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अस्थमा को जड़ से खत्म करते है ये आयुर्वेदिक नुस्खे

सांस लिए बिना व्यक्ति दो मिनट तक भी नहीं रह सकता, लेकिन फिर भी लोग इसे बेहद सामान्य मानते हैं। आप भले ही सांसों का मोल न समझते हों लेकिन इसकी वास्तविक कीमत एक अस्थमा पीडि़त व्यक्ति ही समझ सकता है। श्वसन संबंधी यह समस्या कभी−कभी जानलेवा भी साबित होती है। यूं तो आप इसके लिए दवाई का सेवन करते होंगे लेकिन कुछ प्राकृतिक उपचार करने से अस्थमा अटैक को काफी हद तक कम किया जा सकता है। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में−

अस्थमा में लाल प्याज
लाल प्याज में मौजूद कई यौगिक जैसे कि थिओसल्फेट, क्यूसरसेटिन और एंथोसियानिन सियानिडिन होता है। ये फ्लेवेनॉएड और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में होते हैं और इनकी वजह से ही लाल प्याज अस्थमा और एलर्जी के इलाज में कारगर होती है।
यहां हम आपको लाल प्याज से अस्थमा का इलाज और इससे राहत पाने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं। इसकी मदद से आप जान सकते हैं कि अस्थमा के उपचार में आप किस तरह लाल प्याज का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सामग्री
250 ग्राम लाल प्याज, 3 से 4 चम्मच शहद, 150 ग्राम ब्राउन शुगर, एक नींबू और 2 से 3 गिलास पानी।

बनाने का तरीका
अस्थमा के इलाज में लाल प्याज को इस्तेमाल करने का तरीका इस प्रकार है-
सबसे पहले एक बर्तन लें और उसमें ब्राउन शुगर को डालकर पिघला लें। इतने लाल प्याज को काट कर रख लें। जब शुगर पिघल जाएं तब इसमें कटी हुई लाल प्याज डालें और चलाते रहें। इसके बाद इस मिश्रण में पानी डालें और जब तक इसका पानी एक एक तिहाई न रह जाए, तब तक इसे उबालते रहें। इसके बाद मिश्रण को ठंडा होने के लिए कुछ मिनट रख दें और जब ये ठंडा हो जाए तो इसमें नींबू और शहद डालकर मिलाएं। इस मिश्रण को एक कांच के जार में भरकर रातभर के लिए रख दें।

आंवला पाउडर
2 टीस्पून आंवला पाउडर में 1 टीस्पून शहद मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करें। रोजाना इसका सेवन अस्थमा को कंट्रोल करता है।

पालक और गाजर
पालक और गाजर के रस को मिलाकर रोजाना पीने से भी अस्थमा की समस्या दूर होती है।

अजवायन व लौंग फायदेमंद
अजवायन व लौंग फायदेमंद ठंड में अस्थमा के रोगी को यदि अजवायन के बीज और लौंग की समान मात्रा का 5 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दिया जाए तो काफी फ़ायदा होता है। यदि बीजों को भूनकर एक सूती कपड़े मे लपेट लिया जाए और रात तकिये के नजदीक रखा जाए तो दमा, सर्दी, खांसी के रोगियों को रात को नींद में सांस लेने मे तकलीफ़ नहीं होती है।

सांस फूलना दूर करें पान व पालक का जूस
सांस फूलना दूर करें पान व पालक का जूस डाँग-गुजरात के आदिवासियों के अनुसार पान के पत्तों के साथ अशोक के बीजों का चूर्ण की एक चम्मच मात्रा चबाने से सांस फूलने की शिकायत और दमा में आराम मिलता है। पालक के एक गिलास जूस में स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से दमा और श्वास रोगों में खूब लाभ मिलता है।

मेथी के बीज
दमा रोग की अचूक दवा है 10 ग्राम मेथी के बीज को एक गिलास पानी मे उबाल लें और जब यह पककर तीसरा हिस्सा रह जाएं तो ठंडा करके इसे पी लें। यह दमा रोग का सरल उपाय अनेकों रोगों में फ़यदेमंद है।

सहजन
अस्थमा रोग की रामबाण औषधि सहजन की पत्तियों को उबालकर छान लें और उसमें चुटकी भर नमक, एक चौथाई नींबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिलाकर पी लें। कुछ ही दिनों में लाभ दिखने लगेगा।

तुलसी
तुलसी के पत्तों का पेस्ट दो चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से अस्थमा रोग चला जाता है।

केले
छिलके सहित एक केले को हल्की आंच पर भुन लें। फिर इस केले का छिलका उतार कर इस पर काली मिर्च का पाउडर बुरक कर खाने से दमा रोग में लाभ प्राप्त होता है।

सर्दी में अस्थमा से बचने के लिए अपने आहार में इन्हें करें शामिल

दमा के इलाज में लहसुन रामबाण औषधि का काम करता है। 30 मि.ली. दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का नियमित तौर पर सेवन करें। इसका हर रोज इस्तेमाल करने से अस्थमा की शुरुआती अवस्था में लाभ होता है।

अदरक वाली गरमागरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से अस्थमा नियंत्रित रहता है। सर्दियों के मौसम में सुबह-शाम इस चाय का सेवन करने से मरीज को लाभ होता है।

पानी में अजवाइन मिलाकर इसे अच्छी तरह से उबाल लें। अब इस पानी से भाप लें। इससे आपके गले को आराम मिलेगा और अस्थमा की समस्या नियंत्रित भी रहेगी।

चार-पांच लौंग को एक कप पानी में पांच मिनट तक उबालें। इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और इसे गरम-गरम पिएं। प्रतिदिन दो से तीन बार यह काढ़ा पीने से अस्थमा के मरीज को राहत मिलती है।

    

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