मकांडी ब्राह्मण से अनुष्ठान करा सकते हैं।
    ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा
    भय नाश के लिए:
    मन में हमेशा भय बना रहता हो, हर समय अनिष्ट की आशंका रहती हो, दब्बूपन की आदत बन गई हो, धैर्य एवं साहस में कमी हो जिसके कारण मनोबल कमजोर पड़ गया हो, हमेशा मानसिक परेशानी रहती हो तो भगवती दुर्गा का यंत्र पूजा व प्राण प्रतिष्ठा करके अपने घर में स्थापित कर और यंत्र के सम्मुख बैठ कर नित्य निम्न मंत्र का जप करें।
    सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति-समन्विते।
    भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते।।

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