Phone

9140565719

Email

mindfulyogawithmeenu@gmail.com

Opening Hours

Mon - Fri: 7AM - 7PM

टाइफाइड बुखार क्या है? टाइफाइड बुखार होने पर परहेज व घरेलु उपचार:

टाइफाइड बुखार के बारे में आप सभी जानते होंगे | आप सभी ने टाइफाइड बुखार/Typhoid Fever का नाम तो बहुत सुना होगा लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर टाइफाइड बुखार क्या है, यह ख़ास किस्म का बुखार कैसे फैलता है ? आइये जानते है का प्रयास करते है इस पोस्ट के माध्यम से | टाइफाइड बुखार के खास किस्म के बैक्टीरिया द्वारा फैलता है | इस बैक्टीरिया का नाम साल्मोनेला है | यह दूषित पानी और दूषित भोजन द्वारा आपके शरीर में प्रवेश करता है |
साल्मोनेला बैक्टीरिया लम्बे समय तक दूषित पानी या भोजन में जीवित रह सकता है जैसे ही यह आपके शरीर में प्रवेश करता है हमारे पाचन तन्त्र के माध्यम द्वारा ये बैक्टेरिया हमारे खून में प्रवेश कर जाता है और आपको बुखार आ जाता है | टाइफाइड बुखार एक सीरियस बीमारी है | इसके उपचार में थोडा अधिक समय लगता है | आधुनिक चिकित्सा में टाइफाइड बुखार को एंटी बायोटिक दवाओं और इंजेक्शन के माध्यम treat किया जाता है | टाइफाइड बुखार होने पर मरीज को दवा के साथ-साथ परहेज पर विशेष रूप से ध्यान देने कि आवश्यकता होती है |

टाइफाइड बुखार
टाइफाइड बुखार/Typhoid Fever को आम भाषा में मोतीझरा या मियादी बुखार भी कहते है | जो लोग साफ़-सफाई का विशेष ध्यान नहीं रखते है वे अधिकतर इस रोग कि गिरफ्त में आते है | टाइफाइड बुखार में रोगी को एकदम से तेज बुखार आता है दवाई लेने पर बुखार कम हो जाता है, दवाई का असर कम होने पर बुखार फिर से आ जाता है | इस प्रकार से टाइफाइड बुखार लम्बी अवधि तक रोगी को परेशान करता है | अधिकतर देखा गया है की टाइफाइड बुखार बारिश के मौसम में अधिक फैलता है | क्योंकि बारिस के मौसम में पानी के द्वारा गंदगी अधिक फैलती है और साफ-सफाई पर इन दिनों विशेष ध्यान नहीं दिया जाता |
टाइफाइड बुखार आने पर रोगी को क्या-क्या लक्षण दिखाई देते है :
 एकदम से तेज बुखार आना, ठण्ड लगकर तेज बुखार आना टाइफाइड बुखार के लक्षण हो सकते है |
 भूख कम लगना, गले में खरास, सर दर्द बना रहा, बार-बार बुखार के साथ-साथ उल्टी आना, दस्त लग जाना |
 शरीर में कमजोरी आना, पेट में दर्द, पेट भारी ये सभी लक्षण रोगी को बुखार के साथ आते है |
यह जरुरी नहीं की उपरोक्त लक्षण होने पर रोगी को टाइफाइड बुखार ही है | सामान्य या वायरल बुखार में भी ये लक्षण दिखाई देते है | इसलिए यह जरुरी है की उपरोक्त प्रकार के लक्षण प्रतीत होने पर खून – मल और मूत्र कि जांच करायी जाये | पुष्टि होने पर ही टाइफाइड बुखार का उपचार करना चाहिए |
टाइफाइड बुखार होने पर उपचार परहेज व घरेलु उपचार :
टाइफाइड बुखार/Typhoid Fever होने पर इसका उचित उपचार बहुत आवश्यक है | आप आधुनिक चिकित्सा या आयुर्वेद पद्दति दोनों में से किसी भी पद्दति द्वारा अपना इलाज करा सकते है | यदि आप इलाज के साथ-साथ कुछ परहेज का भी विशेष ध्यान रखेंगे तो आपको अति शीघ्र आराम मिलेगा और आप जल्द ही स्वस्थ हो जायेंगे | कुछ प्रभावी घरेलु उपाय भी आप अपने इलाज के साथ-साथ प्रयोग में ला सकते है इनका प्रयोग पूर्ण रूप से सुरक्षित व लाभ देने वाला है | प्रथम आइये जानते है टाइफाइड बुखार होने पर मरीज को क्या-क्या परेहज का पालन करना चाहिए :
 टाइफाइड बुखार का संक्रमण एक व्यक्ति से दुसरे को हो सकता है इसलिए प्रथम जिस व्यक्ति को टाइफाइड हो जाता है उसे इसे फैलने से रोकना चाहिए | ध्यान रखे, रोगी व्यक्ति साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखे |
 टाइफाइड बुखार/Typhoid Fever ठीक होने में समय लगता है इसलिए जब तक आप पूर्ण रूप से ठीक न हो जाये, अधिक मेहनत करने से बचे | टाइफाइड होने पर अधिक से अधिक आराम करना चाहिए |
 टाइफाइड बुखार होने पर, ठंडी तासीर वाली चीजे, कोल्ड ड्रिंक्स, ice cream, जंक फ़ूड, अधिक मसालेदार भोजन,बासी भोजन, चावल व गरिष्ट भोजन नहीं करना चाहिए | टाइफाइड बुखार में हल्का व सुपाच्य व ताजा भोजन ही करना चाहिए |

टाइफाइड होने पर घरेलु उपचार : –
टाइफाइड बुखार होने पर घरेलु उपचार बहुत फायदा करते है | आइये जानते है इन घरेलु औषधियों के विषय में :
 तुलसी -मुलेठी -शहद -अदरक -लौंग -लहसुन -सेब का रस ये सभी टाइफाइड बुखार में बहुत फायदा करते है | तुलसी को पानी में उबालकर सेवन तुलसी अर्क बनाकर सेवन करना चाहिए |
 फलों का सेवन अधिक करें | संतरा, अंगूर का रस, नारियल पानी, चुकंदर, अन्नानास, गाजर व सेब के जूस का सेवन अधिक करना चाहिए |
 टाइफाइड होने पर सुबह-सुबह खाली पेट २ चम्मच गौ मूत्र पीने से लाभ मिलता है |
 ग्रीन tea व इम्यून सिस्टम बूस्ट करने वाले आयुर्वेदिक काढ़े का सेवन करने से लाभ मिलता है |
 अश्वगंधा चूर्ण या टेबलेट का सेवन नियमित रूप से करने से हर प्रकार के बुखार में लाभ मिलता है |
 गिलोय सत्व का सेवन करने से हर प्रकार के बुखार में १००% आराम मिलता है | (गिलोय के फायदे )
 कुछ आयुर्वेदिक औषधियां जैसे : ब्राह्मी वटी, संजीवनी वटी, ज्वरनाशक क्वाथ, सुदर्शन घन वटी | ये कुछ प्रसिद्द दवाएं है जो टाइफाइड बुखार/Fever में गुणकारी होती है | इनके सेवन कि मात्रा वैद्य कि सलाह द्वारा ही निश्चित करनी चाहिए |
यदि आपको बुखार/Fever 4 या 5 दिनों तक बना रहता है तो जरुरी है की आप टाइफाइड, मलेरिया, डेंगू बुखार कि जांच अवश्य कराये | जांच के आधार पर ही उपचार करना समझदारी है | टाइफाइड बुखार काफी दिनों तक रह सकता है | इसलिए टाइफाइड बुखार के ठीक होने के बाद रोगी शारीरिक रूप से कमजोरी महसूस कर सकते है | पूर्णतः ठीक होने के बाद कुछ दिन वसंत कुसुमाकर रस या multivitamin और अश्वगंधा टेबलेट का सेवन करने से पुनः शारीरिक शक्ति अर्जित कि जा सकती है |

Recommended Articles

Leave A Comment