रोग से मुक्ति का बगलामुखी प्रयोग ॥
॥ प्रयोग सामग्री ॥
एक मिट्टी कि कुल्हड़–मटका–छोटा सा,सरसों का तेल ,काला तिल,सिंदूर,काला कपड़ा
॥ प्रयोग विधि ॥
शनिवार के दिन शाम को ४ या ४:३० बजे स्नान करके साधना मे प्रयुक्त हो जाये.मिट्टी कि कुल्हड़ मे सरसों कि तेल को भर दीजिये।उसी तेल म काले तिल डाल दीजिये.और काले कपडे से कुल्हड़ का मुह को बंद कर दीजिये.अब ३६ अक्षर के बगलामुखी मंत्र का १ माला जाप कीजिये.और कुल्हड़ के उपर थोड़ा सा सिंदूर डाल दीजिये.और माँ बगलामुखी से भी रोग बाधा मुक्ति कि प्रार्थना कीजिये.और माढभोभभभला निम्मन मंत्र का जाप करेभ
ॐ ह्लीं (ह्लीम्) (श्रीम्) ह्लीं (ह्लीम्) मम(अमुक) रोग बाधा नाशय नाशय फट् ।।
मंत्र जाप समप्ति के बाद कुल्हड़ को जमींन गाड़दीजिये। जमीन में गड्ढा प्रयोग से पहिले खोद लें।यह प्रयोग स्वंय के लिए हो तो मन्त्र में ममब्द का उच्चारण करें और किसी अन्य के लिए कर रहे है तो त्र में मम की जगह व्यक्ति का नाम बोले और उस बीमारव्यक्ति से कुल्हड़ को स्पर्श करवाते हुये कुल्हड़ कजमींन मे गाड़ दीजिये और स्वंय या बीमार व्यक्ति के स्वस्थ्य होने की प्रार्थना करे।कुछ परिस्थितियों मे एक शनिवार मे अनुभूतिया कम हो तो यह प्रयोग आगे भी किसी अन्य शनिवार को कर सकते है